पश्चिम बंगाल के मंत्री और शिक्षक भर्ती घोटाले में मुख्य आरोपित पार्थ चटर्जी के घर प्रवर्तन निदेशालय की लगातार चल रही छापेमारी के बीच एक अनोखी घटना सामने आई है। बता दें कि पार्थ चटर्जी के दक्षिण 24 परगना स्थित आवास पर चोरी का मामला सामने आया है। घटना बुधवार रात (27 जुलाई) की है।
बताया जा रहा है कि पार्थ चटर्जी के 24 परगना वाले घर में चोरी की नियत से कुछ चोर घुस गए और बड़े बड़े बैग्स में चोरी किया हुआ सामान ले कर निकल गए। हालाँकि पड़ोस के लोगो ने इसे ईडी की छापेमारी समझ नजरअंदाज कर दिया।
आस पास के लोगो के मुताबित बुधवार देर रात कुछ लोग पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री पार्थ चटर्जी के घर ताला तोड़ कर घुस गए। ये लोग करीब 1 घंटे तक चोरी की वारदात को अंजाम देते रहे। लोग इसे ईडी का छापा मान रहे थे। जबकि चोर बड़े आराम से बड़े बड़े बैग्स में चोरी किया हुआ सामान लेकर वहाँ से आराम से निकल गए।
गौरतलब है कि पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के ठिकाने से ईडी अब तक करीब 50 करोड़ रुपए बरामद कर चुकी है। इतना ही नहीं बुधवार को हुई छापेमारी में ईडी ने 5 किलो सोना भी बरामद किया है। बुधवार (27 जुलाई 2022) को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अर्पिता मुखर्जी के दूसरे फ्लैट पर छापा मारा था। यहाँ से ईडी को करीब 28.90 करोड़ रुपए कैश और 5 किलो सोना मिला।
इससे पहले 23 जुलाई को अर्पिता के एक अन्य घर से ED ने 21 करोड़ रुपए कैश बरामद किए थे। अर्पिता मुखर्जी का कहना है कि पार्थ चटर्जी उनके घर को ‘मिनी बैंक’ की तरह इस्तेमाल करते थे। अर्पिता ने बताया कि पार्थ चटर्जी उनके घर में ही पैसा रखा करते थे।
बता दें कि पश्चिम बंगाल शिक्षा घोटाले की जाँच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) कर रही है। केंद्रीय एजेंसी ने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग की सिफारिशों पर सरकार द्वारा प्रायोजित व सहायता प्राप्त स्कूलों में समूह ‘सी’ और ‘डी’ के कर्मचारियों व शिक्षकों की भर्ती में हुई कथित अनियमितताओं की जाँच शुरू की है। ममता बनर्जी सरकार में मौजूदा उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी उस समय शिक्षा मंत्री थे, जब घोटाला हुआ था। सीबीआई दो बार उनसे पूछताछ कर चुकी है। पहली बार पूछताछ 25 अप्रैल, जबकि दूसरी बार 18 मई को की गई थी।