ट्रेनिंग के दौरान ही VIP सुविधाओं के लिए नखरा करने वाली IAS पूजा खेडकर की मुश्किलें बढ़ गई है। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने पूजा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। वहीं, दिल्ली पुलिस ने उनकी मेडिकल कॉलेज में नामांकन को लेकर भी जाँच शुरू कर दी है। पूजा खेडकर ने MBBS में नाम लिखवाने से लेकर IAS की नौकरी पास करने तक में नाम, उम्र, फोटो, हस्ताक्षर, माता-पिता का नाम, अपनी झूठी दिव्यांगता, UPSC अटेंप्ट, जाति और आय प्रमाण पत्र में फर्जीवाड़ा किया।
पूजा खेडकर को लेकर खुलासा हुआ है कि उन्होंने अपनी शिक्षा से लेकर नौकरी तक के हर कदम पर फर्जीवाड़े का सहारा लिया। उन्होंने IAS बनने से पहले घुमंतू जनजाति या गुलगुलिया का सर्टिफिकेट के जरिए मेडिकल कॉलेज में नामांकन लिया। UPSC में शारीरिक दिव्यांगता का फर्जी डॉक्यूमेंट दिया। इतना ही नहीं, अपनी उम्र को लेकर भी झूठ बोला है। हर बार अलग-अलग जानकारी दी।
पूजा खेडकर ने ‘घुमंतू जनजाति-3’ श्रेणी में आरक्षण का लाभ उठाकर पुणे के श्रीमती काशीबाई नवले मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में नामांकन लिया था। घुमंतू या खानाबदोश जाति-समुदाय को बिहार-झारखंड में आम बोलचाल में गुलगुलिया कहा जाता है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच इस बात की जाँच करेगी कि ये सब कैसे हुआ। सिविल सेवा में चयनित होने के लिए पूजा ने बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा और जालसाजी की है।
जाँच रिपोर्ट में बताया गया है कि पूजा खेडकर ने न केवल अपना नाम बदला, बल्कि अपने पिता और माता का भी नाम बदला। उन्होंने अपनी तस्वीर, हस्ताक्षर, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और पता बदलकर अपनी पूरी पहचान बदली और यूपीएससी की परीक्षा दी। यही नहीं, पूजा खेडकर ने आयोग के नियमों के तहत मान्य अधिकतम सीमा से अधिक बार परीक्षा दी है और उसका लाभ उठाया।
UPSC में अनुचित लाभ लेने के लिए पूजा खेडकर नेएक या दो बार नहीं, बल्कि तीन बार मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाया था। उसके आधार पर उन्होंने परीक्षा में मिलने वाले कोटे का लाभ उठाया था। पूजा खेडकर ने साल 2019 में व्हिज्युअली इम्पेयर्ड यानी दृष्टिबाधा का सर्टिफिकेट बनवाया था। यह सर्टिफिकेट अहमदनगर जिला अस्पताल से बनवाया गया था।
इसके बाद साल 2021 की परीक्षा में बैठने से पहले पूजा खेडकर ने मेंटल इलनेस (मानसिक बीमारी) का भी सर्टिफिकेट बनवा लिया। पूजा ने पहले से बनवाए गए दृष्टिबाधा के साथ-साथ अपनी नई मेडिकल सर्टिफिकेट में मानसिक बीमारी भी दर्ज करा ली। साल 2022 में UPSC परीक्षा देने के लिए उन्होंने मल्टीपल डिसेबिलिटी यानी एक से अधिक अंग में परेशानी बताई।
इसके लिए पूजा खेडकर ने महाराष्ट्र के पिंपरी चिंचवाड़ के यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल अस्पताल में ऑनलाइन फॉर्म भर दिया। इसके बाद अस्पताल ने उनके बाएँ घुटने में लिगामेंट टेअर बताया, जो Locomotor Disability में लगभग 7% दिव्यांगता के अंतर्गत आता है। यहाँ के सर्टिफिकेट के आधार पर केंद्र सरकार ने पूजा को प्रमाणपत्र दिया। इसी प्रमाण-पत्र के आधार पर उन्होंने एक बार फिर UPSC दिया और पास हो गईं।
रिपोर्ट के मुताबिक, यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल अस्पताल से सर्टिफिकेट लेते समय पूजा ने अपना गलत पता दिया था। उन्होंने पिंपरी चिंचवाड़ की निवासी होने का फर्जी राशन कार्ड दिखाया था। उस राशन कार्ड पर पता- प्लॉट नंबर 53, तलवड़े, देहु आलंदी रोड, पिंपरी चिंचवाड़ लिखा था। इस एड्रेस पर थर्मोवेरिटा नाम की बंद कंपनी है और ये कंपनी की प्रॉपर्टी उनकी माँ मनोरमा खेडकर के नाम पर है।
मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने इस प्रॉपर्टी को जब्त कर लिया है। वहीं, हाथ में पिस्टल लहराते हुए किसानों को धमकाने का वीडियो वायरल होने के बाद मनोरमा खेडकर को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, उनके पूर्व IAS पिता दिलीप खेडकर फरार हैं। मनोरमा खेडकर के खिलाफ आर्म्स ऐक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके साथ ही उनका आर्म्स लाइसेंस भी रद्द कर दिया गया है।
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, इस तरह पूजा खेडकर ने फर्जी आवास प्रमाण देकर मल्टीपल डिसेबिलिटीज सर्टिफिकेट लिया था। इंडस्ट्रियल एरिया होते हुए इस एड्रेस पर दिलीप खेडकर के नाम से फर्जी राशन कार्ड बनवाया गया था। इसी तरह नाम और उम्र के साथ भी फर्जीवाड़ा किया है। सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल एप्लीकेशन फॉर्म 2020 और 2023 में पूजा के नाम और उम्र में अंतर है।
साल 2020 के आवेदन में उनका नाम डॉक्टर पूजा दिलीपराव और उम्र 30 वर्ष लिखी है। इसके बाद 2023 के आवेदन में उनका नाम मिस पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर और उम्र 31 वर्ष है। इस तरह तीन साल में उन्होंने अपने उम्र में सिर्फ एक साल की बढ़ोतरी दिखाई है। पूजा ने साल 2020 और 2023 के कैट आवेदन फॉर्म में खुद के लिए दिव्यांगता के तहत ऊपरी आयु सीमा में छूट माँगी थी।
इसके साथ ही 2020 में पूजा ने पहले अपने नाम के साथ पिता का नाम दिलीप राव जोड़कर लिखा। वहीं, साल 2023 में उन्होंने पिता का नाम हटाकर माता का नाम जोड़कर मिस पूजा मनोरमा लिखा। पूजा खेडकर ने अपने नाम से डॉक्टर का टाइटल भी हटा दिया था। वहीं, यूपीएससी की FIR में उनका नाम मिस पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर बताया गया है।
साल 2021 में पूजा खेडकर ने UPSC की मुख्य परीक्षा पास कर ली। इसके बाद उन्हें AIIMS दिल्ली में मेडिकल टेस्ट देना था। इसमें वह दिव्यांगता का नाटक करते हुए पकड़े जाने से बचने के लिए भाग गई थीं। यूपीएससी की शिकायत के हवाले से एक अधिकारी ने कहा, “अगले साल, वह फिर से फर्जी प्रमाण पत्र का उपयोग करके परीक्षा में बैठी। परिणाम आने से पहले ही उसने यूपीएससी 2023 के लिए आवेदन कर दिया।”
UPSC की शिकायत में आरोप लगाया गया है कि पूजा खेडकर ने अपने माता-पिता दिलीप और मनोरमा खेडकर को अलग-अलग रहना दिखाया था, ताकि उनकी संपत्ति अलग-अलग हो सके और वह फर्जी आय प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर सके। इस तरह पूजा ने नाम, उम्र, फोटो, हस्ताक्षर, माता-पिता के नाम, अपनी झूठी दिव्यांगता, UPSC अटेंप्ट, जाति और आय प्रमाण पत्र में फर्जीवाड़ा किया।
इस तरह ट्रेनिंग के दौरान ही VIP सुविधाओं के लिए नखरा करने वाली IAS पूजा खेडकर की मुश्किलें बढ़ गई है। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने पूजा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। इसके साथ ही उन्हें नोटिस देकर पूछा है कि उनकी यूपीएसी क्वॉलिफिकेशन रद्द करते हुए भविष्य में किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में बैठने पर क्यों ना रोक लगाई जाए। वहीं, दिल्ली पुलिस ने उनकी मेडिकल कॉलेज में नामांकन को लेकर भी जाँच शुरू कर दी है।