केरल के सबरीमला मंदिर जाने से रोकी गईं बिंदु अम्मिनी और रेहाना फातिमा की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने कोई आदेश देने से इनकार कर दिया है। दोनों महिलाओं ने याचिका दायर कर माँग की थी कि केरल सरकार की ओर से उन्हें पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई जाए। इस पर चीफ़ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच ने शुक्रवार (13 दिसंबर) को सुनवाई की। कोर्ट का कहना है कि यह बहुत ही भावनात्मक मुद्दा है और हम नहीं चाहते हैं कि किसी भी स्थिति में हालात क़ाबू से बाहर हो जाएँ।
#SupremeCourt declines to pass any order on entry of women in #Sabrimala temple till 7-judge bench is constituted.
— IANS Tweets (@ians_india) December 13, 2019
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बेंच ने कहा, ”कुछ मुद्दे ऐसे हैं जिनसे देश में हालात विस्फोटक हो सकते है, यह मुद्दा भी ऐसा ही है। हम कोई हिंसा नहीं चाहते, मंदिर में पुलिस की तैनाती बहुत अच्छी बात नहीं है। यह बेहद भावनात्मक मुद्दा है। हजार साल से वहाँ परम्परा जारी है।”
चीफ जस्टिस बोबडे ने कहा कि पिछले साल 28 सितंबर को आया 5 जजों का फैसला अंतिम नहीं है। कोई भी महिला जो मंदिर जाना चाहती है, वो जाए। लेकिन, अब फ़ैसला पुनर्विचार के लिए सात जजों की बड़ी बेंच के पास भेजा जा चुका है। वही बेंच अब इस भावनात्मक मुद्दे पर अंतिम निर्णय लेगी।
ख़बर के अनुसार, चीफ जस्टिस बोबडे, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि इस मामले में संतुलन बनाए रखने के लिए ज़रूरी है कि कोई आदेश नहीं दिया जाए। उधर, बिंदु की वकील इंदिरा जयसिंह ने कोर्ट से कहा कि हम यहाँ हिंसा को रोकने के लिए आए हैं। देश अहिंसा पर टिका है। हम हिंसा को बढ़ावा नहीं देना चाहते। उन्होंने कहा कि हम सात जजों की पीठ के फ़ैसले का इंतज़ार करेंगे।
ग़ौरतलब है कि केरल सरकार ने सबरीमाला मंदिर में प्रवेश का प्रयास करने वाली महिलाओं की सुरक्षा की गारंटी लेने से इनकार कर दिया था। इस कारण सीपीआई पोलित ब्यूरो की बैठक में मुख्यमंत्री पिनरई विजयन को अन्य वामपंथी नेताओं का कोपभाजन बनना पड़ा था। केरल देवस्वोम बोर्ड के मंत्री कदकामपल्ली सुरेंद्रन ने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के लिए आंदोलन चला रहीं तृप्ति देसाई पर आरोप लगाते हुए कहा था कि तृप्ति देसाई और उनके नेतृत्व वाला गैंग केरल में शांति-व्यवस्था भंग करना चाहता है।
केरल के मंत्री ने तृप्ति देसाई के आंदोलन को एक बहुत बड़ी साज़िश करार दिया था। उन्होंने सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने के लिए हंगामा करने वाली अन्य महिलाओं पर भी गंभीर आरोप लगाए थे। इसके अलावा, उन्होंने एक्टिविस्ट बिंदु अम्मिणी पर हुए हमले को भी एक साज़िश करार दिया था। उन्होंने कहा कि ये सब पूर्व-नियोजित ड्रामा था। दरअसल, बिंदु सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने के लिए जा रही थीं, तभी किसी व्यक्ति ने उनपर मिर्ची स्प्रे से हमला कर दिया था। केरल के मंत्री ने इसे नाटक करार दिया।
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