बताया जा रहा है कि 5 फरवरी 2025 से ही बच्ची अपने घर से लापता थी। उससे पहले उसे खेत में पशुओं को चराने के लिए ले जाते देखा गया था। लापता होने के अगले दिन यानी 6 फरवरी को उसका शव शमशेरनगर चाय बागान में मजदूरों को मिला।
जब पुलिस को सूचना दी गई तो पता चला कि शव पूर्णिमा का है। शव खून से लथपथ था। बच्ची की गर्दन और कलाई काटी जा चुकी थी, उसके शरीर को क्षत-विक्षत कर दिया गया था। स्थानीयों से लेकर पुलिस भी बच्ची का शव देख हैरान थी। अब इस हत्या में शामिल लोगों की तत्काल गिरफ्तारी की माँग की जा रही है।