केंद्र की भाजपा सरकार स्पष्ट कर चुकी है वह किसी भी कीमत पर भारतीय नागरिक संशोधन कानून (CAA) देश में लागू करेगी। इतना ही नहीं, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी गुरुवार (7 मार्च 2024) को साफ कह चुके हैं कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले CAA को लागू किया जाएगा। ऐसे में उत्तर प्रदेश पुलिस के प्रमुख ने कहा कि इस कानून को लागू कराने के लिए वह हर तरह से तैयार है।
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने कहा कि यूपी पुलिस लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारियों में जुटी हुई है। इसके साथ ही वह CAA के लागू होने को लेकर वह युद्धस्तर पर तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी तरह के विवाद की कोई सूचना मिलती है तो उससे निपटने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस पूरी तरह तैयार है।
प्रशांत कुमार ने कहा, “प्रदेश में किसी भी प्रकार से कानून व्यवस्था बिगड़ने नहीं दी जाएगी। इसके लिए मैं सभी को आश्वस्त करता हूँ। हम पूरी तरह से तैयार हैं। हम डाटा प्रोटेक्शन करते हैं तो हमारे पास वेपन भी है… हमारे पास डंडा भी है। यदि आवश्यक होगा तो उसका विधिक उपयोग किया जाएगा।”
CAA लागू होने को लेकर उन्होंने कहा कि अगर CAA और NRC लागू होने को लेकर वे सभी धर्मगुरुओं से संपर्क बनाए हुए हैं। इसके साथ ही उन्होंने जनशक्ति और उपकरण आदि संसाधनों को भी अपडेट करने की बात कही। उन्होंने कहा कि अभी राज्य में निवेश का माहौल है और कुछ ऐसा नहीं करने दिया जाएगा जिससे राज्य की छवि पर असर पड़े।
उन्होंने कहा कि यह सब उनकी ट्रेनिंग का हिस्सा है और इतना पसीना बहा रहे हैं कि खून बहाने की नौबत नहीं आएगी। डीजीपी ने कहा, “हमारी फील्ड फोर्स, हमारे उपकरण किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। सभी संस्थाओं से हम सूचनाओं का आदान-प्रदान कर रहे हैं।
डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि राज्य की कानून-व्यवस्था का स्थिति का जायजा लेने के लिए चुनाव आयोग की एक टीम यहाँ आई थी और तीन दिनों तक रुकी। इस दौरान टीम ने प्रदेश के अधिकारियों के साथ चर्चा भी की। उन्होंने राज्य की व्यवस्था पर संतुष्टि व्यक्त की और आश्वासन दिया कि प्रदेश में चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष माहौल हिंसा-मुक्त और प्रलोभन-मुक्त होंगे।
बता दें कि रिपब्लिक टीवी के एक कार्यक्रम में अमित शाह ने गुरुवार (7 मार्च 2024) को कहा कि सीएए देश का कानून है। यह पत्थर की लकीर है और ये लागू होकर रहेगा। उन्होंने कहा कि इस कानून को इस चुनाव यानी लोकसभा चुनाव 2024 से पहले लागू होगा। इसे कोई नहीं रोक सकता है।
उन्होंने कहा, “CAA संविधान सभा का वादा था। देश का जब विभाजन हुआ, तब पाकिस्तान और अब के बांग्लादेश से लाखों-करोड़ो लोग भारत आ रहे थे। तब कॉन्ग्रेस के लोगों ने ही देश से वादा किया था कि देश उनका स्वागत करेगा, लेकिन वोटबैंक के चक्कर में वे अपने वादे भूल गए। अगर भारत अपने 15 अगस्त 1947 के वादे को याद नहीं रखता है, उन्हें नागरिकता नहीं देता है तो ये विश्वासघात होगा।”