सुप्रीम कोर्ट ने राफ़ेल विमान सौदे को लेकर उछल-कूद मचा रहे विपक्ष और स्वघोषित डिफेंस-एक्सपर्ट लोगों को करारा झटका दिया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाली बेंच ने राफेल मामले में दायर की गईं सभी पुनर्विचार याचिकाओं को ख़ारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर फ़ैसला सुनाते हुए याचिकाकर्ताओं के द्वारा सौदे की प्रक्रिया में गड़बड़ी की दलीलें को ख़ारिज कर दिया।
The Supreme Court says “Mr Rahul Gandhi needs to be more careful in future” for attributing to the court his remarks. https://t.co/MjG0POUVfj
— ANI (@ANI) November 14, 2019
राफेल संबंधी एक अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी को नसीहत देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी पर उनके बयान दुर्भाग्यपूर्ण थे। लेकिन राहुल गाँधी के लिए राहत की बात यह रही कि सुप्रीम कोर्ट ने उनके ख़िलाफ़ अवमानना नोटिस को निरस्त कर दिया, लेकिन चेतावनी के साथ। कोर्ट ने राहुल गाँधी को चेतावनी दी है कि उन्हें भविष्य में कोर्ट के फ़़ैसलों से संबंधी बातों पर ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। आपको बता दें कि ‘चौकीदार चोर है’ बयान पर राहुल ने माफी माँग ली थी।
इससे पहले राफ़ेल डील मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 14 दिसंबर, 2018 को दिए अपने फ़ैसले में केंद्र सरकार को क्लीन चिट दे दी थी। हालाँकि, इस फ़ैसले की समीक्षा के लिए अदालत में कई याचिकाएँ दायर की गईं और 10 मई, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने इन याचिकाओं पर अपना फ़ैसला सुरक्षित रख लिया था।
फ्रांस से 36 राफ़ेल फाइटर जेट के भारत के सौदे को चुनौती देने वाली जिन याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की, उनमें पूर्व मंत्री अरुण शौरी, यशवंत सिन्हा, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण और आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह की याचिकाएँ शामिल थीं। सभी याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से उसके पिछले साल के फ़ैसले की समीक्षा करने की अपील की थी।
कोर्ट में दायर याचिका में राफ़ेल डील में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे। साथ ही ‘लीक’ दस्तावेज़ों के हवाले से आरोप लगाया गया था कि डील में PMO ने रक्षा मंत्रालय को बगैर भरोसे में लिए अपनी ओर से बातचीत की थी। कोर्ट में विमान डील की क़ीमत को लेकर भी याचिका डाली गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने पिछले फ़ैसले में कहा था कि बिना ठोस सबूतों के वह रक्षा सौदे में कोई भी दखल नहीं देगा।
ग़ौरतलब है कि चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं, उससे पहले उनकी बेंच को कई बड़े फ़ैसले करने हैं।