उत्तर प्रदेश के मेरठ में 400 से अधिक गरीब लोगों को सहायता के नाम पर ईसाई में धर्मांतरण कराने की साजिश का मामला सामने आया है। इन लोगों का कहना है कि कोरोना महामारी के दौरान कुछ लोगों ने उनकी मदद की थी। वही लोग धोखे से उनका मतांतरण कर दिए और अब उनसे घरों में रखी देवी-देवताओं की मूर्तियों को बाहर करने का दबाव डाल रहे हैं। इस साजिश के तार दिल्ली से जुड़ रहे हैं।
मेरठ में धर्मांतरण के खिलाफ हिंदू संगठनों का हंगामा। छबीली, बिनवा, अनिल, सरदार, निक्कू, बसंत, प्रेमा, तितली और रीना पर जबरन धर्मांतरण कराने की FIR हुई। #Meerut #Up
— Sachin Gupta (@sachingupta787) October 29, 2022
मेरठ के मंगरपुरम स्थित ब्रह्मपुरम थाना क्षेत्र के मलिन बस्ती में रहने वाले गरीब लोगों का कहना है कि कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन की वजह से उनके काम-धंधे पर असर पड़ा था। इसके कारण उन्हें खाने के लिए मोहताज होना पड़ा था। इस दौरान ईसाई समाज के कुछ लोगों ने उनके लिए खाने-पीने का इंतजाम करके उनकी मदद की थी। इन लोगों ने पैसों से भी इनकी मदद की थी।
इस मदद के कारण ये लोग ईसाई समाज के उन लोगों पर विश्वास करने लगे। इसके बाद ईसाई धर्म से जुड़े लोगों ने इन लोगों पर हिंदू धर्म के अनुसार पूजा-पाठ नहीं करने का दबाव बनाया। इससे तंग आकर इन लोगों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत की कॉपी ऑपइंडिया के पास उपलब्ध है।
दी गई शिकायत में कहा गया है, “कोरोना के दौरान हमारी मदद करने के बाद ये लोग (ईसाई) कहने लगे कि ईश्वर एक है और वह ईसा मसीह है। तुम चर्च में आओ और प्रार्थना करो। हमलोग चर्च जाने लगे। कुछ दिन बाद इन लोगों ने कहा कि तुम अपने भगवानों की पूजा छोड़कर ईसा मसीह की पूजा करो। इसके बाद ये लोग आधार कार्ड पर भी नाम बदलवाने का दबाव बनाने लगे।”
अपनी शिकायत में पीड़ितों ने आगे कहा, “हम दीपावली के दिन अपनी घरों में पूजा कर रहे थे तो ये लोग हमारी झुग्गी-झोपड़ियों में घुसकर हमारे भगवानों की तस्वीरें फाड़ दीं और बोले कि तुम लोगों ने अपना धर्म बदल लिया है और ईसाई बन गए हो। अब ईसा मसीह को मानो। ये लोग हमसे दो-दो लाख रुपए माँगने लगे। जब हमने विरोध किया तो ये लोग घरों से चाकू, डंडे लेकर आए और शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी।”
पीड़ितों का कहना है कि ये सनातन धर्म को मानने वाले लोग हैं और धोखा देकर इनका धर्मांतरण करा दिया गया है। उन्होंने प्रशासन से जाँच करके मामले में अविलंब कार्रवाई करने की माँग की है। एसपी सिटी का कहना है कि आरोपितों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है। यूपी के गैरकानूनी धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम के 9 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।
जिन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है, उनके नाम हैं छबीली उर्फ शिवा, बिनवा, अनिल, सरदार, निक्कू, बसंत, प्रेमा, तितली और रीना हैं।
FIR lodged against 9 people u/s of UP Prohibition of Unlawful Conversion of Religion Act for allegedly forcing a few people in Meerut to convert to Christianity&threatening them against going to Police.FIR states accused helped them during lockdown&encouraged them to visit Church
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 29, 2022
कहा जा रहा है कि धर्मांतरण की इस साजिश को दिल्ली में रचा गया था। कहा जा रहा है कि दिल्ली के पास्टर महेश ने पूरी प्लानिंग से इन लोगों का मतांतरण कराया है। बेटियों की शादी और बच्चों की पढ़ाई का भी खर्च महेश उठा रहा था। इस पूरे मामले की निगरानी रेलवे रोड निवासी अनिल कर रहा था।
जाँच के दौरान अस्थायी चर्च से कुछ रजिस्टर मिले हैं, जिनमें मतांतरण कराए गए सभी लोगों के नाम लिखे हैं। उन लोगों को पैसे कैसे दिए जाते थे, इसका भी उल्लेख किया गया है। इस मामले में पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है, जबकि पास्टर महेश और अनिल की तलाश की जा रही है। अब तक जाँच से सामने आया है कि मंगतपुरम में 550 लोग रहते हैं, जिनमें 400 लोगों का धर्मांतरण करा दिया गया है।
पास्टर महेश ने मंगतपुरम के धर्मांतरित लोगों की बेटियों की शादी और उनके बच्चों की पढ़ाई का खर्चा उठाने का जिम्मा लिया था। इनमें से कुछ लोगों की बेटियों की शादी भी ईसाई समुदाय के युवकों से कराई गई है। यहाँ के बच्चों को भी उनकी संस्था द्वारा ही पढ़ाया जा रहा है।