कर्नाटक में मंगलुरु की एक अदालत ने मलाली विवादित ढाँचे की सुनवाई 9 नवंबर, 2022 तक के लिए स्थगित कर दी है। इस साल अप्रैल में मंगलुरु के बाहरी इलाके में एक पुरानी मस्जिद के नीचे हिंदू मंदिर जैसा वास्तुशिल्प डिजाइन पाए जाने के बाद इस मामले में सुनवाई शुरू हुई थी। जुमा मस्जिद में नवीनीकरण कार्य के दौरान यह वास्तुशिल्प डिजाइन मिला था।
मस्जिद के अंदर से मंदिर का डिजाइन निकलने के बाद हिंदू कार्यकर्ताओं ने चिंता जताई थी और इसकी जाँच की माँग की थी। इसके जवाब में मस्जिद प्रबंधन समिति ने एडिशनल सिविल कोर्ट में काउंटर अर्जी दाखिल की थी। मस्जिद समिति के वकील ने तर्क दिया था कि यह मस्जिद वक्फ बोर्ड की संपत्ति है। उन्होंने हिंदुओं की याचिका खारिज करने की माँग की थी। वहीं, भाजपा के विधायक भरत शेट्टी ने घटनास्थल की ASI से सर्वे कराने की माँग की थी। वो इसे सामाजिक मुद्दा बता चुके हैं।
Mangaluru court to deliver its verdict on Malali mosque row. Here’s all you need to know #Karnataka #Mangaluru #MalaliMosqueRow pic.twitter.com/np4l5fBhKa
— News18 (@CNNnews18) October 17, 2022
उल्लेखनीय है कि अप्रैल 2022 में मस्जिद के अंदर से हिंदू संरचना निकलने के बाद स्थानीय लोगों ने कहा था कि इस बात की पूरी संभावना है कि इस स्थल पर एक हिंदू या जैन मंदिर मौजूद था, क्योंकि इसमें कलश, तोमर और स्तंभ दिखाई दे रहा है। वहीं, विश्व हिंदू परिषद (VHP) के नेताओं ने जिला प्रशासन से दस्तावेजों के सत्यापन होने तक काम रोकने की अपील की थी। इसके बाद 25 मई, 2022 को विश्व हिन्दू परिषद (VHP) और बजरंग दल (Bajrang Dal) के कार्यकर्ताओं ने गंजिमुत में श्री रामंजनेय भजन मंदिरा थेनकुलीपदी में पूजा यानि ‘तंबुला प्रश्ने’ अनुष्ठान किया। VHP कार्यकर्ताओं ने ये पूजा मस्जिद के जीर्णोद्धार के दौरान मिले मंदिर जैसे ढाँचे पर हो रहे विवाद के समाधान के लिए की थी।
उस वक्त ज्योतिष के अनुसार, हिंदू संगठनों ने मौके पर देवत्व स्थापित करने की ‘रस्म’ निभाई थी। इसके जरिए ये पता लगाया जाता है कि स्थान विशेष में दैवीय शक्तियाँ हैं या नहीं। थेनकुलीपाडी में 25 मई को सुबह 8:30 बजे से 11 बजे तक VHP ने ये अनुष्ठान किया था। किसी भी तरह की अनहोनी से बचने के लिए पुलिस कमिश्नर ने गाँव के मलाली में जुमा मस्जिद के 500 मीटर के दायरे में धारा 144 को लागू कर दिया था। इसके साथ ही शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल को भी तैनात किया गया था।