सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (21 मई, 2024) को उसके अनुच्छेद 370 पर दिए गए निर्णय को लेकर दाखिल पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने इन याचिका में दी गई दलील को मानने से इनकार करते हुए इन्हें खारिज किया।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पाँच सदस्यीय बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। बेंच ने कहा कि याचिकाओं का परीक्षण करने के बाद उसे अपने पुराने निर्णय में कोई भी गलती नहीं दिखती है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के नियमों के आधार पर याचिका को खारिज किया जाता है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान जम्मू कश्मीर से लद्दाख को अलग किए जाने वाले एक्ट की संवैधानिकता पर भी सुनवाई करने से इनकार किया। सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में भारत सरकार के पुराने स्टैंड का हवाला दिया कि वह जल्द ही जम्मू कश्मीर को केन्द्रशासित प्रदेश से पूर्ण राज्य का दर्जा देगी।
सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने लगाई थी। कॉन्फ्रेंस का कहना था कि दिसम्बर 2023 में सुप्रीम कोर्ट के अनुच्छेद 370 को हटाने को सही ठहराने वाले निर्णय में कुछ गलतियाँ थीं, ऐसे में कोर्ट इस फैसले पर दोबारा से विचार करे। हालाँकि, कोर्ट ने यह दलील नहीं मानी और दोबारा सुनवाई से इनकार किया।
गौरतलब है कि 5 अगस्त, 2019 को मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35A को हटा दिया था। इसके साथ जम्मू कश्मीर को दो हिस्सों में बाँट कर दो केन्द्रशासित प्रदेश बनाए गए थे। लद्दाख को अलग केन्द्रशासित प्रदेश का दर्जा दिया गया था।
सरकार के इस निर्णय के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएँ डाली गई थीं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पर सुनवाई करते हुए दिसम्बर 2023 में सरकार के फैसले को सही ठहराया था। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए थे कि केंद्र सरकार सितम्बर 2024 तक जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव करवाए।