Friday, November 15, 2024
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लखनऊ के कसाईबाड़ा में महिला स्वास्थ्यकर्मियों के साथ बदसलूकी, गाली-गलौज: पत्थर उठाने पर जान बचा कर भागे

मेडिकल टीम की महिला सदस्यों ने कहा कि जब वो लोग वहाँ पर सर्वे के लिए पहुँचे तो उन लोगों ने अभद्रता की। टीम की सदस्य ने जब उनसे मकान नंबर और किसी के आने की जानकारी माँगी तो गाली-गलौज करने लगे और...

एक तरफ जहाँ जगह-जगह क्वारंटाइन सेंटर में जमाती स्वास्थ्यकर्मियों से बदसलूकी कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ यूपी की राजधानी लखनऊ के कसाईबाड़ा इलाके में स्थानीय लोगों ने स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ बदसलूकी की है। बता दें कि इसी इलाके से पिछले दिनों करीब 12 जमाती कोरोना पॉजिटिव मिले थे।

देश में कोरोना के नए मामलों में आधे के लिए जिम्मेदार तबलीगी जमात के लोग और उनके समर्थकों द्वारा कई अस्पतालों में महिला स्टाफ के साथ बदतमीजियाँ करने के बाद अब लखनऊ में मेडिकल टीम पर हमला बोल दिया। रविवार (अप्रैल 5, 2020) को जब स्वास्थ्यकर्मियों की टीम लखनऊ के कसाईबाड़ा में सर्वे के लिए पहुँची तो इनके ऊपर हमला कर दिया गया, दस्तावेजों को फाड़ने की कोशिश की गई।

इतना ही नहीं, अपनी जान की परवाह किए बगैर दिन-रात इनके इलाज में जुटी इन मेडिकल टीम के सदस्यों को स्थानीय लोगों ने दौड़ा दिया। गिरते-पड़ते किसी तरह टीम वहाँ से जान बचाकर भागी। भीड़ इतनी उग्र थी कि उनके पास भागने के अवाला कोई और विकल्प नहीं था। पहले तो स्थानीय लोगों ने गाली-गलौज की और फिर इन पर हमला कर दिया। इस घटना के बारे में बताती हुई मेडिकल टीम की महिला सदस्यों ने कहा कि जब वो लोग वहाँ पर सर्वे के लिए पहुँचे तो उन लोगों ने अभद्रता की। टीम की सदस्य ने जब उनसे मकान नंबर और किसी के आने की जानकारी माँगी तो गाली-गलौज करने लगे और कहा कि जाओ यहाँ से, कुछ नहीं बताएँगे। 

वो आगे बताती हैं कि कुछ लोगों ने तो पत्थरबाजी करने के लिए पत्थर भी उठा लिए थे हाथ में। वो लगातार यही कह रहे थे कि तुम लोग यहाँ से जाओ, हमें स्वास्थ्य विभाग से कोई मतलब नहीं है। इन लोगों के इस तरह के अभद्र व्यवहार की वजह से स्वास्थ्यकर्मियों के लिए काम करना काफी मुश्किल हो रहा है। जानकारी के मुताबिक सदर के कसाईबाड़ा के पास मजिस्द से कई जमातियों को पकड़ा गया था।

इनकी जाँच में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार इलाके में जा रही है। लोगों को कोरोना से बचाव के बारे में जानकारी दे रही है। लोगों को जागरुक किया जा रहा है। जिन लोगों में कोरोना के लक्षण नजर आ रहे हैं, उनके नमूने एकत्र कर जाँच के लिए भेजा रहा है। साथ ही उन्हें क्वारंटाइन कराया जा रहा है। इसी क्रम में जब रविवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुँची तो स्थानीय लोगों ने टीम के सदस्यों से अभद्रता की। सीएमओ डॉ नरेंद्र अग्रवाल ने कहा है कि इसकी जाँच कराई जाएगी।

वहीं आँकड़ों की बात करें तो जमात से लौटे लोग कोरोना के सबसे बड़े वाहक के रूप में सामने आ रहे हैं। दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज से निकले कोरोना संदिग्ध पूरे देश के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। दिल्ली और यूपी के कई अस्पतालों के डॉक्टरों ने शिकायत की है कि जमात के लोग जाँच और इलाज कराने में मनमानी कर रहे हैं। कानपुर में जमातियों से परेशान डॉक्टरों ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पूरे मामले की रिपोर्ट भेजी। इसमें कहा गया कि ये लोग सोशल डिस्टेंसिंग का मजाक उड़ा रहे हैं। इसका एक वीडियो भी सामने आया था।

वीडियो में जमात के लोग सोशल डिस्टेंसिंग को ताक पर रखकर एक साथ जमा होते हैं और फिर समूह में नमाज अदा करते हैं। वहीं एक अन्य वीडियो में वो डॉक्टर के साथ बहस और बदतमीजी करते हुए नजर आते हैं। उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन एक मजबूत कदम के रूप में सामने आया था। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग एकमात्र उपाय है। पिछले दिनों रिपोर्ट भी आईं थीं कि भारत जैसे देश में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ने का औसत गंभीर रूप से प्रभावित और विकसित देशों से काफी कम है। 

ऐसे में ये 21 दिनों का लॉकडाउन देश को सुरक्षित रास्ते पर ले जा रहा था। लेकिन तबलीगी जमात के आयोजनों ने एक बड़ी समस्या खड़ी कर दी है। मरकज में विदेशियों सहित दो हजार से ज्यादा लोग इकट्ठा थे। इनमें से सैकड़ों संक्रमित पाए गए हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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