कॉन्ग्रेस के वफादार से तृणमूल कॉन्ग्रेस (टीएमसी) नेता बने साकेत गोखले (Saket Gokhale) सार्वजनिक धन के दुरुपयोग को लेकर लोगों के निशाने पर आने के बाद अब उन पर यौन शोषण के आरोप सामने आए हैं। गोखले की प्रबल समर्थक आकाशी कौल (Akashi Kaul) ने ‘कुछ लोगों’ द्वारा सार्वजनिक धन के दुरुपयोग को लेकर बयान दिया है। साथ ही यौन दुराचार का भी आरोप लगाया है। हालाँकि, कौल ने किसी का ‘नाम’ नहीं लिया, लेकिन नेटिजन्स का कहना है कि उनके दिमाग में गोखले का ही नाम है।
अपने बयान में कौल ने कहा, “एक ऑनलाइन पूर्व परिचित, जिसके साथ मैं नजदीकी रूप से जुड़ी थी, वह अब सरकारी पारदर्शिता (विडंबना) की माँग करते हुए सामाजिक भलाई के लिए इकट्ठा किए गए धन के संभावित और कथित दुरुपयोग को लेकर तूफान खड़ा हो गया है।”
उन्होंने कहा, “उनके साथ मेरा जुड़ाव एक अंतरराष्ट्रीय और ऑनलाइन था। काफी लोगों ने उनकी अनुशंसा की थी, लेकिन बाद में महसूस हुआ है कि वह आदमी ठीक नहीं है। भारत आने और उनसे मिलने के बाद कई लोगों से यौन दुराचार की कहानियाँ सुनने को मिलीं। इसमें एक राजनीतिक दल द्वारा उनके पद से हटाने की बात भी शामिल है। उसके बाद मुझे महसूस हुआ कि मैं गलत आदमी के साथ जुड़ गई थी।”
I’m not important enough to issue a statement but also, is this even a statement? But it needs to be said.#Transperancy #Accountability pic.twitter.com/GfGekWR50d
— Akashi (@akashikaul) January 2, 2022
आकाशी कौल ने स्वीकार किया कि उन्हें यौन दुराचार के आरोपों की पूर्व जानकारी थी, लेकिन आरोपी के साथ संबंध तोड़ने में ‘धीमी’ थी। उसने दावा किया, “मैंने तब से उनके यौन दुराचार के मुद्दे को उठाया। हालाँकि हमारे महान देश में एक महिला का शील भंग करना गंभीर अपराध की श्रेणी में नहीं है, जैसा कि धन की हेराफेरी है। ”
उन्होंने आगे कहा, “मेरा मानना है कि यह व्यक्ति किसी भी रूप में ऐक्टिविस्ट या किसी कॉस को लेकर चलने वाला व्यक्ति है। वह एक अवसरवादी है। पहले उसका लक्ष्य किसी राजनीतिक दल धन लाभ लेना था और अब राज्यसभा की सीट हासिल करना है। उनके पास किसी भी स्तर पर चुनाव लड़ने की साख या क्षमता नहीं है और प्रसिद्धि का उनका एकमात्र दावा ड्रामेबाजी है।”
साकेत गोखले के साथ उनके लंबे समय से जुड़ाव और फंड गबन के बाद उनके आक्रोश को देखते हुए नेटिज़न्स यह अनुमान लगा रहे हैं कि कौल का बयान आरटीआई कार्यकर्ता और टीएमसी नेता साकेत गोखले को लेकर है। सोशल मीडिया यूजर्स ने आरोपों की जानकारी होने के बावजूद गोखले के कथित यौन दुराचार पर चुप्पी को लेकर कौल पर सवाल उठाया। हालाँकि, कौल ने उनके बयान को साकेत गोखले के साथ नेटिजन्स द्वारा जोड़े जाने का खंडन नहीं किया। इस यही स्पष्ट होता है कि उनका बयान साकेत गोखले को लेकर ही था।
ट्विटर पर एक यूजर ने पूछा, “विडंबना है कि आप व्यंग्यात्मक रूप से कह रही हैं कि भारत में धन की हेराफेरी एक महिला की शील भंग करने की तुलना में एक बड़ा मुद्दा है, लेकिन आप स्वयं यौन दुराचार के आरोपों चुप थीं और धन के दुरुपयोग का मुद्दा सामने आने के बाद ही बोलीं!” आकाशी कौल ने अपने बचाव में दावा किया कि उन्होंने क्लब हाउस पर लगे आरोपों के बारे में महीनों तक खुलकर बात की।
एक अन्य यूजर ने पूछा, “यौन दुराचार के बारे में जानने के बाद भी क्या आप बार-बार उसके/उनके क्लब हाउस का हिस्सा नहीं रहीं?” इस पर जवाब देने के बजाय कौल ने कहा, “नहीं। एक बार फिर कह रही हूँ कि मुझे अपने कार्यों को किसी के सामने सही ठहराने की आवश्यकता नहीं है। मैं जिसके प्रति जवाबदेह हूँ उसी के लिए ऐसा कर सकती हूँ। आप जैसा मुझे जवाबदेह उठा रही हैं, वैसे अपने चुने हुए प्रतिनिधियों को ठहराएँ।”
टर यूजर ओपिनियन बेकरी ने कहा, “यह महिला क्लब हाउस में साकेत गोखले की सबसे बड़ी चैंपियन थीं। दिलचस्प है कि महिलाओं के साथ साकेत के अनुचित व्यवहार के बारे में जानने की बात स्वीकार करती हैं, लेकिन बोलने का विकल्प अब चुनती हैं। वह भी सीधे तौर पर उनका नाम लिए बिना तीखे अंदाज में।”
This good lady was Saket Gokhale's biggest champion on Clubhouse
— Opinion Bakery (@IndiaSpeaksPR) January 2, 2022
Fascinating how she confesses to being aware of SG's improper behaviour with women but chooses to speak up only now. That too in a mealy mouthed manner without naming him directly
The "truth to power" gang pic.twitter.com/sCzwXJm9sC
एक अन्य ट्विटर यूजर ने कहा कि कौल के दावों को ‘राजनीति से प्रेरित’ के रूप में समझा जा सकता है, क्योंकि कौल ने गोखले की राजनीति से नफरत करने के बाद ही इसके बारे में बात की थी।
If you raise the alarm about a person being a sexual predator only when you no longer like someone’s politics, you put the victim and other women at risk. You also give him the chance to claim it is politically motivated. https://t.co/fjZAyMNL4N
— Nayanika (@nayanikaaa) January 2, 2022
यहाँ उल्लेख करना आवश्यक है कि आकाशी कौल ने एक बार क्लब हाउस रूम की मेजबानी की थी और इसे ‘संघियों का सफाई अभियान’ नाम दिया था। चर्चा के दौरान उन्होंने कई महिलाओं को निशाना बनाया था। यहाँ तक कि ऑपइंडिया की संपादक नुपुर जे शर्मा को ‘आवारा’ भी कह दिया था। कौल अपने विश्वासपात्र द्वारा यौन दुराचार के बारे में जानने के बावजूद चुप रहने के लिए ट्विटर पर तीखी आलोचना का सामना कर रही हैं।
रविवार (2 दिसंबर) को राजनीतिक विश्लेषक अभिजीत अय्यर मित्रा ने ट्वीट किया, “लगता है कि वामपंथी महिलाएँ आखिरकार साकेत गोखले द्वारा गंभीर कदाचार के कई उदाहरणों को स्वीकार करने लगी हैं। मुझे उम्मीद है कि वे इसके बारे में सार्वजनिक रूप से बात करने और अपने अनुभवों को नहीं छुपाने का साहस दिखाएँगी, क्योंकि वह उसी विचारधारा से ताल्लुक रखते हैं।”
Looks like the women of the left are finally beginning to acknowledge the multiple instances of serious misconduct by Saket Gokhale. I hope they find the courage to talk about it publicly and not hide their experiences because he belongs to the same ideological spectrum. pic.twitter.com/r3HLttvfTM
— Abhijit Iyer-Mitra (@Iyervval) January 2, 2022
उन्होंने आगे कहा, “साकेत गोखले पर न केवल कदाचार, बल्कि शील भंग के गंभीर आरोप हैं। क्लब हाउस से जो कोई भी आकाशी को जानता होगा, उसे पता होगा कि वह उनके करीब थीं। ऐसा कई महिलाएँ आरोप लगा रही हैं, जैसा कि दो अलग-अलग महिलाओं को देखा जा सकता है।” अभिजीत स्पष्ट संकेत दिया है कि साकेत गोखले के खिलाफ आरोप लंबे समय से चल रहे थे, बस साकेत के दोस्त वित्तीय घोटाले के आरोपों के बाद ही बोलना शुरू कर रहे हैं।
धन गबन और दवाओं की खरीद में जनता के धन के दुरूपयोग का आरोप
फरवरी 2021 में गोखले के खिलाफ लेफ्ट लिबरल सहित कई लोगों द्वारा धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए थे। अमित बेहेरे नाम के एक ‘आप’ समर्थक ने गोखले पर आरटीआई दाखिल करके पैसा बर्बाद करने का आरोप लगाया था। बेहरे ने इसे ‘निवेश पर शून्य रिटर्न’ बताया था।
उन्होंने आरोप लगाया था कि कॉन्ग्रेस के वफादारों को दिए गए चंदे से व्यक्तिगत लाभ के अलावा आम जनता को कोई फायदा नहीं हुआ। साल 2020 में गोखले ने ‘बीजेपी हेट मशीन’ को लेकर ₹22 लाख से अधिक एकत्र करने का दावा किया था और सोशल मीडिया पर ‘नफरत फैलाने वालों को हटाने के लिए अभियान’ शुरू किया था।
मार्च 2021 में कानूनी कार्यकर्ता समूह लीगल राइट ऑब्जरवेटरी (LRO) द्वारा साकेत गोखले के खिलाफ नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) में शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसमें उन पर क्राउडफंडिंग कर ड्रग के जरिए पैसे कमाने का आरोप लगाया गया था। एलआरओ के मुताबिक, साकेत गोखले एक पूर्व पुलिस अधिकारी के बेटे हैं, जो कभी नशीले पदार्थों की तस्करी के मामले में आरोपी थे।
गुरुवार (30 दिसंबर 2021) को कवि और लेखक हुसैन हैदरी ने क्राउड फंडिंग के माध्यम से एकत्र किए गए धन के उपयोग को लेकर साकेत गोखले से जवाबदेही की माँग करते हुए मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा कि साकेत गोखले इस बात का ब्योरा दें कि उन्होंने क्राउडफंडिंग कैंपेन के माध्यम से जुटाए गए धन को कैसे खर्च किया। उन्होंने कहा कि पिछले 2-3 वर्षों में सैकड़ों और हजारों लोगों, विशेषकर मुसलमानों ने गोखले को चंदे दिए, लेकिन उनके द्वारा कोई भी शानदार काम नहीं किया गया है। साकेत गोखले से जवाब माँगने पर हैदरी को ट्विटर पर व्यापक समर्थन मिला।
यहाँ ध्यान देना दिलचस्प होगा कि साकेत गोखले ने एक बार खुद कहा था कि वह एक पूर्णकालिक कार्यकर्ता हैं। इसलिए एकत्र की गई राशि उनके खर्चों का भुगतान करने में मदद करती हैं। उन्होंने यह भी दावा किया था कि इसमें अन्य लोग भी शामिल हैं और और उनके खर्च का भुगतान भी चंदे के पैसे से किया जाता है।
नोट: आकाशी कौल के बयान में उल्लिखित व्यक्ति के साकेत गोखले होने की अटकलें लगाई जा रही हैं, क्योंकि उन्होंने साकेत गोखले के खिलाफ सामने आए धन की हेराफेरी के आरोपों के संदर्भ में बयान दिया है। यहाँ तक कि अभिजीत अय्यर मित्रा ने भी संकेत दिया है कि यौन उत्पीड़न के आरोप लंबे समय से चल रहे थे। हालाँकि, यह सुनिश्चित करने के लिए ‘ऑपइंडिया’ ने साकेत गोखले से संपर्क किया। गोखले ने अब तक आरोपों का जवाब नहीं दिया है। यदि उनकी तरफ से कोई जवाब आता है तो इस लेख को अपडेट किया जाएगा।