Sunday, November 17, 2024
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संतों की हत्या में वामपंथी साजिश: VHP ने राज्यपाल को ‘ख़ूनी वामपंथी’ इतिहास की याद दिलाते हुए की कार्रवाई की माँग

"…गत वर्षों से वामपंथियों द्वारा इस क्षेत्र के स्वभावतः मासूम वनवासियों को 'राम हमारे देव नहीं, हमें रावण की पूजा करनी चाहिए, नवरात्री में शक्ति की जगह महिषासुर को पूजना चाहिए' ऐसा कहकर जबरन उनकी श्रद्दा को तोड़ा जा रहा है। घर के देवी-देवताओं के विग्रहों को जबरदस्ती विसर्जित करने की माँग की जा रहीं हैं।"

महाराष्ट्र के पालघर में हुई दो नागा साधुओं और उनके ड्राइवर की हत्या के सम्बन्ध में विश्व हिन्दू परिषद के संतों ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात करके दोषियों को सख्त सजा देने की माँग की है। साधुओं की मॉब लिंचिंग से आक्रोशित VHP ने राज्यपाल को एक पत्र लिखा जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि वामपंथियों का खूनी इतिहास नई बात नहीं है।

राज्यपाल को VHP के एक्शन प्लान से अवगत कराया

राजभवन में हुई इस मुलाकात में विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के तीन सदस्यों महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद महाराज, स्वामी शंकारानंद महाराज और स्वामी सुखदेवानंद महाराज ने भीड़ द्वारा बेगुनाह संतों की मॉब लिंचिंग के विरोध में विश्व हिंदू परिषद के आगामी एक्शन प्लान से भी राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को अवगत कराया।

विश्व हिन्दू परिषद के इस पत्र का विषय पालघर जिले में हिन्दू संतों की निर्मम सामूहिक हत्या है। पत्र में लिखा गया है कि वहाँ मौजूद पुलिस ने संतों को बचाने की बिलकुल भी कोशिश नहीं की। पत्र में लिखा गया है –

वामपंथियों द्वारा रक्तरंजित क्रूरता इस परिसर का इतिहास है। विश्व हिन्दू परिषद के देश के प्रथम सेवा कार्य ‘तलासरी छात्रावास’ इसी तरह से 700-800 लोगों को भीड़ द्वारा हमला कर प्रचारकों को जिन्दा जलाने का प्रयास भूतकाल में भी किया गया था। छात्रावास के छात्रों के घर तोड़े गए। वर्तमान घटना के पीछे भी हमें बिना किसी संदेह के वामपंथी गतिविधि दिखती है…।”

“…गत वर्षों से वामपंथियों द्वारा इस क्षेत्र के स्वभावतः मासूम वनवासियों को ‘राम हमारे देव नहीं, हमें रावण की पूजा करनी चाहिए, नवरात्री में शक्ति की जगह महिषासुर को पूजना चाहिए’ ऐसा कहकर जबरन उनकी श्रद्दा को तोड़ा जा रहा है। घर के देवी-देवताओं के विग्रहों को जबरदस्ती विसर्जित करने की माँग की जा रहीं हैं। गत छह माह में तो आगामी जनगणना को ध्यान में रखकर धर्म के स्थान पर हिन्दू न लिखने के दुष्प्रचार किया जा रहा है। वर्तमान हिन्दू संतों की हत्याएँ हमें स्पष्ट रूप से इसी व्यापक हिंदुविरोधी षड्यंत्र की ओर निर्देशित करती है।”

विश्व हिन्दू परिषद के संतों ने राज्यपाल से सवाल किए है कि हिन्दवी स्वराज्य संस्थापक क्षत्रपति शिवाजी महाराज की भूमि पर संतों के साथ ऐसी घटनाएँ क्यों घट रही हैं? इसके साथ ही यह भी प्रश्न किया गया है कि यदि हिन्दुओं के स्थान पर किसी और धर्म-विशेष के व्यक्ति के साथ ऐसी घटना होती तो भी क्या सरकार, मीडिया और मानवाधिकार वाले इसी तरह से चुप होते?

इस पत्र के जरिए हिन्दू संतों की मॉब लिंचिंग को स्पष्ट तौर से हिन्दुओं पर हमला माना गया है और शासन से इसकी जिम्मेदारी लेने की बात कही गई है। साथ ही, हत्या के बाद जंगल भाग गए मुख्य दोषियों को ढूँढकर उन्हें सजा देने की माँग की है।

उल्लेखनीय है कि, मॉब लिंचिंग की इस घटना को 16 अप्रैल 2020 को महाराष्ट्र के पालघर में अंजाम दिया गया था। जूना अखाड़े से जुड़े दो साधु, 70 वर्षीय कल्पवृक्ष गिरि महाराज और 35 वर्षीय सुशील गिरि महाराज अपने ड्राइवर 30 वर्षीय नीलेश तेलगड़े के साथ मुंबई से गुजरात के लिए एक अन्य साधु के अंतिम संस्कार में शामिल होने जा रहे थे।

इसी बीच रास्ते में पड़ने वाले गड़चिनचले गाँव में, 100 से अधिक लोगों की भीड़ ने उन पर जानलेवा हमला कर दिया। पुलिस का दावा किया है कि जब पुलिस की टीम पीड़ित व्यक्ति को बचाने के लिए मौके पर पहुँची तो वह भी भीड़ के हमले का शिकार हो गई।

जबकि सोशल मीडिया पर वायरल पालघर की घटना के भयावह दृश्य में साफ दिख रहा है कि 100 से अधिक लोगों की भीड़ दो साधुओं और उनके ड्राइवर को पीट-पीटकर हत्या कर दी, और इस दौरान पुलिस हमलावरों के सामने मूकदर्शक बनकर खड़ी दिखाई दे रही है।

विहिप द्वारा राज्यपाल को सौंपा गया पत्र –

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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