पश्चिम बंगाल के हावड़ा (Howrah, West Bengal) जिले के आमता थाना अंतर्गत छात्र नेता अनीस खान (Anish khan) की हत्या के बाद अज्ञात अपराधियों ने उनके भाई सलमान खान पर निशाना बनाया है। बदमाशों ने ना सिर्फ उन्हें पीटा, बल्कि उन पर धारदार हथियार से हमला भी किया। इस घटना के बाद राज्य की राजनीति में एक बार फिर बवाल खड़ा हो गया है।
सलमान ने पुलिस को बताया कि शनिवार (10 सितंबर 2022) को सुबह 12 बजे उस समय उन पर हमला किया गया, जब वे अपने घर के बाहर बैठे हुए थे। उन्होंने बताया कि वे हमलावरों का चेहरा नहीं देख पाए, क्योंकि बाहर गहरा अंधेरा था।
अनीस खान के दादा साबिर खान का कहना है कि अज्ञात अपराधियों ने सलमान खान को कई बार पीटा और उन पर धारदार हथियार से हमला क हत्या करने की कोशिश की। बता दें कि छात्र नेता अनीस खान की हत्या में सत्ताधारी तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) नेता पर उंगली उठ रही है।
सलमान खान छात्र नेता अनीस खान के चचेरे भाई हैं। अनीस की हत्या के चश्मदीद गवाहों में सलमान खान भी शामिल है। अनीस हत्याकांड मामले को लेकर सलमान हमेशा एक्टिव थे। उनके दादा साबिर खान का कहना है कि अनीस मर्डर मामले में एक्टिव रहने के कारण ही सलमान को मारने के इरादे से यह हमला किया गया।
हमले में गंभीर रूप से घायल होने के बाद सलमान को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालाँकि, स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बाद में उलुबेरिया उपमंडल अस्पताल में रेफर कर दिया गया।
साबिर खान का कहना है कि सलमान खान पर हमला करने वाले लोगों की पहचान कर ली गई है। उन्होंने बताया कि पुलिस में शिकायत करने के दौरान इन सभी की पहचान की जाएगी। उन्होंने कहा कि चश्मदीद गवाह होने के कारण सलमान को लगातार धमकियाँ मिल रही थीं। इसकी पुलिस में भी शिकायत की गई थी।
सलमान पर हमले के बाद मृतक अनीस के परिवार ने एक बार फिर से हत्याकांड की जाँच सीबीआई से कराने की माँग की है। साबिर खान का कहना है कि उनके परिवार की ओर से अमाता थाने में सुरक्षा को लेकर लिखित शिकायत दर्ज कराई गई थी। इसके बाद भी उनके परिवार पर हमले हो रहे हैं।
बता दें कि इसी साल 22 फरवरी को अनीस खान की हत्या उन के घर पर कर दी गई थी। परिजनों का आरोप है कि पश्चिम बंगाल पुलिस वर्दी में आए हमलावरों ने अनीस को बुरी तरह पीटा और फिर उठाकर छत से फेंक दिया। उन्होंने अनीस की हत्या के लिए राज्य पुलिस और टीएमसी के एक नेता हंसू खान और उनके सहयोगी को जिम्मेदार ठहराया था।
अनीस की हत्या के बाद राज्य भर छात्रों ने जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किया था। इसके बाद राज्य की ममता बनर्जी की सरकार ने एक SI सहित तीन छोटे पुलिस कर्मियों को हटाकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली थी। राज्य सरकार ने कोर्ट में भी कहा था कि पुलिस की भूमिका सही नहीं थी।
हत्या से पहले छात्र नेता पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ पिछले 130 दिनों से धरना दे रहे थे। अनीस के नेतृत्व में छात्रों के प्रदर्शन से राज्य की ममता सरकार असहज हो गई थी और अनीश खान पर तरह-तरह से दबाव बनाया जा रहा था। अंत में उनकी हत्या कर दी गई थी।