मध्य प्रदेश के उज्जैन में एक दलित युवक राजकुमार झंझोट ने मुस्लिम युवती से साल 2006 में लव मैरिज की। साल 2007 में एक बेटा हुआ। इसके बाद दलित युवक ने अपनी मुस्लिम बीवी रानी बेग को पढ़ाया-लिखाया, उसे एमपी पुलिस में नौकरी के लायक बनाया। बीवी को नौकरी मिली, तो उसने वाल्मीकि समाज के युवक के साथ रहने से भी इनकार कर दिया। उसने साथी पुलिस वालों के साथ मिलकर उससे जबरन प्रॉपर्टी के कागजात पर दस्तखत करा लिए और घर से निकाल दिया। यही नहीं, बिना तलाक के ही उसने एक मुस्लिम मोहम्मद तारिक से निकाह कर लिया। साल 2007 में पैदा हुए नाबालिग बेटे का साल 2020 में खतना कराकर उसका धर्म परिवर्तन करा दिया। अब राजकुमार झंझोट वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के सामने न्याय की गुहार लगा रहा है, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उज्जैन के राजकुमार झांझोट ने कलेक्टर ऑफिस में जन सुनवाई के दौरान अपनी बीवी की करतूत बताई। राजकुमार झांझोट ने कहा, “साल 2006 में रानी बेग से प्रेम विवाह किया था। दोनों के 2007 में एक बेटा हुआ। साल 2012-13 में उसकी नौकरी लगी, जिसके बाद उसका व्यवहार बदल गया। वो धीरे-धीरे मुझसे अलग रहने लगी और मेरी प्रॉपर्टी अपने नाम करा ली। यही नहीं, वो मेरे ऊपर भी धर्म परिवर्तन का दबाव डालती थी।” राजकुमार ने आरोप लगाया कि तलाक का केस चलने के दौरान ही उसने तारिक हुसैन से निकाह कर लिया और बेटे का भी धर्म परिवर्तन कर दिया।
राजकुमार ने बताया कि उसे पिछले महीने रमजान के दौरान ही इस बात का पता चला कि बेटे का धर्म परिवर्तन करा दिया गया है। बेटा अभी 17 साल का है, लेकिन उसका खतना कराकर धर्म परिवर्तन 2020 में ही करा दिया गया था। राजकुमार ने कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई है। बताया जा रहा है कि राजकुमार पर रानी बेग ने साल 2018 में दहेज प्रताड़ना का केस भी दर्ज कराया था। ये मामला अभी तक कोर्ट में है। वहीं, रानी ने आरोप लगाया है कि राजकुमार अपराधी प्रवृत्ति का है। वो पहले से शादीशुदा था, उसने ये बात छिपाई।
इस पूरे मामले में उज्जैन के कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने कहा कि राजकुमार झांझोट ने शिकायत दी है, बेटे के धर्मपरिवर्तन के मामले की जाँच के लिए पुलिस को निर्देश दिए गए हैं। इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी। हालाँकि कलेक्टर ने कहा कि दोनों में अलगाव हो चुका है।