सोशल मीडिया पर गिरोह को सदस्यों ने ‘टिकटॉक ने जो 30 करोड़ दिए, वो लौटा दो’ से ले कर ‘मोदी ने भी तो चीनी कम्पनियों से पैसे लिए’ की बातें कर रहे हैं। ये दोनों ही बातें कई स्तर पर असमान और अतार्किक हैं।
पहली बात जो लोगों को समझनी चाहिए वो यह है कि सरकार ने इन एप्स को चीन का होने के कारण ब्लॉक नहीं किया है, बल्कि ये वो एप्स हैं जो नागरिकों को फोन से उनकी निजी सूचनाएँ (चैट, फोटो, वीडियो, मैप डेटा, कीबोर्ड पर जो भी टाइप किया गया आदि) चुराते हैं, और चीनी सरकार को या बड़ी कम्पनियों को बेचते हैं।
तो, यहाँ पर ‘बॉर्डर पर हुई झड़प’ के बदले में यह किया गया ऐसा नहीं है। एक खबर के अनुसार टिकटॉक के उपभोक्ताओं में 5 जून के बाद लगभग आधी कमी आई थी क्योंकि लोगों ने खुद ही उसे अनइन्स्टॉल करना शुरू कर दिया था। बात यह है कि इन चोर कम्पनियों को बहुत पहले ब्लॉक करना चाहिए था, जो कि देर से हुआ है। चूँकि इसके होने की टायमिंग अभी की है, तो इसे किसी ‘बदले की भावना’ से जोड़ कर देखा जा रहा है।
20 Indian soldiers die. We ban tik tok. The Chinese are still in occupation of our territory
— Swati Chaturvedi (@bainjal) June 30, 2020
जहाँ तक पीएम केयर्स में दान देने की बात है, तो टिकटॉक से सरकार ने पैसा माँगा नहीं था। हो सकता है कि भारतीय लोगों के डेटा चुराने के अपराध से ग्रस्त कम्पनी ने अपराधबोध के कारण ऐसा किया हो, या उन्हें लगा हो कि ऐसा करने से भारत में उनकी छवि सुधरेगी। दान देने में जब सरकार ने किसी को मजबूर नहीं किया तो ये पैसा सरकार क्यों लौटाएगी?
इस कुतर्क के हिसाब से जो भी कम्पनियाँ भविष्य में किसी अपराध का हिस्सा बनी पाई जाएँगी, उन सबके द्वारा किए गए सहयोग/दान को सरकार लौटाती रहे?
दूसरी बात, जो लोग यह कह रहे हैं कि इसे लौटा देना चाहिए, वो वस्तुतः यह मान रहे हैं कि ऐसे दान का स्वभाव ‘वापसी में कुछ मिलने की आशा’ लिए होता है। अंग्रेजी में जिसे ‘क्विड प्रो क्वो’ कहा जाता है। दान का मतलब ही है कि दे कर भूल जाओ।
Tik Tok’s humble contribution of 30 Crores to humble Chaiwala’s fund! So ungrateful! https://t.co/Ht5t22oJEI
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) June 30, 2020
तीसरी बात, क्या टिकटॉक ने खुद माँगा है कि उसके पैसे वापस कर दिए जाएँ? फिर ये बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना क्यों बना जा रहा है? इन चेहरों को आप देखेंगे तो पाएँगे कि ये वही हैं जो कॉन्ग्रेस इकोसिस्टम में पूरा जीवन निकाल चुके हैं।
इसलिए, ये एक समानांतर तर्क यह रख रहे हैं कि राजीव गाँधी फाउंडेशन को चीनी सरकार ने दान दिया था तो भाजपा वाले पागल हो रहे थे, अभी चीनी कम्पनी के पैसे लेने में बड़ी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। इनकी मूर्खता इस स्तर की है कि कुछ कहना ही बेकार है। फिर भी, जनसामान्य की बेहतर समझ के लिए इसे सरल तरीके से समझाना आवश्यक है।
Will @PMOIndia care to return the money to @TikTok_IN ? https://t.co/xbMcTI6Xpm
— vijaita singh (@vijaita) June 29, 2020
राजीव गाँधी फाउंडेशन ‘मिनि कॉन्ग्रेस’ ही है। यहाँ उस पार्टी की अध्यक्षा के ही परिवार के फाउंडेशन ने, सरकार को नियंत्रण में रखते वक्त (मनमोहन को चलाते वक्त), चीनी सरकार और दूतावास से पैसे लिए। उसके बाद, इन्होंने चीन को व्यापारिक लाभ पहुँचाने की कोशिश की जब ये ‘फ्री ट्रेड अग्रीमेंट’ लाना चाह रहे थे और RCEP में चीनियों की बात मानना चाह रहे थे।
Tiktok बंद होने से बेरोजगारी बढ़ चुकी हैं
— Raghav Jha (@Raghavjha20f) June 30, 2020
देखिये 30 करोड़ के कमीशन के लिए कितनी धक्का मुक्की #चीन_का_काल_मोदी pic.twitter.com/GbFMmy80HO
दूसरी तरफ, एक सरकारी आपदा फंड है जिसमें किसी प्राइवेट चीनी कम्पनी ने स्वतः दान किया है। अगर यह भाजपा के किसी कर्मचारी के NGO में जाता, और वो भारत का प्रधानमंत्री या कैबिनेट का सदस्य होता तो हम इसे उसी आलोक में देखते। लेकिन यहाँ ऐसा नहीं है। किसी व्यक्ति से जुड़ी संस्था को विदेशी सरकार द्वारा पैसा देने, और किसी सरकारी संस्था को किसी प्राइवेट कम्पनी द्वारा दान देने में जमीन-आसमान का अंतर है। लेकिन कहते हैं न कि चोर की दाढ़ी में तिनका!
Chinese Companies donations to PMCARES Fund
— Dhruv Rathee 🇮🇳 (@dhruv_rathee) June 28, 2020
Xiaomi: ₹10 Crore
Huawei: ₹7 Crore
One Plus: ₹1 Crore
Oppo: ₹1 Crore
TikTok: ₹30 Crore
एक बेहूदगी, ’20 सैनिक मारे गए और इन्होंने एप्प बैन किया है’ वालों की भी है। ये समझते हैं कि सैनिकों के बलिदान का बदला सरकार एप्प ब्लॉक करवा कर ही लेगी, बाकी तरीके नहीं है। एप्प ब्लॉक करवाना कई कदमों में से एक है। इससे चीनी अर्थव्यवस्था को तो नुकसान होगा ही, साथ ही भारतीय नागरिकों का डेटा सुरक्षित रहेगा (जो कि सरकार के लिए मुख्य वजह है)। लेकिन ऐसे महामूर्खों को ये बातें समझ में न तो आती हैं, न ये समझना चाहते हैं।
रवि शंकर प्रसाद : अरे TikTok हमने तो मज़ाक किया था, लाओ दो #PMCaresFunds में और 30 करोड़, और अपना काम पहले जैसे चालू रखो… https://t.co/4FkXh5RpLP
— Alka Lamba 🇮🇳🙏 (@LambaAlka) June 30, 2020
ये वही बेवकूफाना बात हुई कि देश में गरीब मर रहे हैं और भारत मंगलयान छोड़ रहा है। दोनों बातों का आपस में कोई लेना-देना नहीं। चीनी कम्पनियाँ डेटा चुरा रही हैं, और उन्हें ब्लॉक किया गया है। गौर करने वाली बात तो यह है कि पाकिस्तान पर जब एयर स्ट्राइक होता है तो ये ‘अमन की आशा’ करने लगते हैं, और ‘इन मुद्दों को बैठ कर बातचीत से सुलझाना चाहिए’ के मोड में चले जाते हैं, लेकिन चीन वाली बात पर सरकार को बम फोड़ने के लिए उकसा रहे हैं।
कुल मिला कर इन चेहरों को याद रखने की जरूरत है कि ये लोग हमेशा ऐसे समय में देश के दुश्मनों के साथ क्यों और किस तरह से खड़े दिखते हैं। आखिर, सब कुछ जानने के बाद, और बॉर्डर की परिस्थिति समझने के बाद भी, कोई अभी चीनी कम्पनियों या सरकार का समर्थन कैसे कर रहा है, यह समझना कठिन नहीं है। इनके आकाओं को चीन ने काफी पैसे खिलाए हैं, और अभी नमकहलाली का समय आया है