केरल में सूफी संगीत को लेकर विवाद गहरा गया है। सलाफी समूह विजडम इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन ने सूफी गीतों को गैर-इस्लामी बताकर इन पर हमला बोला है। उनके ऑनलाइन मंच प्रूफ प्वाइंट पर हुई चर्चा में सलाफी विद्वान शुरैह सलाफी ने शियाओं के सूफीवाद को इस्लाम के लिए खतरा बताया और इसे ‘शिर्क’ (पाप) करार दिया। दावा किया गया कि सूफी गीतों से युवाओं का नैतिक पतन हो रहा है।
इस बयान से सूफी समुदाय में गुस्सा है। सूफी संगीतकार नजर मलिक ने इसका कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा कि सलाफी लोग इस्लाम की रूहानी सुंदरता को नहीं समझते और सूफीवाद को गलत नजरिए से देखते हैं।
मलिक ने खुलासा किया कि 2022 में विजडम समूह ने उनकी अनुमति के बिना उनका गाना बजाकर सूफी संगीत को बदनाम करने की कोशिश की। उन्होंने सलाफी प्रचारकों पर नफरत फैलाने का आरोप लगाया, जबकि सूफी कलाकार शांति और रूहानियत का संदेश देते हैं। यह विवाद केरल में मजहबी तनाव को बढ़ा रहा है।