विवादित वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक अर्जी दायर की है, जिसमें अवमानना मामले के संबंध में उनकी सजा पर सुनवाई टालने की माँग की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को अपने विवादित बयान (ट्वीट) पर पुनर्विचार करने के लिए 2 दिन का समय दिया है।
प्रशांत भूषण ने कहा कि वह उनके दोषी ठहराए जाने के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर करने का इरादा रखते हैं और सजा पर सुनवाई तब तक के लिए टाल दी जाए, जब तक सुप्रीम कोर्ट पुनर्विचार याचिका पर फैसला नहीं सुना देती है।
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह 14 अगस्त को न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने अधिवक्ता प्रशांत भूषण को न्यायपालिका के खिलाफ उनके दो अपमानजनक ट्वीट को लेकर न्यायालय की अवमानना के लिए दोषी ठहराया था। उन्हें 6 महीने की कैद या 2000 रुपए जुर्माना, या फिर दोनों ही सजा सुनाई जा सकती है।
सामाजिक कार्यकर्ता-वकील प्रशांत भूषण को न्यायपालिका के खिलाफ उनके दो अपमानजनक ट्वीट के मामले में अवमानना का दोषी ठहराया था। न्यायमूर्ति अरुणा मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह इस मामले में भूषण को सुनाई जाने वाली सजा पर दलीलें आज, यानी 20 अगस्त को सुन रही है।
Prashant Bhushan Contempt : SC bench headed by Justice Arun Mishra to hear Prashant Bhushan @pbhushan1 on sentence for the offence of criminal content by scandalizing the court. On Aug 14, the SC had held him guilty for contempt of court over two tweets against CJI & SC. pic.twitter.com/UFwThBzgYZ
— Live Law (@LiveLawIndia) August 20, 2020
बृहस्पतिवार को अवमानना मामले में प्रशांत भूषण की सज़ा पर सुप्रीम कोर्ट में बहस शुरू करते हुए भूषण के वकील दुष्यंत दवे ने पुनर्विचार याचिका दाखिल करते हुए सज़ा पर बहस रोकने की माँग की। इस पर जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा- हम जो भी सज़ा तय करेंगे, उस पर अमल पुनर्विचार याचिका पर फैसले तक स्थगित रखा जा सकता है।
प्रशांत के वकील दवे ने सुनवाई रोकने की माँग दोहराते हुए कहा कि कोर्ट ऐसा जताना चाहती है कि उसे जस्टिस अरुण मिश्रा के रिटायर होने से पहले फैसला देना ज़रूरी है। इस पर जस्टिस मिश्रा ने कहा कि दोषी ठहराने वाली बेंच ही सज़ा तय करती है और यह स्थापित प्रक्रिया है। ज्ञात हो कि जस्टिस मिश्रा 3 सितंबर को रिटायर होने वाले हैं। दवे ने कहा कि कोई आसमान नहीं टूट जाएगा, अगर कोर्ट प्रशांत भूषण की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई का इंतजार कर लेगी।
दलील सुनने के बाद जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा, “सजा पर बहस होने दीजिए। सजा सुनाए जाने के बाद हम तत्काल सजा लागू नहीं करेंगे। हम पुनर्विचार याचिका पर फैसले का इंतजार कर लेंगे। हमें लगता है कि आप मेरी बेंच को अवॉइड करना चाहते हैं।” लेकिन दिलचस्प यह है कि दूसरी बेंच द्वारा सजा पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण की याचिका भी खारिज कर दी है।
प्रशांत भूषण ने अपनी बात रखते हुए कहा – “मैं इस बात से दुखी हूँ कि मेरी बात को नहीं समझा गया। मुझे मेरे बारे में हुई शिकायत की कॉपी भी उपलब्ध नहीं कराई गई। मैं सज़ा पाने को लेकर चिंतित नहीं। मैंने संवैधानिक ज़िम्मेदारियों के प्रति आगाह करने वाला ट्वीट कर के अपना कर्तव्य निभाया है।”
वकील प्रशांत भूषण की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए एडवोकेट जस्टिस दवे ने जब बेंच को बताया कि उनके पास समीक्षा याचिका दायर करने के लिए 30 दिन का समय है और क्यूरेटिव पिटीशन जैसे विकल्प भी हैं, तो इस पर जस्टिस मिश्रा ने कहा कि अगर हम कोई सजा देते हैं, तो हम आपको आश्वासन देते हैं कि जब तक समीक्षा नहीं हो जाती, तब तक वह सजा लागू नहीं होगी। उन्होंने कहा कि आप हमारे प्रति ईमानदार रहें या नहीं, लेकिन हम आपके प्रति ईमानदार हैं।
‘We will be fair to you, whether or not you are fair to us’: Justice Mishra tells Dave.#PrashantBhushan
— Live Law (@LiveLawIndia) August 20, 2020
जज अरूण मिश्रा की बेंच में शामिल दूसरे जज जस्टिस गवई ने भूषण से पूछा कि क्या वो अपने बयान पर पुनर्विचार करना चाहते हैं? इस पर भूषण ने कहा कि ऐसा कर के कोर्ट अपना समय बर्बाद करेगी क्योंकि वह अपने बयान पर अडिग हैं, चाहे कोई भी सजा सुनाई जाए। भूषण ने कहा कि उन्होंने अपना बयान सोच समझकर दिया था।
Justice Gavai asks Bhushan : Would you like to reconsider your statement?
— Live Law (@LiveLawIndia) August 20, 2020
Bhushan : I don’t want to reconsider the statement. As regards giving time, I don’t think it will serve any useful purpose.#JusticeMishra #PrashanthBhushan @pbhushan1
सुनवाई के दौरान भूषण के वकील धवन कुछ तकनीकी खराबी के कारण डिस्कनेक्ट हो गए तब पीठ ने कहा कि वो अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल को सुनेंगे। अटॉर्नी जनरल ने भूषण को सजा ना देने की बात सामने रखी, जिस पर बेंच ने कहा कि वो इस प्रस्ताव को तब तक नहीं स्वीकार कर सकते जब तक प्रशांत भूषण अपने बयान पर पुनर्विचार करने पर सहमत नहीं होते।
वकील धवन लगातार उन लोगों का जिक्र करते रहे जो प्रशांत भूषण का समर्थन कर रहे हैं। इस पर जस्टिस मिश्रा ने कहा, “हमें लोगों को सजा देने का शौक नहीं है। गलतियाँ किसी से भी हो सकती हैं। ऐसे मामले में, व्यक्ति को यह महसूस करना चाहिए और उसे स्वीकार करना चाहिए।”
जस्टिस मिश्रा ने कहा कि चूँकि आप बहुत से अच्छे काम करते हैं, सिर्फ इस वजह से किसी गलत काम को नकारा नहीं जा सकता। जस्टिस गवई ने कहा कि निर्णय इस निष्कर्ष पर पहुँचा है कि ट्वीट पूरे संस्थान को प्रभावित करते हैं न कि कुछ व्यक्तिगत न्यायाधीशों को। और जहाँ तक सजा की बात है, तो हम तभी उदार हो सकते हैं, जब व्यक्ति माफी माँगता है और वास्तविक अर्थों में गलती का एहसास करता है।
‘When it comes to sentencing, we can be lenient only when the person tenders apology and realizes the mistake in the real sense’, Justice Mishra.#PrashantBhushan #Bhushan @pbhushan1
— Live Law (@LiveLawIndia) August 20, 2020
गौरतलब है कि अवमानना कार्यवाही का कारण अधिवक्ता प्रशांत भूषण द्वारा किए गए 2 ट्वीट हैं। ये ट्वीट 27 जून और 29 जून को किए गए थे। एक ट्वीट में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट पर निशाना साधा था। कहा था कि पिछले 4 मुख्य न्यायधीशों ने देश का लोकतंत्र ध्वस्त करने में अपनी भूमिका निभाई है। वहीं दूसरे ट्वीट में वर्तमान सीजेआई की बाइक के साथ तस्वीर पर सवाल उठाए थे।
ट्वीट में प्रशांत भूषण ने कहा था, “जब भविष्य में इतिहासकार वापस मुड़कर देखेंगे कि किस तरह से पिछले 6 वर्षों में औपचारिक आपातकाल के बिना ही भारत में लोकतंत्र को नष्ट किया गया है, तो वे विशेष रूप से इस विनाश में सर्वोच्च न्यायालय की भूमिका को चिह्नित करेंगे, और पिछले 4 CJI की भूमिका को और भी अधिक विशेष रूप से।”
29 जून को प्रशांत भूषण ने बाइक पर बैठे मुख्य न्यायाधीश एसएस बोबडे की एक तस्वीर ट्वीटर पर शेयर की थी। इसमें उन्होंने उनके बिना मास्क और हेलमेट होने को लेकर सवाल किए थे। हालॉंकि बाद में इसके लिए माफी माँगते हुए उन्होंने कहा था कि मैंने ध्यान नहीं दिया कि बाइक स्टैंड पर है और स्टैंड पर खड़ी बाइक पर हेलमेट लगाना जरूरी नहीं होता, ऐसे में वो इस बात के लिए माफी माँगते हैं कि उन्होंने हेलमेट को लेकर सीजेआई से सवाल किया।