पश्चिम बंगाल में एक महिला उम्मीदवार को नंगा कर गाँव में घुमाने के दावे को राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) मनोज मालवीय ने खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा है कि अब तक की जाँच में ऐसा कोई तथ्य नहीं मिला है जो इन आरोपों को प्रमाणित करता हो। उनके अनुसार आरोप लगाने वाली महिला ने भी पुलिस के नोटिस का अब तक जवाब नहीं दिया है।
डीजीपी ने शुक्रवार (21 जुलाई 2023) को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि 13 जुलाई को हावड़ा ग्रामीण जिले के एसपी को बीजेपी ने ईमेल के माध्यम से एक शिकायत की थी। इसमें कहा गया था कि आठ जुलाई को एक बूथ से एक महिला को जोर-जबर्दस्ती कर बाहर निकाल दिया गया। उनके साथ अश्लील हरकतें की गई। कपड़े फाड़ दिए गए। उनकी पिटाई की गई। डीजीपी ने बताया कि शुरुआती जाँच के बाद अगले ही दिन 14 जुलाई को उचित धाराओं में संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज की गई। केस की जाँच शुरू की गई। लेकिन जाँच में ऐसा कोई भी तथ्य निकलकर सामने नहीं आया है, जिससे कहा जा सके कि इस तरह की कोई घटना हुई थी।
उन्होंने कहा कि घटना आठ जुलाई को होने का दावा किया जा रहा है। सब जानते हैं कि उस दिन बंगाल में पंचायत चुनाव थे। सभी बूथों पर उस दिन अच्छी-खासी संख्या में केंद्रीय बल मौजूद थे। साथ ही बंगाल में मतदान का प्रतिशत काफी अधिक होता है। इसका मतलब है कि उस दिन लोग अपने घरों से बाहर होते हैं। सड़क पर होते हैं। बूथ के आसपास मौजूद रहते हैं। लेकिन न तो किसी व्यक्ति ने और न ही केंद्रीय बलों ने ऐसी कोई घटना होने की उस दिन रिपोर्ट की थी।
On 13 July, SP Howrah Rural received a complaint by email from BJP that on July 8 a woman was forcibly pulled out from a polling booth in Howrah's Panchla and her clothes were torn. On this complaint, police were directed to file FIR and conduct further investigation. During… pic.twitter.com/KR4X0jI9cX
— ANI (@ANI) July 21, 2023
डीजीपी ने कहा कि आजकल सबके पास कम से कम एक मोबाइल फोन होता है। लेकिन इस घटना का कोई वीडियो नहीं है। आसपास के सीसीटीवी की भी पुलिस ने जाँच की है, उनमें भी कुछ नहीं मिला है। उन्होंने यह भी कहा कि आरोप लगाने वाली महिला को पुलिस ने नोटिस भेजा है। उनसे चोट का उपचार कहाँ कराया गया, इसके बारे में जानकारी माँगी गई है। इंज्यूरी रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा है। लेकिन उन्होंने अब तक इसका जवाब नहीं दिया। डीजीपी मालवीय के अनुसार महिला ने 164 के तहत मजिस्ट्रेट के पास बयान दर्ज कराने को लेकर भी कोई जवाब अब तक नहीं दिया है। उनका यह भी कहना है कि जिस थाना क्षेत्र की यह घटना बताई जा रही, उस थाने में राज्य के विपक्ष के नेता आठ जुलाई को मतदान के बाद गए थे। लेकिन उन्होंने ऐसी किसी घटना के बारे में नहीं बताया। बीजेपी की फैक्ट फाइंडिंग टीम भी हावड़ा ग्रामीण जिले में गई थी, लेकिन उसने भी पुलिस को अब तक इस घटना के बारे में नहीं बताया है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार यह घटना हावड़ा के पांचला इलाके की है। एफआईआर में महिला उम्मीदवार ने टीएमसी के गुंडों पर छेड़छाड़ और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। कहा है कि आठ जुलाई को उसे नंगा कर पूरे गाँव में घुमाया गया। टीएमसी के करीब 40 से 50 गुंडों ने उसके साथ मारपीट की। सीने और सिर पर डंडे से हमला किया। उसे नग्न होने के लिए मजबूर किया गया। गलत तरीके से छुआ और सरेआम छेड़छाड़ की। महिल के अनुसार जब टीएमसी के कुछ कार्यकर्ता उसके साथ मारपीट कर रहे थे तो उनके एक नेता ने उन्हें उनके कपड़े फाड़ने के लिए उकसाया था। एफआईआर में उसने कई टीएमसी नेताओं को नामजद भी कर रखा है।
बंगाल भाजपा के सह प्रभारी अमित मालवीय ने ट्वीट कर बताया था कि इस मामले में एफआईआर भी पुलिस ने बीजेपी के दबाव के बााद दर्ज किया था। भाजपा की सांसद लॉकेट चटर्जी इस घटना के बारे में बात करते हुए पत्रकारों के सामने फूट-फूटकर रो पड़ीं थी। उन्होंने यह भी कहा था कि इस घटना का कोई वीडियो नहीं है, क्योंकि टीएमसी के गुंडों के हाथों में बंदूकें थीं।