जस्टिस (रिटायर्ड) रोहिंग्टन फली नरीमन ने भाजपा पर ‘हेट स्पीच’ को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि देश में अल्पसंख्यकों के नरसंहार के लिए उकसाया जा रहा है और ‘हेट स्पीच’ की घटनाओं में वृद्धि हो रही है। उन्होंने सत्ताधारी पार्टी पर ऐसी घटनाओं को बढ़ावा देने और इस पर चुप्पी साधे रखने का आरोप लगाते हुए कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके अलावा वो ये दावा भी कर बैठे कि छात्रों और कॉमेडियनों पर देशद्रोह की धाराओं में मामला दर्ज किया जा रहा है।
उन्होंने शुक्रवार (14 जनवरी, 2021) को मुंबई के ‘डीएम हरीश स्कूल ऑफ लॉ’ में आयोजित एक कार्यक्रम में ‘Constitutional Underpinnings of the Rule of Law (कानून के शासन के संवैधानिक आधार)’ पर बोलते हुए ये बातें कही। उन्होंने आरोप लगाया कि युवाओं को देशद्रोह की धाराओं में गिरफ्तार किया जा रहा है। उन्होंने इसे अंग्रेजी जमाने का कानून बताते हुए कहा कि आज इसकी आवश्यकता नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि अल्पसंख्यकों के नरसंहार के बयान देने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
सुरक्षा मामलों के जानकर दिव्य कुमार सोती ने उनके इस बयान पर टिप्पणी करते हुए पूछा कि क्या वो असदुद्दीन ओवैसी या फिर मौलाना तौकीर रजा की बात कर रहे हैं? बता दें कि मौलान तौकीर रजा ने देश का नक्शा बदलने की बात करते हुए कहा था कि हिंदुओं को भागने के लिए पनाह नहीं मिलेगी। जबकि ओवैसी ब्रदर्स हिन्दुओं के खिलाफ घृणा भरे भड़काऊ भाषणों के लिए कुख्यात हैं। जस्टिस रोहिंग्टन फली नरीमन ने मुगलों की आलोचना पर भी आपत्ति जताते हुए अकबर को ‘सेक्युलर’ करार दिया।
Is he talking about Owaisi and Tauqir Raza? https://t.co/XObYsbQcb3
— Divya Kumar Soti (@DivyaSoti) January 19, 2022
बता दें कि सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने सम्बंधित जजमेंट सुनाने वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ में वो भी शामिल थे। अब भारत को विविध संस्कृतियों का देश बताते हुए जस्टिस रोहिंग्टन फली नरीमन ने इस इस पर आपत्ति जताई कि सबरीमाला मंदिर में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद महिलाओं को एंट्री नहीं दी जा रही है। उन्होंने कि ‘फ्री स्पीच’ को तब तक अनुमति दी जानी चाहिए, जब तक इसमें हिंसा की बात न हो। इस बयान के कारण वो आलोचना के शिकार भी हो रहे हैं।