केरल में कोच्चि के नजदीक स्थित पेरुम्बवूर में 42 वर्षीय महिला के साथ बलात्कार के बाद हत्या करने का मामला सामने आया है। घटना मंगलवार (नवंबर 26, 2019) देर रात एक बजे घटी है। आरोपित की पहचान असम प्रवासी उमर अली के रूप में हुई है। पुलिस ने उमर को गिरफ्तार कर लिया है। अब आगे की पूछताछ जारी है।
बुधवार (नवंबर 27, 2019) को घटना की जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि सुबह शहर में एक दुकान के करीब एक मजदूर ने खून में लथपथ नग्न महिला का शव देखा। जिसके बाद पुलिस को इसकी सूचना मिली। मामले में तफ्तीश के दौरान मालूम चला कि महिला का पहले बलात्कार हुआ है और फिर फावड़े से उसके सिर-चेहरे पर वार कर उसकी हत्या की गई।
Kerala woman raped and murdered, migrant worker from Assam heldhttps://t.co/vadGlTcrwV pic.twitter.com/1EDz5430Za
— Hindustan Times (@htTweets) November 27, 2019
पुलिस के मुताबिक, आरोपित ने अपनी पहचान छिपाने के लिए नजदीकी इमारत में लगे सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए थे, क्योंकि उनमें पूरी घटना कैद हो गई थी। लेकिन पुलिस ने कुछ अन्य कैद हुए फुटेज की मदद से उसकी पहचान कर ली और जल्द ही उसे गिरफ्तार भी किया।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने महिला की जानकारी देते हुए बताया कि मृतक महिला एर्नाकुलम जिला कुरुप्पमपाड़ी की निवासी थी। वह अपने परिवार से अलग हो गई थी और पेरुम्बवूर में अकेली रहती थी। जो कि एक औद्योगिक इलाका है और वहाँ बड़ी संख्या में पूर्वोत्तर (नॉर्थ ईस्ट) से आए प्रवासी मजदूर रहते हैं।
जाँच में जुटी पुलिस के अनुसार अपराध की वजह अभी स्पष्ट नहीं हुई है। उमर से पूरे मामले में पूछताछ की जा रही है। महिला के चेहरे पर पुलिस को 30 गहरे घाव मिले हैं। इसके अलावा वो फावड़ा भी बरामद कर लिया गया है, जिससे महिला पर हमला हुआ।
रिपोर्ट के मुताबिक, एर्नाकुलम के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का कहना है कि वे पूरे मामले में एक अनुवादक की मदद से आरोपित उमप से पूछताछ कर रहे हैं। मुमकिन है आने वाले कुछ दिनों में वे आगे और जानकारी प्राप्त कर लेंगे।
उल्लेखनीय है कि प्रवासी मजदूरों से संबंधित ये तीसरा मामला है। इससे पहले भी साल 2016 में लॉ पढ़ रही छात्रा के साथ पहले बलात्कार और बर्बर हत्या का मामला सुर्खियों में आ चुका है। जिसमें असम के अमीरुल इस्लाम को दोषी ठहराया गया था और जाँच पूरी होने के बाद उसे मौत की सजा मुकर्रर हुई थी। इस घटना के बाद राज्य में प्रवासी मजदूरों के ख़िलाफ़ कई प्रदर्शन हुए थे। क्योंकि एक अनुमान के अनुसार इस समय केरल राज्य में कम से कम 30 लाख प्रवासी मजदूर रहते हैं।