मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापम घोटाले का मुख्य आरोपित जगदीश सागर शनिवार (7 दिसंबर) को एक स्कूली कार्यक्रम में मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ बैठा दिखा। इस कार्यक्रम में, कमलनाथ के अलावा उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी और वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भाग लिया था। इस घोटाले के सामने आने के बाद जगदीश सागर को 2013 में मुंबई की एक होटल से इंदौर क्राइम ब्रांच ने गिरफ़्तार किया था।
ख़बर के अनुसार, सूट पहने और काले रंग का सनग्लास पहने हुए जगदीश सागर ने शुरुआत में मीडियाकर्मियों के कैमरों को हटाने की कोशिश की और बाद में कार्यक्रम स्थल से चले गए। उल्लेखनीय रूप से, कॉन्ग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनावों के दौरान व्यापम में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को लेकर पिछली शिवराज सिंह चौहान सरकार पर निशाना साधा था। इसके बाद, सागर को बहुजन समाज पार्टी ने भिंड ज़िले में गोहद विधानसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतारा था। सागर को व्यापम घोटाले के मास्टरमाइंड के रूप में जाना जाता है और इस मामले में उनकी गिरफ़्तारी भी हुई थी
व्यापम घोटाला मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षाओं में अनियमितता के लिए जाना जाता है। यह घोटाला 2013 में सामने आया था और इस घोटाले ने राज्य में शिक्षा व्यवस्था के मूल को हिला कर रख दिया था। इसमें राजनेताओं, वरिष्ठ और कनिष्ठ अधिकारियों सहित कई घोटालेबाज़ शामिल थे। इंदौर की क्राइम ब्रांच ने 20 ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ मामला दायर किया था। इन मामलों में परीक्षा देने वाले छात्र की जगह किसी और ने परीक्षा दी थी। इसके अलावा, परीक्षा हॉल में बैठने की व्यवस्था में हेरफेर करना और अधिकारियों को रिश्वत देकर जाली उत्तर पुस्तिकाओं की आपूर्ति करने की व्यवस्था भी इस घोटाले में शामिल था।
जगदीश सागर जो कि एक चिकित्सक भी हैं, उनके ऊपर प्री-मेडिकल टेस्ट में धाँधली करने और सैकड़ों छात्रों को अनुचित साधनों के माध्यम से परीक्षा देने में मदद करने का आरोप लगा हुआ है। अपने चुनावी हलफ़नामे में, उनके ख़िलाफ़ दर्ज आपराधिक मामलों में, सागर ने कई मामलों का उल्लेख किया है, इनमें मध्य प्रदेश प्री मेडिकल टेस्ट (MPMT) घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम (PMLA) के तहत प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के दर्ज मामले शामिल हैं।
प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले साल जगदीश सागर के ख़िलाफ़ आरोपों की जाँच के बाद खुलासा किया था कि जगदीश सागर ने अवैध रूप से PMT-2012, पूर्व-पीजी परीक्षा-2012, PMT-2013 में गड़बड़ी का सहारा लेकर धन अर्जित किया था। उन्होंने अपनी अवैध कमाई को नियमित रूप से बैंक में जमा किया था और विभिन्न सम्पत्तियों का अधिग्रहण किया था।
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