मध्य प्रदेश के खरगोन में हिंसा भड़कने के बाद प्रशासन ने अपराधियों की संपत्तियों पर जो कार्रवाई की, उससे वामपंथी काफी उखड़े थे। इसीलिए उन्होंने प्रशासन को गलत साबित करने के लिए एक नैरेटिव चलाया जिसमें ये बताया गया कि कैसे प्रशासन उन लोगों के विरुद्ध अपनी कार्रवाई कर रहा है जिनका इससे लेना-देना नहीं है। अपने दावों को साबित करने के लिए वो जिस वीडियो को शेयर कर रहे थे वो वीडियो और तस्वीर वसीम की थी जिसके दोनों हाथ नहीं हैं।
मध्यप्रदेश : खरगोन हिंसा में बिना दोनों हाथ वाले शख्स को पत्थरबाज मानकर, उसकी छोटी दुकान (गुमठी) पर चला दिया बुलडोज़र
— News24 (@news24tvchannel) April 18, 2022
वसीम का आरोप “मुझे रोटी और पानी दूसरे देते हैं, मैं बिना हाथ के कैसे पत्थर फेंक सकता हूं? @JournalistVipin pic.twitter.com/HqJhBFOBpy
ये तस्वीर शेयर करके वामपंथी ये सवाल उठा रहे थे कि पुलिस ने खरगोन हिंसा में अपराधियों के ऊपर अगर कार्रवाई की है, तो उनमें एक दिव्यांग वसीम है उसकी भी तो दुकान को तोड़ा गया है। तस्वीर और दावे के साथ इन लोगों का मकसद था कि ये बताया जाए कि पुलिस निर्दोषों पर कार्रवाई कर रही है क्योंकि अगर वसीम के हाथ ही नहीं है तो वो पत्थरबाजी कैसे कर सकता है और पत्थरबाजी नहीं कर सकता है उसकी गुमटी को क्यों तोड़ा गया।
शिवसेना की महिला नेता प्रियंका चतुर्दी ने भी वसीम की तस्वीर को शेयर किया था। उन्होंने लिखा था, “क्या आप खरगोन के पत्थरबाज से मिले हैं जिन्हें मध्य प्रदेश सरकार ने चिह्नित किया है। वसीम की दुकान बुलडोजर द्वारा गिरा दी गई जैसे प्रधानमंत्री जन आवास योजना के तहत बना घर हो।” प्रियंका की तरह तमाम लोगों ने वसीम शेख के आधार पर प्रशासन पर सवाल उठाए। आप ट्विटर पर #wasimshaikh सर्च करेंगे तो आपको एक साथ वो सारे ट्वीट देखने को मिलेंगे जिसमें वसीम की तस्वीर शेयर है।
अब सवाल है कि ये दावा किया किस आधार पर गया? तो बता दें कि प्रशासन पर जो इल्जाम लगने शुरू हुए उनका आधार वसीम का पिछला बयान था, जिनसे अब वो पलट गया है। पुरानी वीडियो में वो बता रहा है कि कैसे उसके दोनों हाथ कटे हैं और वो अपनी गुमटी से पैसे कमाकर परिवार का भरण-पोषण करता था। मगर प्रशासन द्वारा बुलडोजर चलाए जाने के बाद उस पर आय का कोई स्रोत नहीं रह गया। अपनी वीडियो में वसीम ने माँ से लेकर बच्चों तक को दिखाकर ये दुख जाहिर किया था।
मध्यप्रदेश : खरगोन प्रशासन की टीम पहुंची वसीम के घर तो अपने आरोप से पलट गया वसीम, अब बोला नहीं तोड़ी प्रशासन ने गुमठी
— News24 (@news24tvchannel) April 18, 2022
◆वसीम ने पहले आरोप लगाया था- “दोनों हाथ कटे होने के बाद भी उन्हें पत्थरबाज मानकर प्रशासन ने उनकी गुमठी तोड़ दी थी”@JournalistVipin pic.twitter.com/uXm4CVLkRp
और नई वीडियो में प्रशासन के सामने स्वीकार कर रहा है कि उसके पिछले दावे गलत हैं। नई वीडियो में वसीम कहता है, “मैं शहर की जनता से ये विनती करता हूँ कि मेरी पोस्ट पर अफवाह न फैलाएँ न तो मेरा घर टूटा है और न ही गुमटी प्रशासन द्वारा तोड़ी गई है। झूठी अफवाहों से सावधान रहे। शांति का माहौल बनाएँ। मेरे लिए और अपन लिए दुआ करें कि शहर दोबारा से वैसा ही हो जाए जैसे पहले था। हर त्योहार हँसी-खुशी से मनाएँ। धन्यवाद।”
गौरतलब है कि एक ओर जहाँ वसीम की फोटो शेयर करके अब भी पुलिस कार्रवाई पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। वामपंथी धड़ा इस झूठ को आगे बढ़ा रहा है। उस बीच खरगोन की जिलाधिकारी ने बयान दिया है कि प्रशासन ने संपत्तियों पर कार्रवाई कि लेकिन इसमें वसीम की दुकान को कोई नुकसान नहीं हुआ। उन्होंने हर किसी से अफवाहों से बचने को कहा और चेतावनी दी कि झूठी खबर फैलाने पर सख्त कार्रवाई हो सकती है।
#FalseClaimBusted:
— The Hawk Eye (@thehawkeyex) April 19, 2022
After the ‘flag hoist’ theory was rebutted by DLH CP, one #WasimShaikh was making a round of SM by the usual suspects. In a video statement, Shaikh denied neither his home nor shop has been demolished. Khargone Collector warned ppl spreading false claims. pic.twitter.com/nOXPg1l7a2
ताज़ा अपडेट्स: वसीम ने फिर से अपना बयान बदलते हुए अलग-अलग बातें की है। अब उसने बयान दिया है कि प्रशासन ने उसे रुपए देकर उससे कहा था कि वो मीडिया में ये बयान दे कि उसकी गुमती को प्रशासन ने नहीं तोड़ा है।