उत्तराखंड के जोशीमठ में क्या कोई बड़ी तबाही आने वाली है? – ये सवाल कई लोगों के जेहन में गूँज रहा है। ताज़ा घटना के हुई है कि Jaypee कंपनी के परिसर में भू-धँसाव से बड़ी तबाही आई है, जिससे 25 घर रहने लायक नहीं रहे हैं। 16 परिवारों को अलग जगह पर शिफ्ट किया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वो आपदा प्रबंधन विभाग के साथ मिल कर लगातार मामले की निगरानी कर रहे हैं। चमोली जिले का ये पूरा इलाका तबाह होने की कगार पर है।
शहर में दहशत फैली हुई है और लोग पलायन कर रहे हैं। सभी 16 वार्डों में स्थिति खराब है। मारवाड़ी भूमि में पानी का बहाव भी नहीं रुक रहा है, जिससे निचले हिस्सों में स्थित घर तबाह हो रहे हैं। सिंहधार में स्थित बीएसएनएल के कार्यालय और आवासीय भवनों में भी दरार आ गई है। जेपी कंपनी के परिसर में जमीन के साथ-साथ घरों की दीवारों से भी पानी का रिसाव हो रहा है। खेतों की दरार में ये पानी घुस रहा है। डाकघर को भी शिफ्ट करना पड़ा।
‘माउंट व्यू’ नामक होटल तो ऐसा धँस गया कि इसकी पूरी संरचना ही तिरछी हो गई है। होटल को खाली करना पड़ा है। ज्योतिर्मठ परिसर, जो कि ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य की गद्दी है, वहाँ के मंदिरों के आसपास भी दरारें आ रही हैं। शंकराचार्य से सरकार से इस पर ध्यान देने की अपील करते हुए आसपास चल रहे विद्युत्-जल परियोजनाओं को रोकने की माँग की है। उन्होंने कहा कि तकनीकी विशेषज्ञ इलाके का निरीक्षण करें।
जोशीमठ के लोग रात को माईनस टेम्परेचर में अपने घरों से बाहर भाग रहे हैं। चटखते कांच की आवाज रात के सन्नाटा को तोड़ रही है। आदि गुरु का शहर एक अनदेखी, अनसुनी विपदा से जूझ रहा है। #इस रात की सुबह नहीं।। pic.twitter.com/2Lf3WL6JeG
— संजीव कंडवाल (@SanjeevKandwal) January 3, 2023
जोशीमठ को बद्रीनाथ का प्रवेश द्वार कहा जाता है। धरती फाड़ कर जगह-जगह पानी निकल रहा है। प्रशासन ने 35 घरों को खाली कराया है। कई मकान 2-3 फ़ीट तक जमीन के अंदर धँस गए हैं। जहाँ-जहाँ से पानी निकल रहा है, वहाँ सीवर से कोई लीकेज नहीं है। प्राकृतिक आपदाओं के हिसाब से ये जमीन वैसे भी संवेदनशील है। यहाँ के लोग भी डरे हुए हैं और लगातार आवाज़ उठा रहे हैं। सड़कों की दरारें लगातार चौड़ी होती जा रही हैं। कई घरों के काँच चटक रहे हैं।