सुप्रीम कोर्ट ने वह जनहित याचिका खारिज कर दी है जिसमें यति नरसिंहानंद सरस्वती और वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी को गिरफ्तार करने की माँग की थी। याचिका भारतीय मुस्लिम शिया इस्ना आशारी जमात की ओर से दायर की गई थी। याचिका में रिजवी की किताब ‘मोहम्मद’ पर भी प्रतिबंध लगाने की अपील की गई थी।
शीर्ष अदालत से याचिकाकर्ता ने यति नरसिंहानंद और रिजवी को इस्लाम, पैगंबर मोहम्मद और मजहब से जुड़े विषयों पर टीका टिप्पणी करने से रोकने की भी माँग की थी। लेकिन मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित और एसआर भट की पीठ ने इस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। पीठ ने कहा कि संविधान के आर्टिकल 32 के तहत इस तरह की याचिका पर सुनवाई नहीं की जा सकती।
Breaking: Supreme Court refuses to ban book ‘Muhammad’ by Syed Waseem Rizvi aka Jitendra Narayan Singh Tyagi.
— Rajgopal (@rajgopal88) September 2, 2022
गिरफ्तारी की माँग पर सवाल उठाते हुए शीर्ष अदालत ने कहा यदि अनुच्छेद 32 के तहत आपराधिक मुकदमा चलाने और किसी की गिरफ्तारी के मामले में कार्रवाई आगे बढ़ती है तो फिर ललिता कुमारी मामले में दिए गए फैसले का क्या औचित्य रह जाएगा। साथ ही याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या उन्होंने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई है।
अदालत के इन सवालों के बाद याचिकाकर्ता ने गिरफ्तारी की अपील वापस लेने की बात कहते हुए पीठ से अन्य माँगों पर गौर करने की गुहार लगाई। लेकिन पीठ ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि यह आर्टिकल 32 के तहत सुनवाई के योग्य नहीं है। अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि याचिकाकर्ता अन्य विकल्पों के तहत इस दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। याचिका में रिजवी और यति नरसिंहानंद को सुरक्षा और अखंडता, सामाजिक सद्भाव, शांति तथा कानून-व्यवस्था की स्थिति के लिए खतरा बताया गया था।
गौरतलब है कि शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने यति नरसिंहानंद सरस्वती से ही अपनी किताब ‘मोहम्मद’ का विमोचन करवाया था। उन्होंने कुरान की आयतें हटाने को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में कुरान की 26 आयतों को आतंकवाद को बढावा देने वाला बताया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए रिजवी पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया था।
किताब ‘मोहम्मद’ को लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी तथा पार्टी के अन्य नेताओं ने नवंबर 2021 में को हैदराबाद में रिजवी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। ओवैसी ने शिकायत में कहा था, “हिंदी में लिखी गई किताब में इस्लाम और उसके अनुयायियों के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया है।”