जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के बाद अब बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी में भी वामपंथी छात्रों ने उलूल-जलूल हरकतें करनी शुरू कर दी है। ताज़ा ख़बर के अनुसार, बीएचयू में वीर सावरकर की फोटो के साथ छेड़छाड़ की गई है। छात्रों ने न सिर्फ़ स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के चित्र को दीवार से उखाड़ कर नीचे फेंक दिया बल्कि उसपर स्याही भी पोत दी। दरअसल, मामला ये है कि बीएचयू के पोलिटिकल साइंस डिपार्टमेंट में महात्मा गाँधी, बाबासाहब आंबेडकर और वीर सावरकर सहित कई महापुरुषों के चित्र लगे हुए हैं। सभी क्लासरूम में 3 वर्ष पहले छात्रों व शिक्षकों के सहयोग से इन चित्रों को लगाया गया है।
ये घटना सोमवार (नवंबर 18, 2019) की है। सुबह 10 बजे जब एमए फर्स्ट ईयर के छात्र जब रूम नंबर 103 में क्लास करने पहुँचे तो उन्होंने जो देखा, उससे वो हतप्रभ रह गए। वीर सावरकर की फोटो को दीवार से उखाड़ कर पहली बेंच पर पटक दिया गया था। फोटो पर स्याही लगी हुई थी। इसके बाद छात्र आक्रोशित हो उठे और धरने पर बैठ गए। छात्रों के आक्रोश को देख कर एचओडी वहाँ पर पहुँचे। एचओडी ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि ये ग़लत है। उन्होंने छात्रों को आश्वसन दिया कि एक कमिटी गठित कर के मामले की जाँच की जाएगी।
एचओडी ने कहा कि वीर सावरकर की फोटो को फिर से कक्षा की दीवार पर लगाया जाएगा। साथ ही दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने का भी आश्वासन दिया। इसके बाद छात्रों का धरना ख़त्म हुआ। एमए के छात्रों ने वामपंथी छात्र संगठन आइसा पर आरोप लगाया है। छात्रों ने कहा कि ये उनका ही काम है क्योंकि वो लोग पहले से ही ऐसी धमकियाँ दे रहे थे। जब दिल्ली विश्वविद्यालय में सावरकर की प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ कर के उन्हें अपमानित किया गया था, तब आइसा के एक सदस्य आशुतोष कुमार ने फेसबुक पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
आशुतोष ने फेसबुक अकाउंट पर लिखा था कि सावरकर की प्रतिमा को कालिख पोत कर ‘मइया &% दी गई’। साथ ही उसने धमकी भी दी थी कि अब बीएचयू के पोलिटिकल साइंस डिपार्टमेंट में लगे सावरकर के फोटो बारी है। इस धमकी के कारण लोग इस पूरी घटना में वामपंथी छात्र संगठन आइसा का हाथ होने की ही आशंका जता रहे हैं और विश्वविद्यालय प्रशासन को भी इस सम्बन्ध में सूचित कर दिया गया है।
आक्रोशित छात्रों ने चेतावनी दी है कि वो मंगलवार को इस मामले में एफआईआर दर्ज करेंगे। बीएचयू में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सह संयोजक अभय प्रताप सिंह ने इस मामले को लेकर ऑपइंडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि सितम्बर में भी वीर सावरकर की फोटो को क्लासरूम में निकाल कर फेंक दिया गया था। इसके बाद एबीवीपी ने इसे किसी की ग़लती समझ कर फोटो को रिपेयर करवाया। बीएचयू में एमए फाइनल ईयर के छात्र अभय प्रताप ने कहा कि ये पूर्णरूपेण वामपंथी छात्र संगठन का काम है क्योंकि जेएनयू से लेकर डीयू तक ये लोग ऐसी ही हरकतें कर रहे हैं। छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन को भी पत्र लिख कर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। पत्र की कॉपी:
बीएचयू में पिछले कुछ महीनों से ऐसे कई मामले आ रहे हैं, जिसमें हिन्दू-विरोधी हरकतों की झलकियाँ मिल रही हैं। एबीवीपी का आरोप है कि वामपंथी छात्र संगठन अब बीएचयू को नया जेएनयू बनाना चाहते हैं। अब देखना यह है कि मंगलवार को छात्रों द्वारा नामजद एफआईआर दर्ज कराने के बाद क्या कार्रवाई की जाती है?