सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (31 जनवरी 2025) को देश भर के मंदिरों में ‘वीआईपी’ दर्शन रोकने के लिए निर्देश देने की माँग वाली एक जनहित याचिका (PIL) पर विचार करने से इनकार कर दिया। भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की खंडपीठ ने कहा कि उनकी राय है कि किसी को वरीयता नहीं दी जानी चाहिए, लेकिन न्यायालय इस मुद्दे पर निर्देश जारी नहीं कर सकता।
याचिका में धार्मिक स्थलों पर वीआईपी और पैसे लेकर दर्शन की प्रथा पर सवाल उठाया गया था। याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने ऐसे स्थानों पर होने वाली भगदड़ का भी हवाला दिया। यह दलील दी गई कि संविधान ने राज्यों पर असमानता दूर करने का दायित्व डाला है। इसलिए इसे रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट निर्देश दे। हालाँकि, कोर्ट ने याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।
बता दें कि ऐसे ही एक मामले में हाल ही में केरल हाई कोर्ट ने मलयालम अभिनेता दिलीप को सबरीमाला मंदिर में वीआईपी दर्शन की अनुमति देने पर चिंता व्यक्ति की थी। दिलीप को VIP दर्शन कराने पर त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड की आलोचना भी की थी। उस दौरान कहा गया था कि इस तरह के विशेषाधिकार से अन्य तीर्थयात्रियों को परेशानी होती है।