सुशांत आत्महत्या मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने रिया के साथ ही उनके भाई शोविक से भी काफी लंबी पूछताछ की है। शोविक को करीब 18 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद रविवार (अगस्त 9, 2020) को सुबह 6.40 पर छोड़ा गया। इस केस में यह अब तक की सबसे लंबी पूछताछ बताई जा रही है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार ईडी की पूछताछ में फर्जी शेल कंपनी का खुलासा हुआ है। जानकारी के मुताबिक जाँच में 10 करोड़ रुपए से ज्यादा का मामला सामने आया है। ईडी को शक है कि सुशांत के अकाउंट से जो पैसा ट्रांसफर हुआ है, वह फर्जी शेल कंपनी के जरिए किया गया। इन शेल कंपनियों का ताल्लुक रिया चक्रवर्ती और उनके भाई शोविक से बताया जा रहा है।
इसके अलावा शोविक पर अपनी कंपनी में सुशांत के खाते से पैसा ट्रांसफर करने का आरोप है। वहीं रिया अपने और पिता के नाम पर रजिस्टर्ड दो फ्लैट्स के बारे में स्पष्ट रूप से जानकारी नहीं दे सकीं। वो अपनी आय और खर्चों पर भी ठीक से जवाब नहीं दे सकीं।
खबरों के मुताबिक 18 घंटे से भी ज्यादा समय तक चली पूछताछ के बावजूद ईडी, शोविक के जवाब से संतुष्ट नहीं हो सका। उन्होंने कई सवालों के गोलमोल जवाब दिए। इससे पहले शुक्रवार को भी शोविक से करीब 5 घंटे पूछताछ की गई थी।
वहीं अब सुशांत के कमरे का ताला तोड़ने की गुत्थी भी उलझती जा रही है। रिपब्लिक मीडिया के अनुसार सुशांत के फ्लैट के आसपास मौजूद 6 चाबी वाले से पूछा गया कि क्या मुंबई पुलिस ने उनसे इस संबंध में पूछताछ के लिए संपर्क किया। मगर सभी ने सभी ने मना कर दिया।
दरअसल सुशांत के आत्महत्या के बाद यह बात सामने आई कि उन्होंने अपने कमरे को अंदर से बंद कर रखा था। जब बाहर से काफी आवाज देने के बाद भी कमरे को नहीं खोला गया तो बाहर से चाबी बनाने वाले को बुलाया गया और उसने ताले को तोड़ा। इसके बाद सुशांत को अंदर कमरे में पंखे से लटका हुआ पाया गया। सुशांत के रसोइए नीरज सिंह ने दावा किया था कि अभिनेता के दोस्त सिद्धार्थ पिथानी ने ताला तोड़ने वाले को 2000 रुपए दिए थे।
इधर सुशांत की मौत का कवरेज पर शिवसेना संसद संजय राउत ने रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी पर हमला किया। संजय राउत ने सामना में दावा कि शरद पवार ने उन्हें फोन करके कहा, “समाचार चैनल पर उद्धव ठाकरे का उल्लेख अशिष्ट भाषा में किया जाता है, ये सही नहीं है। वे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हैं। मुख्यमंत्री सिर्फ कोई एक व्यक्ति नहीं होता है, बल्कि एक संस्था होती है।”
गौरतलब है कि 14 जून 2020 को बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत अपने मुंबई के बांद्रा वाले घर में फंदे से लटके मिले। उनके एक डोमेस्टिक हेल्पर ने इस बात की जानकारी पुलिस को फोन करके दी। शुरूआती जाँच में पुलिस ने इसे आत्महत्या का मामला बताया और उनके पास से कोई सुसाइड नोट न मिलने का खुलासा किया।
21 जून को बिहार के मुजफ्फरपुर में पटाही निवासी एक युवक ने धारा 306, 109, 504, 506 के तहत रिया के ख़िलाफ़ कोर्ट में याचिका दर्ज करवाई और सुशांत की मौत के लिए रिया को जिम्मेदार बताया। इसके बाद सुशांत के पिता ने भी रिया चक्रवर्ती समेत 6 लोगों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करवाए।
इसके बाद से रिया गायब रहीं और फिर उन्होंने अपने बचाव के लिए सबसे महँगे वकील सतीश मानशिंदे को चुना। 5 अगस्त को यह केस सीबीआई को सौंप दिया गया। 6 अगस्त को ही इंडिया टुडे ने अपनी रिपोर्ट में नया खुलासा किया। रिपोर्ट में बताया गया कि रिया चक्रवर्ती ने दबाव बनाकर सुशांत को उनकी बहनों से अलग किया।
7 अगस्त को एक नया एंगल सामने आया। रिया के कॉल डिटेल से पता चला कि वह मुंबई पुलिस के टॉप अधिकारी के संपर्क में थी। 7 अगस्त को ही यह बात भी सामने आई कि रिया चक्रवर्ती के भाई शौविक चक्रवर्ती के खाते में सुशांत के बैंक अकाउंट से सीधे पैसे ट्रांस्फर किए जाते थे।