Thursday, May 9, 2024
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ओवैसी की AIMIM का पोस्टर, यति नरसिंहानंद और वसीम रिजवी का ‘सिर धड़ से अलग’: एक्शन में यूपी पुलिस

कानपुर पुलिस ने बताया है कि पोस्टर हटा दिए गए हैं। एफआईआर दर्ज कर मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है।

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) ने डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती और शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी के ख़िलाफ़ ‘सिर तन से जुदा’ का पोस्टर लगाया। इस पोस्टर के सबसे ऊपर हरी पट्टी में AIMIM कानपुर लिखा था। नीचे धारदार हथियार दिखा कर यति नरसिंहानंद और रिजवी का सिर उनके शरीर से अलग दिखाया गया था।

कानपुर नगर की पुलिस ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए बताया कि उन्होंने 12 अप्रैल को लगाए गए इन आपत्तिजनक व धार्मिक रूप से भड़काऊ पोस्टर को लगाने के संबंध में चमनगंज थाने में धारा 153ए, 295 ए के तहत शिकायत दर्ज कर ली है। अब आरोपितों की पहचान कर आगे की कार्रवाई होगी। पुलिस के अनुसार, विवादित पोस्टर हटा दिए गए हैं।

यति नरसिंहानंद ने इस पोस्टर को अपने ट्विटर पर शेयर कर लिखा, “यह AIMIM का नहीं इस्लाम का वास्तविक दृश्य है। सामूहिक हिंसा का जन्मदाता है इस्लाम और यह मुहम्मद के अनुयायी असदुद्दीन ओवैसी की राजनीतिक पार्टी AIMIM का बैनर है।”

धार्मिक रूप से भड़काऊ पोस्टर के अलावा एक अन्य पोस्टर भी कानपुर में देखा गया। इसमें सबसे ऊपर AIMIM कानपुर लिखा है और नीचे एक बच्चा और कुत्ता, रिजवी और नरसिंहानंद के मुँह में पेशाब करते दिखाए गए हैं।

बता दें कि 9 अप्रैल को मध्य प्रदेश के बालाघाट में पुलिस ने मुस्लिम समुदाय के 4 लोगों को यति नरसिंहानंद के पोस्टर लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इनकी पहचान मातिन अजहरी, शोएब खान, कासिम खान और रजा खान के तौर पर हुई थी। गिरफ्तारी का विरोध करते हुए AIMIM के जिला प्रभारी नाजिम खान ने कहा था, “पूरे मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को आहत करने वाले के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय, हमारे समुदाय के चार सदस्यों को उनका पोस्टर लगाने के लिए गिरफ्तार किया गया है।”

बालाघाट, यति नरसिंहानंद, पोस्टर
यति नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ पोस्टर लगाने और गाली देने के मामले में चार गिरफ्तार (साभार: न्यूज क्लिक)

मालूम हो कि प्रेस क्लब में यति नरसिंहानंद के बयान के बाद से वह कट्टरपंथियों के निशाने पर बने हुए हैं। 9 अप्रैल को ही बरेली के इस्लामिया ग्राउंड में मुस्लिम इकट्ठा होकर उनके खिलाफ ‘सिर तन से जुदा’ के नारे लगा रहे थे।

AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी भी यति नरसिंहानंद पर कथित तौर पर पैगंबर की तौहीन करने को लेकर गुस्सा जाहिर कर चुके हैं। ट्विटर पर ओवैसी ने लिखा था कि पैगंबर का अपमान बिलकुल बर्दाश्त नहीं है। उन्होंने पूछा था, “क्‍या धर्मगुरुओं के वेश में छिपे ये अपराधी इस्‍लाम से अपना अप्राकृतिक जुड़ाव खत्‍म कर सकते हैं? आप जो चीज पसंद नहीं करते, उस पर इतना समय क्‍यों खपाते हैं। मुझे यकीन है कि आपके अपने धर्म में भी काफी कुछ होगा जिस पर चर्चा हो सकती है।”

यति नरसिंहानंद की किस बात से नाराज हैं कट्टरपंथी?

बीते 1 अप्रैल को गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर के मुख्य पुजारी यति नरसिंहानंद सरस्वती ने प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित एक कार्यक्रम में पैगंबर मुहम्मद की विशेषताओं को उजागर करने में हिंदुओं से निडर होने का आग्रह किया था।

उन्होंने कहा था, “अगर इस्लाम की वास्तविकता, जिसके लिए मौलाना कहते हैं कि यदि आप मुहम्मद के बारे में बोलते हैं, तो हम आपका सिर कलम कर देंगे, हिंदुओं को इस डर से छुटकारा मिलना चाहिए। हम हिंदू हैं। अगर हम भगवान राम, और अन्य हिंदू देवताओं की विशेषताओं के बारे में कह सकते हैं, तो मुहम्मद हमारे लिए कुछ भी नहीं है। हम मुहम्मद के बारे में और सच क्यों नहीं बोल सकते थे?”

AAP विधायक अमानतुल्ला खान ने पैगंबर मुहम्मद की आलोचना के लिए यति नरसिंहानंद सरस्वती का सिर कलम करने का आह्वान किया था। उसकी शिकायत के बाद दिल्ली पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज की थी। बाद में महंत का सिर काटने की धमकी के मामले में AAP विधायक के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया था।

वसीम रिजवी पर क्यों गुस्सा?

शिया वक़्फ़ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिज़वी ने कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में कुरान की 26 आयत को हटाने के संबंध में याचिका दाखिल की थी। उनका कहना था कि इन 26 आयत में से कुछ आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली हैं, जिन्हें बाद में शामिल किया गया। इस याचिका के दाखिल होने के बाद से लगभग हर मुस्लिम समूह उनसे नाराज था और उनका सिर कलम करने के लिए इनाम का ऐलान कर रहा था। कल (12 अप्रैल 2021) इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रिजवी की याचिका को खारिज करते हुए उन पर 50,000 रुपए का जुर्माना लगाया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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