कर्नाटक के शिक्षण संस्थानों में हिजाब/बुर्का विवाद (Hijab/Burqa Controversy) प्रतिबंधित होने के बावजूद यह राज्य में टकराव का मुद्दा बन गया और पूरे देश में विवाद का विषय बन गया। इस विवाद को कुछ इस्लामवादी और वामपंथी कथित बुद्धिजीवी इसे बहुत चालाकी से हिंदू-मुस्लिम विवाद बना रहे हैं। वामपंथी प्रोपेगेंडा वेबसाइट द वायर में खुद को ऑडियंस एडिटर बताने वाली नाओमी बार्टन ने मंगलवार (15 फरवरी) को हिंदुओं के खिलाफ हिंसा भड़काने के लिए इस मुद्दे को खुले तौर पर इस्तेमाल किया।
वायर की पत्रकार बार्टन ने ट्वीट किया, “यदि मुस्लिम समुदाय के व्यक्ति एक हिंदू महिला से दुपट्टा लेने के लिए एकजुट हुए होते तो सड़कों पर खून बह गया होता। यह एक क्रूर अपमान है कि मुस्लिमों को असहाय होकर मुस्लिम महिलाओं के अपमान को प्रतिशोध के डर से देखने के लिए मजबूर किया जा रहा है।”
If any Muslim community had come together to so much as take a dupatta from a Hindu woman there would be blood in the streets.
— Naomi Barton (@therealnaomib) February 14, 2022
It is a particularly brutal humiliation that Muslims are forced to watch helplessly at the insult given to Muslim women for fear of retaliation.
बार्टन ने यह बेबुनियाद दावा करते हुए मुस्लिमों को हिंदुओं के खिलाफ हथियार उठाने के लिए उकसाने का प्रयास किया है। जाहिर है कि उसके पास हिंदुओं के प्रति नफरत के अलावा अपने हास्यास्पद दावों का समर्थन करने के लिए कोई सबूत या आधार नहीं है।
बार्टन उन तथाकथित उदारवादियों में से एक हैं, जो अपने हिंदू विरोधी एजेंडे को फैलाने के लिए पिछले महीने कर्नाटक में शुरू हुए हिजाब विवाद का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके पहले ऑपइंडिया ने बताया था कि बॉलीवुड के जरिए मनोरंजन करने वाली स्वरा भास्कर ने कैसे हिजाब मुद्दे की तुलना महाभारत में द्रौपदी के चीर हरण से की थी।
तब कई चरमपंथी मुस्लिमों ने स्वरा भास्कर की इस बकवास टिप्पणी का समर्थन करते हुए दावा किया था कि भारतीय दर्शक की तरह हिजाब विवाद का आनंद ले रहे हैं। उन्होंने महाभारत से द्रौपदी वस्त्र हरण प्रकरण की कल्पना करके हिंदू संस्कृति का भी अपमान किया था। स्वरा भास्कर ने अक्सर इस्लामिक आतंकवादी की भाषा बोलती हैं और हिंदुओं का मजाक उड़ाने के लिए ‘गौ मुत्र’ का मजाक बनती हैं।
नाओमी बार्टन भी अतीत में खुले तौर पर हिंदुओं के प्रति अपनी नफरत को प्रदर्शित करने में शामिल रही हैं। उन्होंने कहा था कि हर हिंदू हनुमान चालीसा नहीं जानता। एक संदर्भ में बात करते हुए उन्होंने कहा था कि कुछ ‘जय श्रीराम’ कहकर और भी घृणा फैलाएँगे।
This is not a fake narrative, but yes, I fully agree with you.
— Naomi Barton (@therealnaomib) February 26, 2020
Not every Hindu will know the Hanuman Chalisa.
Some will be even more disgusted by saying Jai Shri Ram than this Catholic girl is.
If you're one of them, hit the button. 💞https://t.co/HUhZA2AyNf https://t.co/qNQ4PVbeBA
बार्टन की हिंदू विरोधी नफरत इतनी गहरी है कि एक बार वह एक प्यारे पिल्ला के एक हानिरहित वीडियो में ‘ब्राह्मणवाद’ को घुसेड़ दी थीं।
This is, ostensibly harmless and cute but says a lot about how the entire edifice on which Brahmanism is built is a construct, given how this is now a Hindu Upper Caste… Golden Retriever?
— Naomi Barton (@therealnaomib) September 15, 2020
Also it is 2020. Get rescued dog, and don't contribute to awful puppy mills. https://t.co/KYRDBdNPeI
दरअसल, एक सोशल मीडिया यूजर ने अपने पालतू कुत्ते गोल्डन रिट्रीवर को हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार घर में स्वागत करते हुए एक वीडियो ट्वीट किया था। इस वीडियो पर जवाब देते हुए कथित पत्रकार ने कहा था कि वीडियो प्यारा और हानिरहित लग रहा है, लेकिन वास्तव में यह दिखाता है कि ब्राह्मणवाद का निर्माण कैसे हुआ।
यहाँ तक कि उन्होंने गोल्डन रिट्रीवर प्रजाति के कुत्ते को ऊँची जाति का घोषित कर दिया। जाहिर है कि वामपंथी प्रोपेगेंडा वेबसाइट से जुड़ी इस पत्रकार के लिए अपनी इच्छा के अनुसार पिल्लों का स्वागत करना ‘ब्राह्मणवाद’ है और इसकी जड़ें जातिवाद में हैं।