बेगूसराय राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की भूमि है। इस क्षेत्र पर इस बार पूरे देश की मीडिया की नज़रें हैं क्योंकि यहाँ मुक़ाबला भाजपा की मूल विचारधारा के प्रखर समर्थक गिरिराज सिंह बनाम वामपंथी कन्हैया के बीच होने वाला है। कन्हैया कुमार पर जेएनयू में देशद्रोही नारे लगाने का भी आरोप है। अदालत में पेश होते समय वकीलों ने उनकी पिटाई भी की थी। इस चुनाव की सबसे बड़ी बात है कि इसमें एक तरफ तो खादी के लाल कुर्ते और एक पैर के टखने तक उठी हुई धोती पहने मिट्टी से जुड़े गिरिराज हैं तो दूसरी तरफ दिल्ली और मुंबई के पाँच सितारा होटलों और इलीट जमावड़ों के जाने-पहचाने चेहरों द्वारा समर्थित कन्हैया कुमार हैं। एक तरफ भगवा तो दूसरी तरफ लाल सलाम। एक तरफ मीडिया के एक गिरोह द्वारा विवादित माने जाने वाले सिंह तो दूसरी तरफ लिबरल्स और सेकुलर्स के नए पोस्टर बॉय कन्हैया।
देश से ऐसी क्या दुश्मनी के अपने ही सैनिकों को बलात्कारी कह दिया?
— Chowkidar Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) March 31, 2019
किस आँगन ने अपने बेटे की क़ुर्बानी इस देश की सुरक्षा में नहीं दी है..
हम तो सैनिको को भगवान का दर्जा देते है ।
ये कौन सी विकृत वामपंथी सोच पैदा हो गयी है..हमें इस सोच को मिटाने की ज़रूरत है ।
जय हिंद pic.twitter.com/GtC0dhE9Zs
यहाँ की लड़ाई दिलचस्प है। हमारे विश्लेषणों में पिछले चुनावों के आँकड़ों के आधार बताया जा चुका है कि कन्हैया कुमार के दूसरे नंबर पर भी रहने के चांस नहीं हैं। ऐसे में, जहाँ समीकरणों और जनता के रुख की बात होती रहेगी, वहाँ यह जानना ज़रूरी है कि गिरिराज और कन्हैया को समर्थन कहाँ-कहाँ से मिल रहा है। दोनों के आसपास कैसे लोगों का जमावड़ा है, दोनों के प्रचार अभियान में क्या अंतर है और दोनों ही में से कौन ज़मीन पर है और कौन हवा में? नीचे हम इसी बातों पर चर्चा करते हुए बेगूसराय की चुनावी स्थिति की पड़ताल करेंगे।
कन्हैया के हवा-हवाई इलीट समर्थक
रविवार (मार्च 31, 2019) को अभिनेत्री शबाना आज़मी ने ट्विटर पर एक फोटो पोस्ट किया। इस फोटो में कन्हैया कुमार के साथ मुट्ठी में कलम दबाए लोग हैं और इसपर वामपंथी प्रतीकों की भरमार है। इसपर ‘लाल सलाम’ भी लिखा हुआ है। मज़े की बात तो यह कि खुलेआम पार्टी और नेता विशेष की आराधना करनेवाले ये सेलिब्रिटीज राजनीतिक रूप से न्यूट्रल होने की बात कह कूल बनने की भी कोशिश करते हैं। कल को अगर शबाना आज़मी निष्पक्षता के दावे करती हैं तो क्यों न वामपंथी पार्टियों के समर्थक के रूप में उनके बयानों को आँका जाए? शबाना आज़मी ने ‘द वायर’ में कन्हैया कुमार द्वारा लिखे लेख को भी ट्वीट किया और उनके समर्थन में लिखने वाले लोगों के ट्वीट्स को भी जम कर रीट्वीट किया।
In @kanhaiyakumar lies https://t.co/BTLD1gJvRP Kanhaiya lies Sanity. In Kanhaiya lies Truth. We are with You. Fight ‘The Good Fight.’ pic.twitter.com/f20Qh7FMpx
— Azmi Shabana (@AzmiShabana) March 31, 2019
शबाना आज़मी के नाम पर शायद बेगूसराय में एक भी वोट न मिले। बिहार की राजनीति को समझने वाले जानते हैं कि यहाँ लालू यादव जैसे ज़मीन से जुड़े दिग्गज नेता भी सांसद का चुनाव हार सकते हैं तो बाकि हवा-हवाई नेताओं की बात ही क्या! शबाना आज़मी आजकल स्कॉटलैंड में एक फ़िल्म फेस्टिवल के दौरे की तैयारी कर रही हैं। उनकी सोशल मीडिया प्रोफाइल पर मोदी का मज़ाक उड़ाने वाले और कन्हैया के समर्थन में किए जाने वाले पोस्ट्स देखर यह समझा जा सकता है कि उनका राजनीतिक झुकाव किस तरफ है। उन्होंने कन्हैया को आशा, बुद्धिमता और सत्य का प्रतीक बताते हुए उनकी ‘अच्छी लड़ाई’ के लिए उन्हें शुभकामनाएँ दी।
जिग्नेश बाबू भुजिया और चोखा के अंतर को समझिए विस्तार में.. जम कर वक्त गुजारिए बिहार में 😉
— जैनेन्द्र कुमार (@jainendrakumar) March 27, 2019
बाकी मिशन में कामयाबी मिले आपको.. ठीक है!
इसी तरह एक और वामपंथी समर्थक हैं स्वरा भास्कर। स्वरा ने भी कन्हैया कुमार का समर्थन करते हुए कार्ल मार्क्स के शब्दों का सहारा लिया। उन्होंने कन्हैया को सिद्धांतवादी राजनेता बताते हुए उन्हें एक सराहनीय वक्ता बताया। उनके इस ट्वीट से बिहार या बेगूसराय के किसी गाँव में भी शायद ही कोई असर पड़े लेकिन स्वरा का राजनीतिक झुकाव भी छिपा नहीं रहा। यह साबित करता है कि सभी लिबरल्स अब एकजुट होकर कन्हैया कुमार के समर्थन में उतर आए हैं और सोशल मीडिया पर दिल्ली और मुंबई से उनके समर्थन में ट्वीट्स किए जा रहे हैं।
बोल के लब आज़ाद हैं तेरे,
— Swara Bhasker (@ReallySwara) March 30, 2019
बोल ज़बान अब तक तेरी है..@kanhaiyakumar is a principled politician & an admirable & fine orator! hope he gets to display these skills & his sincerity in #Parliament Gr8 way to translate “you have nothing to lose but your chains, and a world to win.” https://t.co/KyY3KUVkDl
इसी तरह निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी भी गुजरात से चुनाव प्रचार करने आए। उनके वोट माँगने के अंदाज़ से पता नहीं चल रहा था कि वो पिकनिक मनाने आए हैं या चुनाव प्रचार करने? जिग्नेश मेवानी और शबाना आज़मी के बीच एक समानता है। जिग्नेश को भुजिया और चोखा के बीच का अंतर नहीं पता जबकि शबाना आज़मी को पोहा और उपमा के बीच का अंतर नहीं पता। अब चोखा और भुजिया के प्रेमी बिहार वाले ऐसे लोगों को शायद ही वोट दें, जिन्हे इन दोनों के बीच का अंतर नहीं पता।
ज़मीन केंद्रित है गिरिराज सिंह का प्रचार अभियान
जिग्नेश मेवानी से प्रचार करवा कर दलित वोटों की जुगत में लगे कन्हैया कुमार को गिरिराज सिंह ने करारा जवाब दिया। उन्होंने जिग्नेश पर गुजरात से बिहारियों को मार-मार कर भगाने व बिहारी माँ-बेटियों को परेशान करने का आरोप लगाया। जिग्नेश ने जवाब में उनपर मानहानि का केस ठोकने की धमकी दी। साथ ही उन्होंने कन्हैया कुमार से पूछा कि उन्होंने भारतीय सेना को बलात्कारी क्यों कहा था? गिरिराज सिंह ने अपने प्रचार अभियान का श्रीगणेश सिमरिया से किया। सिमरिया गाँव दिनकर की जन्मस्थली है। यहाँ स्थित काली मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ गिरिराज सिंह ने अपने चुनावी अभियान की शुरुआत की।
अरे ये जिग्नेश मेवानी बेगूसराय में क्या कर रहा है ??
— Chowkidar Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) March 30, 2019
इसमें गुजरात में सभी बिहारियों को मार मार के वहां से भगाया था और बिहारियों के मां बहनों को भी परेशान किया था।
ये जहां भी दिखे इससे से सवाल जरुर पूछिएगा कि इसने बिहारियों के साथ ऐसा बर्ताव क्यों किया था?? pic.twitter.com/jy9Gi79nHg
इसके बाद गिरिराज सिंह ने व्यवसायियों से मुलाक़ात की, वकीलों से मिले और संगठन कार्यकर्ताओं के साथ भी बैठकें की। कन्हैया कुमार ने क्षेत्रीयता की राजनीति करते हुए गिरिराज सिंह को बाहरी बताया। जवाब में गिरिराज सिंह कन्हैया को उनके घर में ही जवाब देने के लिए उनके गाँव बीहट पहुँच गए। वहाँ स्थित दुर्गा मंदिर में समर्थकों सहित पूजा-अर्चना के साथ उन्होंने कन्हैया को उनके ही गाँव में घेरा। ख़बरों के मुताबिक, अगले कुछ दिनों में थिएटर आर्टिस्ट्स, दिग्गज वामपंथी नेतागण, सेलिब्रिटीज सहित कई हस्तियाँ कन्हैया कुमार के लिए चुनाव प्रचार में कूदने वाली है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प रहेगा कि 29 अप्रैल को यहाँ होने वाली वोटिंग में ऊँट किस करवट बैठता है।
बेगूसराय के प्रशिद्ध काली स्थान मंदिर में पूजा अर्चना किया ।
— Chowkidar Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) March 30, 2019
बेगूसराय के श्रद्धा का केंद्र है ये मंदिर । pic.twitter.com/Crg0xGT5tS
गिरिराज सिंह ने दिवंगत अजेय सांसद भोला सिंह की पत्नी से भी मुलाकात की और चुनाव प्रचार शुरू करने से पहले आशीर्वाद लिया। भोला सिंह की पत्नी के पाँव छूते हुए गिरिराज के फोटो को सोशल मीडिया पर बेगूसराय वासियों ने ख़ूब शेयर किया। भोला सिंह यहाँ के लोकप्रिय सांसद थे और 2014 में उन्हें यहाँ भारी जीत मिली थी। एक तरफ गिरिराज स्थानीय मुद्दों को उठा रहे हैं, स्थानीय नेताओं, नागरिकों व हस्तियों को साथ ला रहे हैं तो दूसरी तरफ कन्हैया मुम्बइया सेलिब्रिटीज के दम पर चुनाव में उतरे हैं।