पश्चिम बंगाल में आयोजित हो रहे 48वें अंतर्राष्ट्रीय कोलकाता पुस्तक मेले में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) को स्टॉल लागने की अनुमति नहीं दी गई है। इसको लेकर विहिप ने शुक्रवार (17 जनवरी) को कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस हिंदू संगठन ने पिछले साल अक्टूबर में प्रकाशक और पुस्तक विक्रेता गिल्ड के पास एक स्टॉल के लिए आवेदन किया था।
अपने आवेदन में विश्व हिंदू परिषद ने कहा था कि वह कई वर्षों से पुस्तक मेले में भाग लेता रहा है और इस बार भी एक स्टॉल लगाना चाहता है। विहिप के आवेदन को ना ही स्वीकृत किया गया और ना ही खारिज किया गया। विहिप का कहना है कि उसके आवेदन को लंबित रखा गया। विहिप के बार-बार कहने के बावजूद प्रकाशक एवं पुस्तक विक्रेता गिल्ड की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई।
प्रकाशक एवं पुस्तक विक्रेता गिल्ड अब दावा कर रहा है कि 28 जनवरी 2025 से 9 फरवरी 2025 तक आयोजित होने वाले पुस्तक मेले में स्टॉल के लिए विहिप द्वारा दिया गया आवेदन ‘निर्दिष्ट फॉर्म में नहीं है’। इसलिए उसके आवेदन को अस्वीकार कर दिया गया है। गिल्ड का यह भी आरोप है कि हिंदू अधिकार संगठन विहिप ने इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आवश्यक ‘शर्तों को पूरा नहीं किया’ है।
सुनवाई के दौरान गिल्ड की ओर से पेश वकील ने दावा किया, “विश्व हिंदू परिषद द्वारा प्रकाशित पुस्तकें संवेदनशील और विवादास्पद हैं। ये पुस्तकें अशांति फैला सकती हैं।” उन्होंने आगे कहा, “गिल्ड ऐसी कोई अशांति नहीं चाहता। इसलिए उसने इस साल के मेले में वीएचपी को कोई स्टॉल आवंटित नहीं करने का फैसला किया है।”
कलकत्ता हाई कोर्ट की जस्टिस अमृता सिन्हा ने पूछा, “क्या गिल्ड को पता है कि वीएचपी के पास उसके प्रकाशन हैं? गिल्ड ने पहले भी वीएचपी को स्टॉल आवंटित किए थे। अचानक ऐसा क्या हुआ कि गिल्ड को लगने लगा कि वीएचपी के प्रकाशन इतने संवेदनशील और विवादास्पद हैं कि वे परेशानी खड़ी कर सकते हैं?” इस पर अगली सुनवाई सोमवार (20 जनवरी) को होगी।