सुप्रीम कोर्ट ने ‘टाइम्स नाउ’ की एंकर नविका कुमार को बड़ी राहत देते हुए पुलिस को उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न करने के आदेश दिए हैं। उच्चतम न्यायालय ने यह आदेश नविका कुमार की उस याचिका पर दिया, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज FIR रद्द करने की माँग की थी। इस याचिका पर कोर्ट ने पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, दिल्ली व जम्मू-कश्मीर राज्य सरकारों को नोटिस भेजा है। इस मामले में सुनवाई के लिए 2 सप्ताह का समय दिया गया है। यह आदेश 8 अगस्त, 2022 (सोमवार) को आया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह आदेश जस्टिस कृष्णा मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने दिया है। राज्य सरकारों के अलावा इस केस से जुड़े अन्य लोगों को भी नोटिस भेजी गई है। नाविका कुमार की तरफ से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने बहस की। उन्होंने कहा, “टीवी डिबेट के दौरान नाविका चुप थीं। ज्ञानवापी की इस बहस में एक व्यक्ति ने दूसरे को कुछ कहा तो दूसरे ने उस पर पलटवार किया। नविका ने तो इस बहस को शांत करवाया था।”
पश्चिम बंगाल राज्य सरकार की तरफ से इस मामले में एडवोकेट मेनका गुरस्वामी पेश हुईं थीं। उन्होंने कोर्ट को बताया कि पहली FIR पश्चिम बंगाल में दर्ज हुई थी। इस पर मुकुल रोहतगी ने सवाल किया कि इसमें बंगाल सरकार की अतिरिक्त रुचि क्यों थी ?
बता दें कि 26 मई, 2022 को ज्ञानवापी मुद्दे पर नूपुर शर्मा और तस्लीम अहमद रहमानी के बीच हो रही बहस में तस्लीम द्वारा बार-बार शिवलिंग का अपमान किया जा रहा था। नूपुर शर्मा द्वारा तस्लीम रहमानी को दिए गए जवाब को ऑल्ट न्यूज़ के कथित फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबेर ने काट-छाँट कर सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया, जिस से देश में तनाव फ़ैल गया। इसके चलते देश के अलग-अलग हिस्सों में न सिर्फ हिंसक गतिविधियाँ हुईं थीं, बल्कि नूपुर समर्थकों की हत्या भी की जाने लगी। इस शो की एंकर नविका कुमार थीं, जिन पर कुछ इस्लामी समूहों ने देश के अलग-अलग हिस्सों में FIR दर्ज करवाई थी।
1 जुलाई को नूपुर शर्मा अपने खिलाफ देश भर में हुए FIR के खिलाफ राहत माँगने सुप्रीम कोर्ट गईं तो उन्हें तल्ख़ टिप्पणियों का सामना करना पड़ा था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने मोहम्मद जुबेर और नूपुर शर्मा को देश भर में हुए केस में राहत दी थी और राज्य सरकारों से दंडात्मक कार्रवाई न करने के लिए कहा था।