Sunday, September 1, 2024
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पालघर साधु लिंचिंग मामला: 3 पुलिसकर्मियों ने धोया नौकरी से हाथ, 2 ASI भी शामिल

ये तीनों पुलिसकर्मी अन्य पाँच पुलिसकर्मियों के साथ निलंबित किए गए थे। कोंकण रेंज के पुलिस महानिरीक्षक ने जाँच के बाद आदेश जारी करके सहायक पुलिस निरीक्षक रवि सांलुके और कॉन्सटेबल नरेश धोडी के अलावा...

महाराष्ट्र के पालघर में साधुओं की लिंचिंग मामले में दो पुलिसकर्मियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई जबकि एक पुलिसकर्मी को उसकी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। इसकी जानकारी स्वयं एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने दी।

उन्होंने बताया कि इन 3 पुलिसकर्मियों में सहायक पुलिस निरीक्षक आनंदराव का नाम भी शामिल है क्योंकि वह 16 अप्रैल को पालघर के कासा पुलिस थाने के प्रभारी थे। उनके अलावा सहायक पुलिस निरीक्षक (एएसआई) रवि सांलुके और कॉन्सटेबल नरेश धोडी को भी सेवा से बर्खास्त किया गया है।

अधिकारी ने बताया कि कोंकण रेंज के पुलिस महानिरीक्षक ने शनिवार को जारी एक आदेश में तीनों पुलिसकर्मियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया। इससे पहले ये तीनों पुलिसकर्मी अन्य पाँच पुलिसकर्मियों के साथ निलंबित किए गए थे।

बता दें कि 16 अप्रैल को पालघर में दो साधुओं की बेरहमी से लिंचिंग के बाद इस मामले में महाराष्ट्र पुलिस पर सवाल खड़े हुए थे। कुछ दिन पहले जूना अखाड़ा के पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी ने साधुओं की हत्या मामले में सीबीआई की माँग उठाई थी। उनके साथ कई साधु संतों ने भी मामले पर कार्रवाई के लिए आवाज उठाई थी।

इसके बाद मामले की जाँच के लिए गठित एक स्वतंत्र फैक्ट-फाइंडिंग कमिटी ने चौंकाने वाला दावा करते हुए कहा था कि इस घटना के पीछे गहरी साजिश थी। साथ ही इस घटना के तार नक्सलियों से भी जुड़ रहे हैं।

उक्त कमिटी में वकील, रिटायर्ड जज और पुलिस अधिकारियों को शामिल किया गया था। जिसने हाल में कहा कि पालघर में साधुओं की हत्या के मामले की जाँच सीबीआई और एनआईए करे।

कमिटी ने अपनी जाँच में यह भी पाया है कि वहाँ उपस्थित पुलिसकर्मी अगर चाहते तो इस हत्याकांड को रोक सकते थे लेकिन उन्होंने हिंसा की साजिश में शामिल होने का रास्ता चुना। शनिवार (अगस्त 29, 2020) को एक ऑनलाइन कार्यक्रम के जरिए कमिटी ने अपनी रिपोर्ट के कुछ अंश पेश किए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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