Sunday, November 17, 2024
Homeदेश-समाजक्या है 'हिट एंड रन' कानून, क्यों है इसकी जरूरत, इसके खिलाफ ट्रक ड्राइवर...

क्या है ‘हिट एंड रन’ कानून, क्यों है इसकी जरूरत, इसके खिलाफ ट्रक ड्राइवर क्यों कर रहे प्रदर्शन: सारे सवालों का जवाब एक साथ

देश के कई हिस्सों से ट्रक और टैंकर ड्राइवरों के प्रदर्शन की खबरें सामने आ रही हैं। छतीसगढ़, बिहार, मध्य प्रदेश और अन्य कई राज्यों में इन्होने हड़ताल भी की है। ट्रक ड्राइवर अपने प्रदर्शन के पीछे का कारण हाल ही में लागू हुई भारतीय न्याय संहिता में हिट एंड रन के कानून को बता रहे हैं।

देश के कई हिस्सों से ट्रक और टैंकर ड्राइवरों के प्रदर्शन की खबरें सामने आ रही हैं। छतीसगढ़, बिहार, मध्य प्रदेश और अन्य कई राज्यों में इन्होंने हड़ताल भी की है। ट्रक ड्राइवर अपने प्रदर्शन के पीछे का कारण हाल ही में लागू हुई भारतीय न्याय संहिता में ‘हिट एंड रन’ के कानून को बता रहे हैं।

ड्राइवरों का कहना है कि यह कानून उनके अधिकारों को प्रभावित करता है और इसके लागू रहते हुए वह गाड़ी नहीं चला सकते। यह प्रदर्शन ट्रक और टैंकर जैसी बड़ी गाड़ियों से शुरू होकर अब बस और अन्य कमर्शियल गाड़ियों तक आ गया है।

कानून के खिलाफ नोएडा, इंदौर, मुंबई और जयपुर समेत कई शहरों में ट्रक चालक प्रदर्शन कर रहे हैं। इस प्रदर्शन के कारण कई जगह पेट्रोल पम्पों पर तेल की सप्लाई रुकने की भी खबरें सामने आई है। अन्य कई जगह से भी अन्य सामान की आपूर्ति बाधित होने की सूचनाएँ सामने आ रही हैं।

क्या है प्रदर्शन की वजह?

ट्रक ड्राइवर और ट्रांसपोर्टर इस कानून के पीछे हाल ही में लागू हुई भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (2) का हवाला दे रहे हैं। यह कानून किसी भी प्रकार के वाहन से दुर्घटना करके भागने और लापरवाही से चलाने को लेकर सजा के विषय में बताता है।

इस कानून में लिखा हुआ है कि यदि कोई व्यक्ति लापरवाही से किसी प्रकार का वाहन चलाता है या फिर किसी को ठोंक कर पुलिस या प्रशासन को सूचित किए बिना भागता है और पीड़ित की मौत हो जाती है तो ऐसे मामले में 10 वर्षों की सजा होगी और जुर्माना भी लगाया जाएगा। इस अपराध को नई न्याय संहिता में गैर-जमानती बताया गया है।

जमानत ना देने वाली बात को लेकर ट्रक ड्राइवर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि हादसे के बाद जब तक ड्राइवर की गलती को लेकर फैसला नहीं आता तब तक वह जेल में रहेगा भले ही वह निर्दोष हो। उनका कहना है कि वह हादसे के बाद भीड़ के गुस्से से बचने के लिए हादसे वाली जगह से भागते हैं ना कि पीड़ित को नुकसान पहुँचाने के उद्देश्य से। यह कानून हादसा करके भागने वालों पर ही विशेष रूप से प्रभाव डालेगा। ऐसे में सुनवाई के दौरान ड्राइवर के जेल में रहने और ट्रक के खड़े रहने से मालिक को भी नुकसान होगा।

इसके अलावा इस अपराध में जुर्माने की राशि को लेकर भी ड्राइवर और ट्रक मालिक नाराज हैं। उनका कहना है कि इसमें जुर्माना 7 लाख रुपए रखा गया है जो कि अधिक है और कम कमाई वाले ड्राइवर इतनी धनराशि नहीं दे सकता। ट्रक ड्राइवर और मालिक पुराने कानून का समर्थन कर रहे हैं।

क्या था पुराना कानून?

लापरवाही से गाड़ी चलाने के और किसी को मार के भागने को लेकर पुराना कानून भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत धारा 304 (A) में प्रावधान है। इसके अंतर्गत कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति गाड़ी लापरवाही से चलाते हुए किसी को मार देता है और वहाँ से भागता है तथा दोषी सिद्ध होता है तो उसे 2 साल की सजा दी जाएगी। साथ ही उस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। ऐसे मामलों में पहले जमानत का प्रावधान भी था।

कानून लाने की क्यों पड़ी आवश्यकता?

लापरवाही से गाड़ी चलाने वाले और एक्सीडेंट कर भागने के मामले भारत में लगातार बढ़ रहे हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की तरफ से जारी की ADSI-2022 रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2022 में भारत की सड़कों पर 4.46 लाख हादसे हुए जिसमें 1.7 लाख लोगों ने जान गँवाई।

इन हादसों में से लगभग 11% हादसे ट्रक और बस जैसे बड़े वाहनों से हुए। वहीं 1.7 लाख मौतों में से 87% मौतें गाड़ी तेज चलाने, लापरवाही से चलाने या फिर नशे में चलाने के कारण हुईं। यानी सड़क हादसों के कारण होने वाली मौतों का सबसे बड़ा कारण लापरवाही से गाड़ी चलाना ही रहा।

ऐसे में सरकार ने सड़क पर लोग ध्यान से गाड़ी चलाएँ और साथ ही जो ड्राइवर सड़क पर हादसे करके भाग जाते हैं उनके लिए सजा कड़ी करने को नई भारतीय न्याय संहिता में सजा को बढ़ाया गया और साथ ही इसे गैर जमानती अपराध बनाया गया।

क्या प्रदर्शन करने वालों तक गलत सूचना पहुँची है?

भारतीय न्याय संहिता में लापरवाही से गाड़ी चलाने और हिट एंड रन के चलते कानून सख्त करने को लेकर देश भर में ट्रक ड्राइवर ही अधिकांश प्रदर्शन कर रहे हैं जबकि यह कानून हर तरह के वाहन चालकों पर लागू होता है। यदि कोई दुपहिया वाहन से भी किसी को मार के भाग जाता है तो उस पर भी यही कार्रवाई होगी। ऐसे में कहा जा रहा है कि प्रदर्शन करने वाले तक इस मामले में गलत सूचना पहुँची है।

भारत की एक बड़ी ट्रक यूनियन आल इंडिया ट्रकर्स वेलफेयर असोसिएशन के एक पदाधिकारी ने नाम ना लिखे जाने की शर्त पर यह बात स्वीकार की कि कुछ लोग इस कानून के विरोध के आड़ में अपना एजेंडा भी सेट कर सकते है। उनका कहना है कि वह कानून के खिलाफ नहीं हैं बस इसमें ट्रक ड्राइवरों के लिए कुछ छूट चाहते हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

अर्पित त्रिपाठी
अर्पित त्रिपाठीhttps://hindi.opindia.com/
अवध से बाहर निकला यात्री...

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

घर की बजी घंटी, दरवाजा खुलते ही अस्सलाम वालेकुम के साथ घुस गई टोपी-बुर्के वाली पलटन, कोने-कोने में जमा लिया कब्जा: झारखंड चुनावों का...

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बीते कुछ वर्षों में चुनावी रणनीति के तहत घुसपैठियों का मुद्दा प्रमुखता से उठाया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -