Sunday, November 17, 2024
Homeदेश-समाजजब आई तीस्ता सीतलवाड़ की याचिका, भरतनाट्यम देख रहे थे CJI चंद्रचूड़: रिपोर्ट, छुट्टी...

जब आई तीस्ता सीतलवाड़ की याचिका, भरतनाट्यम देख रहे थे CJI चंद्रचूड़: रिपोर्ट, छुट्टी के दिन 2 बार बैठी सुप्रीम कोर्ट-रात को दी जमानत

सुप्रीम कोर्ट के जज केवी विश्वनाथन की बेटी सुवर्णा विश्वनाथन का भरतनाट्यम प्रदर्शन चिन्मय मिशन में हो रहा था। इस कार्यक्रम में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रछूड़, सुप्रीम कोर्ट के कई वर्तमान और पूर्व न्यायाधीश, सॉलिस्टर जनरल तुषार मेहता समेत कई अन्य वरिष्ठ वकील शामिल हुए थे। तभी तीस्ता की याचिका पर सुनवाई की खबर भी आई।

गुजरात दंगों के बाद नरेंद्र मोदी सरकार को बदनाम करने की साजिश रचने वाली तीस्ता सीतलवाड़ को शनिवार (2 जुलाई 2023) में देर रात सुप्रीम कोर्ट ने राहत दे दी। दिलचस्प बात ये है कि सीजेआई चंद्रचूड़ ने एक भरतनाट्यम का प्रोग्राम देखते हुए उनकी याचिका पर अपनी नजर बनाए रखी और सुनिश्चित किया कि कल यानी कि रविवार को ही मामले की सुनवाई हो जाए।

सीजेआई को करीब 7 बजे पता चला था कि जो पीठ तीस्ता की बेल याचिका सुन रही थी उन्होंने जमानत को लेकर मत अलग दिए हैं। ऐसे में जस्टिस चंद्रचूड़ की इस मामले में एंट्री हुई। उन्होंने दो अन्य जजों को इस पीठ का हिस्सा बनवाया और फिर इस बेल पर मोहर लगी।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के जज केवी विश्वनाथन की बेटी सुवर्णा विश्वनाथन का भरतनाट्यम प्रदर्शन चिन्मय मिशन में हो रहा था। इस कार्यक्रम में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रछूड़, सुप्रीम कोर्ट के कई वर्तमान और पूर्व न्यायाधीश, सॉलिस्टर जनरल तुषार मेहता समेत कई अन्य वरिष्ठ वकील शामिल हुए थे।

शाम 6 बजे ये प्रोग्राम शुरू हुआ और उसी टाइम ये भी खबर हर जगह आ गई थी कि तीस्ता सीतलवाड़ को जो गुजरात हाईकोर्ट ने तुरंत आत्मसमर्पण करने को कहा है जिसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में अनुरोध आया है और उसपर सुनवाई शाम 6:30 बजे जस्टिस एएस ओका और प्रशांत कुमार मिश्रा के समक्ष होगी।

इस खबर को सुनते ही तुषार मेहता फौरन सीतलवाड़ की अंतरिम जमानत के खिलाफ गुजरात सरकार की ओर से बहस करने कार्यक्रम से चले गए। लेकिन जब फैसला होने की बारी आई तो जस्टिस ओका और प्रशांत कुमार मिश्रा की राय अलग-अलग निकली।

ऐसे में यही ऑप्शन था कि फैसला बड़ी पीठ करे। इसलिए इस मामले की जानकारी मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को शाम करीबन 7 बजे दी गई। इस दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ कुछ देर के लिए भरतनाट्यम कार्यक्रम को छोड़कर आए और फिर वापस जाकर प्रदर्शन देखना जारी रखा।

जब ये पूरा प्रोग्राम खत्म हो गया तब उन्होंने इस केस में बीआर गवई और जस्टिस एएस बोपन्न को जुड़ने को कहा और दोनों जज पीठ का हिस्सा बनने को सहमत हुए। बाद में ये मामला रात 9:15 बजे जस्टिस दीपांकर दत्ता, जस्टिस ए एस बोपन्ना, जस्टिस बी आर गवई ने सुना जिसके बाद बेल पर मोहर लगी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -