भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या में बनने जा रहे एयरपोर्ट का नाम ‘मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम’ होगा। इसके साथ ही सरकार ने एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने की भी कवायद शुरू कर दी है। यह उत्तर प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय स्तर का 5वाँ एयरपोर्ट होगा एयरपोर्ट का निर्माण 2021 में दिसंबर माह तक पूरा करने की योजना है।
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण कार्य प्रारंभ होने के बाद भविष्य की जरूरतों के लिहाज से अयोध्या तैयार हो रही है। अयोध्या के कायाकल्प के लिए यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार कोई कमी नहीं कर रही है।
एक अधिकारी ने बुधवार (सितंबर 9, 2020) को बताया कि श्रीराम मंदिर बनने के बाद अयोध्या में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि होगी। इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने एयरपोर्ट के विस्तार की योजना बनाई है।
गौरतलब है कि अप्रैल 2017 तक अयोध्या एयरपोर्ट का विकास दो चरणों में करने की योजना बनाई गई थी। इसके लिए हुए टेक्नो-इक्नोमिक सर्वे में पहले चरण में एटीआर-72 विमानों के लिए विकसित किया जाना था। इसमें रन-वे की लंबाई 1680 मीटर रखी जानी थी। दूसरे चरण में ए-321, 200 सीटर विमानों के संचालन के लिए एयरपोर्ट विकसित होना था।
इसमें रन-वे की लंबाई 2300 मीटर प्रस्तावित थी। बाद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस एयरपोर्ट को बोइंग-777 विमानों के योग्य बनाने और उसका नाम बदलने की घोषणा की थी। इसके बाद भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने पिछले साल पाँच मई को भौतिक सर्वे करने के बाद संशोधित रिपोर्ट प्रस्तुत किया था।
उत्तर प्रदेश के नागरिक उड्डयन एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नंद गोपाल नंदी ने कहा, “योगी सरकार ने अयोध्या स्थित हवाई पट्टी को एयरपोर्ट के रूप में विकसित करने के लिए 525 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है, जिसमें 300 करोड़ रुपए अब तक खर्च किया जा चुका है। जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है, इस बारे में जल्दी ही एक समीक्षा बैठक भी अधिकारियों की बुलाई जाएगी।”
रिपोर्ट के मुताबिक पहले चरण में ए-321 विमानों के संचालन के लिए 463.10 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी। इसमें रन-वे की लंबाई 3,125 मीटर और चौड़ाई 45 मीटर होगी। दूसरे चरण में बाइंग 777 जैसे बड़े विमानों के संचालन के लिए 122.87 एकड़ जमीन की अतिरिक्त आवश्यकता होगी।
इसमें रन-वे की लंबाई 3,750 मीटर और चौड़ाई 45 मीटर होगी। वहीं, एयरपोर्ट के संचालन व सुरक्षा से जुड़े कर्मचारियों के आवासीय क्षेत्र के लिए आसपास 15 एकड़ भूमि की जरूरत बताई गई। इस तरह एयरपोर्ट के लिए कुल 600 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी।
मौजूदा समय में पर्यटन विभाग की ओर से समेकित पर्यटन के लिए विकास के कई काम जारी हैं। कुछ काम पूरे भी हो चुके हैं। इसके अलावा सभी प्रमुख प्रवेश मार्गों पर थीम बेस्ड गेट के निर्माण, परिक्रमा पथों के विकास, कुंडों का जीर्णोद्घार, टूरिस्ट फैसिलिटेशन के निर्माण, पार्किंग, यात्री सुविधाओं और फूडकोर्ट के निर्माण आदि के लिए केंद्र सरकार को 200 करोड़ का प्रस्ताव भी विभाग की ओर से शीघ्र ही केंद्र को भेजा जाना है।