उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में 12 अप्रैल, 2021 को असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) ने डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती और शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी के खिलाफ ‘सिर तन से जुदा’ का पोस्टर लगाया था। ऑपइंडिया ने इस घटना की विस्तार से रिपोर्ट की थी।
कानपुर नगर की पुलिस ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए आज (16 अप्रैल) ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। पुलिस ने बताया कि 12 अप्रैल 2021 को कानपुर में एक आपत्तिजनक व धार्मिक रूप से भड़काऊ पोस्टर को लगाए जाने के संबंध में उपद्रवियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। उन्होंने आगे कहा कि आईपीसी की धारा 153 ए और 295 ए के तहत मामला दर्ज किया गया है और पुलिस आरोपितों की तलाश कर रही है। कानपुर पुलिस ने आश्वस्त किया कि आरोपितों की पहचान करने के प्रयास किए जा रहे हैं। गिरफ्त में आते ही उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
Kanpur: AIMIM puts up ‘sar tan se juda’ posters calling for beheading of Yati Narsinghanand and Wasim Rizvi, removed by policehttps://t.co/eZeJX9Ei5G
— Nupur J Sharma (@UnSubtleDesi) April 12, 2021
गौरतलब है कि हाल ही में उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी और डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ AIMIM की तरफ से पोस्टर लगाए गए थे। पोस्टर में दोनों के सिर कलम करते हुए दिखाया गया था। पोस्टर पर लिखा गया था- एक ही सजा, सिर तन से जुदा। धार्मिक रूप से भड़काऊ पोस्टर के अलावा एक अन्य पोस्टर भी कानपुर में देखा गया। इसमें सबसे ऊपर AIMIM कानपुर लिखा है और नीचे एक बच्चा और कुत्ता, रिजवी और नरसिंहानंद के मुँह में पेशाब करते दिखाए गए हैं। हालाँकि, इससे पहले भी कानपुर पुलिस ने सोशल मीडिया पर यह कहते हुए प्रतिक्रिया दी थी कि पोस्टर हटा दिए गए हैं और मामले की जाँच शुरू कर दी गई है।
My Kanpur Hindu siblings 👉 what updates are on these boards by AIMIM? How can they publicly display such boards? @narendramodi @AmitShah @KapilMishra_IND @sambitswaraj @nsitharaman @smritiirani @ianuragthakur pic.twitter.com/4bMFbEXVtv
— Dr. Jishad Kumar Murali (@DrJK_Murali) April 12, 2021
ज्ञात हो कि 9 अप्रैल को मध्य प्रदेश के बालाघाट में पुलिस ने मुस्लिम समुदाय के 4 लोगों को यति नरसिंहानंद के पोस्टर लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इनकी पहचान मातिन अजहरी, शोएब खान, कासिम खान और रजा खान के तौर पर हुई थी। गिरफ्तारी का विरोध करते हुए AIMIM के जिला प्रभारी नाजिम खान ने कहा था, “पूरे मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को आहत करने वाले के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय, हमारे समुदाय के चार सदस्यों को उनका पोस्टर लगाने के लिए गिरफ्तार किया गया है।”
मालूम हो कि प्रेस क्लब में यति नरसिंहानंद पैगंबर मुहम्मद पर विवादित बयान के बाद से कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गए हैं। 9 अप्रैल को बरेली के इस्लामिया ग्राउंड में मुस्लिमों ने इकट्ठा होकर उनके खिलाफ ‘सिर तन से जुदा’ के नारे लगाए थे।
AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी भी यति नरसिंहानंद पर कथित तौर पर पैगंबर की तौहीन करने को लेकर गुस्सा जाहिर कर चुके हैं। ट्विटर पर ओवैसी ने लिखा था कि पैगंबर का अपमान बिलकुल बर्दाश्त नहीं है। उन्होंने पूछा था, “क्या धर्मगुरुओं के वेश में छिपे ये अपराधी इस्लाम से अपना अप्राकृतिक जुड़ाव खत्म कर सकते हैं? आप जो चीज पसंद नहीं करते, उस पर इतना समय क्यों खपाते हैं। मुझे यकीन है कि आपके अपने धर्म में भी काफी कुछ होगा जिस पर चर्चा हो सकती है।”
वहीं, इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा यति नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या करने के पोस्टर लगाने के बाद से हिंदुओं में व्यापक आक्रोश है। देश के विभिन्न कोनों से आए हिंदू महंत के समर्थन में आवाज बुलंद करने लगे हैं।