राजस्थान के भीलवाड़ा के एक सरकारी स्कूल में बच्चों के बीच हिंदू विरोधी किताबें बाँटने वाली महिला शिक्षक निर्मला कामड़ को जेल भेज दिया गया है। उसे गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट में पेश किया गया। लेकिन अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया। इस महिला शिक्षक पर कार्रवाई अभिभावकों के प्रदर्शन के बाद हुआ था। छात्रों ने उस पर हिंदू देवी-देवताओं को लेकर अपमानजनक टिप्पणी करने का भी आरोप लगाया था।
ऑपइंडिया से बातचीत में आसींद के थाना प्रभारी हरीश ने कामड़ की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। उनके अनुसार निर्मला पर धारा 295 और 505 IPC के तहत कार्रवाई की गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक निर्मला कामड़ को जेल भेज दिया गया है। निर्मला कामड़ के खिलाफ 2 मार्च को छात्रों और उनके परिजनों ने स्कूल के बाहर हंगामा किया था। उस पर ‘हिन्दुइज्म धर्म या कलंक’ नाम की किताब बच्चों के बीच न सिर्फ बाँटने बल्कि उन्हें इसे पढ़ने के लिए मजबूर करने भी आरोप है आरोप है कि निर्मला ने विरोध करने वालों को SC/ST एक्ट में केस दर्ज करवाने की धमकी भी दी थी। निर्मला कामड को सस्पेंड करने की भी माँग की जा रही है। इस पूरे मामले की जाँच शिक्षा विभाग भी करवा रहा है।
निर्मला जो किताब बाँट रही थी वह नागपुर के समता पब्लिकेशंस द्वारा प्रकाशित किया गया है। इसके कवर पर जवाहर लाल नेहरू का हवाला देते हुए एक कोट है। इसमें कहा गया है, “हिन्दू धर्म निश्चित तौर पर उदार व सहनशील नहीं है। हिन्दू से ज्यादा संकीर्ण व्यक्ति दुनिया में कहीं नहीं है।” एक छात्र का वीडियो भी सामने आया था। इसमें वह कह रहा था, “वो (निर्मला कामड़) किताबें बाँटती थी। वो कहती थीं कि ये किताब लो, जो दिमाग में होगा वो निकल जाएगा। वो क्लास में दूसरे धर्म का प्रचार करती थीं। वो हमें कहती थीं कि ब्रह्मा जी देवता नहीं हैं। ब्रह्मा ने अपनी बेटी के साथ बलात्कार किया है। राम जी दशरथ की औलाद नहीं हैं।”
गौरतलब है कि निर्मला कामड़ भीलवाड़ा के आसींद क्षेत्र में आने वाले रूपपुरा गांव के सरकारी स्कूल में टीचर है। उसने मामले को अपने खिलाफ साजिश बताया है। उसके मुताबिक तमाम लोग उसके रहन-सहन और पहनावे आदि से जलन रखते हैं। इसलिए उस पर ये आरोप लगाए गए हैं।