Sunday, September 1, 2024
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‘बाइबल को हमारे पवित्र ग्रंथों से बड़ा बताना बेअदबी नहीं?’ VHP का सवाल, कहा- पंजाब सरकार बनाए धर्मांतरण विरोधी कानून

विहिप ने कहा है कि पंजाब का धर्मरक्षा के लिए संघर्ष और बलिदान का एक लंबा इतिहास है। धर्मांतरण करने वाली मिशनरियाँ इन बलिदानों को ही नहीं, बल्कि गुरुओं की शिक्षाओं को भी अपमानित करने का दुस्साहस कर रही हैं।

विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने 18 अक्टूबर 2021 (सोमवार) को पंजाब में हो रहे सामूहिक धर्मांतरण को बंद करने का आह्वान किया। संगठन ने पंजाब सरकार से राज्य में धर्मांतरण विरोधी कानून लाने की माँग की है। विश्व हिन्दू परिषद ने कहा है कि ईसाई मिशनरियाँ लोगों को पैसे और अन्य सुविधाओं के बदले धर्मांतरण का लालच दे रही हैं। विहिप ने पंजाब को गुरुओं की पवित्र भूमि बताते हुए इसे धर्मान्तरण से मुक्ति दिलाने का आह्वान किया है।

जारी किए गए प्रेस नोट में विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय संयुक्त महासचिव डॉ. सुरेंद्र जैन ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) की अध्यक्षा बीबी जागीर कौर और अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह द्वारा राज्य में चर्चों द्वारा कराए जा रहे अवैध धर्मांतरण के खिलाफ उठाई गई आवाज का स्वागत किया। इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब में सामूहिक धर्मांतरण की घटनाओं को रोकने के लिए VHP हरसंभव मदद करेगी।

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया से बात करते हुए डॉ. जैन ने कहा कि पंजाब का धर्मरक्षा के लिए संघर्ष और बलिदान का एक लंबा इतिहास है। उन्होंने बताया कि धर्मांतरण करने वाली मिशनरियाँ इन बलिदानों को ही नहीं, बल्कि गुरुओं की शिक्षाओं को भी अपमानित करने का दुस्साहस कर रही हैं। डॉ. जैन ने यह भी कहा कि पंजाब में सक्रिय ईसाई मिशनरियाँ वहाँ के लोगों का धर्म परिवर्तन करने के लिए बल, धोखाधड़ी और लालच का इस्तेमाल कर रही हैं।

प्रेस नोट में कहा गया है कि, “यदि सच में चंगाई सभा (Abracadabra Healing Congregations) लोगों को चंगा (निरोगी) करती तो उनके पादरी बीमार होने पर अस्पताल में क्यों भर्ती होते हैं? कई ईसाई धर्मगुरुओं/पादरियों ने COVID-19 महामारी से ग्रसित हो कर अपनी जान गवाँ दी। मदर टेरेसा का कई माह तक इलाज करवाने के बाद भी वो उन्हें बचा नहीं पाए।” प्रेस नोट में सवाल किया गया है कि जब चंगाई सभाएँ अपनों को ही नहीं ठीक कर पाईं, तो ये पंजाब के भोले-भाले लोगों को मूर्ख क्यों बना रही हैं? साथ ही मिशनरियों को चुनौती दी गई है कि वे पंजाब के अस्पतालों में भर्ती गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों को स्वस्थ करके अपनी शक्ति को साबित करें।

ताजा खुलासों का जिक्र करते हुए कहा है, “आज चर्च पूरी दुनिया में बदनाम हो चुके हैं। कुछ समय पहले एक फ्रांसीसी संस्था ने रिसर्च के बाद भयावह रिपोर्ट जारी की थी जिसमें बताया गया था कि पादरियों ने 3,30,000 से अधिक बच्चों का यौन शोषण किया है। यहाँ तक ​​कि वेटिकन सिटी की नन भी यौन शोषण का शिकार हो चुकी हैं। भारत में कई ननों ने इसी के चलते आत्महत्या तक कर ली है। जालंधर के बिशप फ्रेंको पर नन के यौन उत्पीड़न का आरोप है जिसका मुकदमा केरल की एक अदालत में चल रहा है। इसी के साथ दुनिया भर के चर्च अपने पादरियों के पापों की क्षमा माँग रहे हैं।”

विहिप ने पंजाब सरकार से धर्मान्तरण विरोधी क़ानून लागू करने की भी माँग की है। मिशनरियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि वे धर्मांतरण की हरकतों को तुरंत बंद करें। साथ ही पूछा है कि बाइबल को हमारे पवित्र ग्रंथों से बड़ा बताकर क्या मिशनरियाँ सिखों और हिंदुओं के धर्मग्रंथों की बेअदबी नहीं कर रहे?

SGPC ने धर्मान्तरण के खिलाफ शुरू किया है अभियान

विहिप का यह यह बयान एसजीपीसी द्वारा पंजाब में धर्मांतरण की व्यापक घटनाओं को रोकने के लिए शुरू किए गए जनजागरण अभियान के संदर्भ में आया है। 11 अक्टूबर 2021 (सोमवार) को यह बताया गया था कि SGPC ने ‘घर घर अंदर धर्मशाला’ नाम से अभियान चला कर ईसाई मिशनरियों की तर्ज पर घर-घर पहुँच कर सिख धर्म की शिक्षाओं का प्रचार करना शुरू कर दिया है। जिस तरह ईसाई मत प्रचारक कथित ‘ईश्वर के वचन’ का प्रचार करने के लिए गाँव-गाँव जाते हैं, उसी तरह 150 टीमें सिख धर्म के साहित्य बाँटने और जनता के बीच जागरूकता फैलाने के लिए पंजाब के तमाम गाँवों का दौरा करेंगी। प्रत्येक टीम में 7 सदस्य होंगे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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