रेलवे स्टेशन, सड़क, जंगल, पहाड़… लैंड जिहाद का एक विकृत रूप है- मजार। देश की राजधानी हो या सीमावर्ती सुदूर गाँव अचानक उग जाती हैं- मस्जिदें। बतौर नागरिक हमारे लिए यह दृश्य अब असामान्य नहीं रहे। हममें ज्यादातर लोग जब ऐसे दृश्य देखते हैं तो एक मजहब की ‘नीयत’ को कोसते हैं, अपनी व्यवस्था को कोसते हैं और फिर आगे बढ़ जाते हैं।
कुछेक बेहद जागरूक लोग ऐसी मजार-मस्जिद की वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में डाल देते हैं और अपने ‘कर्तव्यों’ को पूरा समझ लेते हैं। देश के अवैध मजार-मस्जिद की हालत आप इस बात से समझ सकते हैं कि दिल्ली की एक फ्लाईओवर तक पर मजार उगा दी गई। सालों तक इसके वीडियो सोशल मीडिया में चलते रहे। आखिरकार जनवरी 2024 में यह मजार हटाई जा सकी। पर मजहब की ‘मासूमियत’ देखिए उसने यह नहीं बताया कि एक फ्लाईओवर पर मजार उगी कैसे, उसने रोना रोया कि बिना नोटिस के मजार तोड़ दी कैसे!
34 साल के प्रीत सिंह सिरोही इस ‘मासूमियत’ से रोज लड़ते हैं। इस मासूमियत के खौफ से घर उनका ‘अस्थायी ठिकाना’ हो गया और अपनी सुरक्षा के लिए उन्होंने अपनी गाड़ी को ही ‘स्थायी ठिकाना’ बना लिया है। 2014 में सिरोही ने एक गाय को कटने से बचाया और उसके बाद इसे ही अपने जीवन का मिशन बना लिया।
आज वे दिल्ली को अवैध मस्जिद, दरगाह, कब्रिस्तानों से मुक्त कराने की लड़ाई लड़ रहे हैं। दिल्ली में अब तक ऐसे 2000 से अधिक अवैध निर्माणों की पहचान करने वाले सिरोही को कुछेक मोर्चों पर सफलता भी मिली है, लेकिन उससे अधिक रफ्तार से उनके खिलाफ साजिशों का सिलसिला भी चल रहा है। सिरोही का दावा है कि ऐसी ही एक साजिश के तहत उन पर, उनके पिता और उनके भाई तक पर केस दर्ज करवाए गए।
उनका कहना है कि इन साजिशों/धमकियों से उनका यह विश्वास और भी दृढ़ हो रहा है कि वे ‘धर्म’ के रास्ते पर हैं। इससे उन्हें दिल्ली को जल्द से जल्द अवैध निर्माण से मुक्त कराने की ऊर्जा मिलती है।
गोमाता के लिए केश नहीं कटवाने का संकल्प
मेरी मुलाकात दिल्ली एनसीआर की एक ऊँची इमारत में प्रीत सिंह सिरोही से हुई। लम्बे केश और दाढ़ी वाले इस युवक ने कुछ कुछ भी खाने से मना कर दिया, क्योंकि उसका कहना था कि वह अन्न नहीं लेते। केवल फलाहार और पानी ग्रहण करते हैं। उन्होंने बताया कि उनका संकल्प है कि जब तक देश में गौमाता प्लास्टिक खाएगी वे अपने केश नहीं कटाएँगे।
प्रीत सिंह सिरोही सोशल मीडिया पर लगातार दिल्ली की अवैध मस्जिदों और उनके अतिक्रमण की जानकारी और उनके संबंध में लिए गए एक्शन की अपडेट देते रहते हैं। उनका कहना है दिल्ली NCR में वर्तमान में 2000 से अधिक अवैध इस्लामी ढाँचे हैं, जिनसे जमीन मुक्त करवाने का उन्होंने संकल्प लिया है।
कौन हैं प्रीत सिरोही?
खुद को हिंदू बताने वाले प्रीत सिंह सिरोही एक जाट किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने बताया कि उनके दादा 1965 में पश्चिमी उत्तर प्रदेश से दिल्ली आकर बस गए थे। दिल्ली यूनिवर्सिटी के हंसराज कॉलेज में पढ़ाई करने गए प्रीत अपनी डिग्री पूरी नहीं कर पाए। पढ़ाई बीच में छोड़ने का कारण बताते हुए वे कहते हैं- मैं स्वयं को ऐसी शिक्षा में नहीं झोंकना चाहता था, जिसका उद्देश्य केवल नौकरी पाना हो।
प्रीत सिरोही का कहना है कि वह स्कूल के समय से ही गौसेवा और हिंदुत्व के प्रति आकर्षित हो गए थे। उन्होंने बताया कि उनके दादा लगातार मुग़ल और इस्लामी आक्रान्ताओं की क्रूरता की कहानियाँ उन्हें बताया करते थे। वह महाराजा सूरजमल की कहानियाँ सुनते थे। ऐसे में इन कहानियों का असर उन पर पड़ा और वह हिंदुत्व के काम करने लिए अग्रसर हो गए।
प्रीत सिरोही ने बताया कि एक बार उन्होंने दिल्ली में एक बार गाय कटने से बचाई थी। यह वाकया 2014 का है। सिरोही का कहना है कि जबसे वह इस काम में जुड़े, उन्होंने घर छोड़ दिया। उन्होंने 2019 में एक सेव इंडिया फाउंडेशन भी बनाया था। इसमें कई बड़े लोग शामिल हुए। इसके जरिए उन्होंने धर्मांतरण, गौरक्षा और अवैध मस्जिद के खिलाफ काम करने का प्रयास किए। उन्होंने बताया कि वह इसी समय से दिल्ली में बन रही अवैध मजहबी इमारतों को लेकर जानकारी इकट्ठा करने लगे थे।
प्रीत सिरोही ने आरोप लगाया कि हिन्दुओं के लिए आवाज उठाने पर उन्हें निशाना बनाया गया। उनका आरोप है कि वामपंथी मीडिया ने उनका परिवार बर्बाद कर दिया। उनके परिवार को लेकर झूठी FIR दर्ज करवाई गईं। प्रीत सिरोही का कहना है कि जब उन्होंने हिन्दुओं के लिए आवाज उठाई तो उनके पूरे परिवार को फँसाया गया।
दिल्ली की अवैध इस्लामी निर्माणों के खिलाफ मुहिम
प्रीत सिरोही इन दिनों दिल्ली में अवैध रूप से बनाई गई मस्जिदों, दरगाहों, कब्रिस्तानों के खिलाफ काम कर रहे है। प्रीत का कहना है कि उन्होंने दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में 2000+ अवैध इमारतों की पहचान की है। सिरोही का दावा है कि इन इमारतों को सरकारी जमीन पर कब्जा कर बनाया गया है और कई जगह इनके लिए कोई सरकारी अनुमति नहीं है। वह इनके खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं।
प्रीत सिरोही बताते हैं कि दिल्ली में DDA लगातार किसानों से विकास के लिए जमीन लेती आई है। इन जमीनों में प्लाट बनाए जाते हैं और इन्हें बाद में बेंच दिया जाता है। अधिकांश जगह इन्हीं पर अतिक्रमण हुआ है। प्रीत सिरोही का कहना है किसानों ने अपनी जमीन दिल्ली के विकास के लिए दी थी। इसके बाद इस जमीन पर मकान बनाकर झुग्गी बस्तियों में रहने वाले मुस्लिमों को दिए गए, ऐसा उनके पुनर्वास के लिए किया गया। लेकिन उन्होंने यहाँ पर अवैध मस्जिदें और दरगाहें बनाना चालू कर दिया।
प्रीत सिरोही ने कहा है कि दिल्ली में 45 ऐसी कॉलोनियाँ हैं जिनमें झुग्गी बस्ती में रहने वालों को मकान दिया गया। प्रीत सिरोही इसका एक उदारहण तुर्कमान गेट का भी बताते हैं। उनका कहना है कि यहाँ से भी मुस्लिम हटाए गए थे और उन्हें DDA ने जमीन दी थी। सिरोही का दावा है कि जिन लोगों को यह मकान और जमीनें मिली, उनमें से 90% मुस्लिम हैं। प्रीत सिरोही का आरोप है कि यह मुस्लिम यहाँ आकर इन जमीनों पर अवैध इबादतखाने बनाने लगे और इन पर रोक लगाने में MCD फेल रही।
सिरोही बताते हैं कि ऐसी कालोनियों में धार्मिक स्थान के लिए जगह छोड़ी जाती है। यदि कॉलोनी के निवासी चाहें तो वह यह जमीन खरीद कर उस पर धार्मिक स्थान बना सकते हैं। उनका आरोप है कि DDA की कई ऐसी ही कालोनियों में मुस्लिमों ने बिना जमीन खरीदे ही मस्जिदें खड़ी कर दी हैं। इसके लिए कोई अनुमति भी नहीं ली गई है।
सिरोही का अभियान: खाली करवाएँगे जमीन
प्रीत सिरोही का कहना है कि वह इन अवैध इमारतों को खाली करवाएँगे। इन खाली हुई जमीनों पर वह स्कूल और अस्पताल बनाने का प्रयास करेंगे। सिरोही ने आरोप लगाया कि दिल्ली के भीतर 125 मदरसे ऐसे हैं जो कि पूर्णतया अवैध हैं और बिना किसी अनुमति के चल रहे हैं। सिरोही का कहना है कि वह इनकी सूची बना चुके हैं, जल्द ही वह इस मामले को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट जाएँगे। उनका कहना कि उनके पास इन अवैध मदरसों, मस्जिदों और कब्रिस्तानों के जमीन कब्जे से सम्बन्धित पक्के कागज हैं।
सिरोही का कहना है कि वह एक-एक कर इनको कोर्ट में ले जाएँगे। उनका कहना है कि विरोधी पक्ष अपना दावा कोर्ट में साबित नहीं कर पाएगा जबकि वह उस समय से उस जमीन की मिल्कियत की बात साबित कर सकते हैं जब वह किसान के पास थी। सिरोही ने कहा कि उन्हें अलग-अलग स्रोत से इन सभी के बारे में जानकारी जुटाते हैं। उनका कहना है कि आने वाले समय में कई अवैध ढाँचे गिराए जाएँगे। उन्होंने बताया कि MCD इन पर कार्रवाई के लिए तैयार है लेकिन पुलिस बल की कमी के कारण देर हो रही है।
सिरोही ने बताया है कि दिल्ली की मंगोलपुरी के Y ब्लाक, बवाना में स्थित एक मस्जिद और शाहबाद मस्जिद पर अब तक वह कार्रवाई चालू करवा चुके हैं। इसके अलावा वह निकट भविष्य में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कार्रवाई चालू करवाएँगे। वह बताते हैं कि वर्तमान में लगभग 100 अवैध ढांचों के विरुद्ध लड़ाई लड़ रहे हैं।
धमकी मिलती है, लोग साथ नहीं देते
प्रीत सिरोही ने बताया कि उन्हें अवैध मस्जिदों और अतिक्रमण पर काम करने के कारण लगातार धमकियाँ मिलती हैं। वह बताते हैं कि उनकी जान को लगातार खतरा बना हुआ है। उन्हें पाकिस्तान समेत विदेशी नम्बरों से फोन भी आते हैं। कुछ लोग पीछा भी करते हैं।
उन्होंने बताया कि इसी कारण से वह अपनी गाड़ी में ही रहते हैं और घर छोड़ रखा है। उन्होंने कहा कि इस मामले की शिकायत दिल्ली पुलिस से भी हुई है लेकिन कार्रवाई ना होने के कारण वह निराश हो गए हैं। प्रीत सिरोही का कहना है कि आने वाले 18 महीने में वह अपनी कार्रवाई और तेज करेंगे।