गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या के बाद वामपंथियों को जैसे अपना प्रोपगेंडा चलाने के लिए कोई लाइफलाइन मिल गई हो। इस समय सोशल मीडिया पर धड़ल्ले से विक्रम जोशी के हत्या मामले में शामिल आरोपितों के नाम लिख-लिख कर शेयर किए जा रहे हैं और ये समझाने की कोशिश चल रही है कि उनको मारने के पीछे हाथ बहुत लोगों को था। इस कोशिश में यह भी समझाया जा रहा है कि भाजपा समर्थक, एएनआई और ऑपइंडिया ने इसमें सिर्फ़ कमालुद्दीन के बेटे का नाम हाइलाइट करके इसे गलत एंगल दे दिया।
अब तक गिरफ़्तार /हिरासत में लिए गए 9 अभियुक्तों के नाम ये हैं #रवि ( मुख्य आरोपी ) #छोटू उर्फ़ शहनूर ( कमालुद्दीन का लड़का)#आकाश भारती#मोहित#शाकिर#दलबीर#अभिषेक#मोहित#जोगेंद्र
— Vinod Kapri (@vinodkapri) July 22, 2020
लेकिन भारत की सत्तारूढ़ पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता को बस कमालुद्दीन का लड़का दिख रहा है। https://t.co/sCHFEGC0Ie pic.twitter.com/OFKxVHAPj4
अपने इसी प्रोपगेंडा को आगे बढ़ाने के लिए वामपंथी गैंग के जाने-माने नाम विनोद कापड़ी आगे आए। कापड़ी वैसे तो झूठ का कारोबार करने के कारण लोगों के बीच अपनी विश्वसनीयता लगभग खो ही चुके हैं। मगर, फिर भी संबित पात्रा के ट्वीट पर जाकर उन्हें समझा रहे हैं कि अब तक हिरासत में लिए गए आरोपितों का नाम रवि, छोटू उर्फ़ शहनूर (कमालुद्दीन का लड़का),आकाश भारती, मोहित, शाकिर, दलबीर, अभिषेक, मोहित, जोगेंद्र है। लेकिन भारत की सत्तारूढ़ पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता को बस कमालुद्दीन का लड़का दिख रहा है।
Hello @ANI The main accused in this case are Ravi, Chotu, Mohit, Dalveer, Aakash, Abhishek, Shakir, Yogendra. They had been named by the deceased. They have all been arrested. Ravi was the main accused.
— Aarif Shah (@aarifshaah) July 22, 2020
ANI choose to name Kamal-ud-Din only. https://t.co/34UIetrtwC
इसके अलावा अनुराग कश्यप हैं। जो पालघर मामले में भी समुदाय विशेष से जुड़े एक व्यक्ति का नाम सुन भर लेने से अपील करने चले आए थे कि इस मामले को कम्युनल एंगल न दें। लेकिन साधुओं की हत्या पर बिलकुल चुप हो गए थे। वही अनुराग इस मामले में कमालुद्दीन के बेटे का नाम बताने पर लिए ANI की रिपोर्ट पर सवाल उठाते हैं।
अनुराग, आरिफ शाह नामक यूजर के एक ट्वीट को रीट्वीट करते हैं। जिसमें बताया जा रहा है कि इस केस में आरोपितों के कई सारे नाम हैं। फिर भी एएनआई केवल कमालुद्दीन के नाम के पीछे पड़ा है।
इसके बाद संजुकता बासु भी अपने ट्वीट में एएनआई की खबर को देख कर उस पर इल्जाम मढ़ती हैं कि उन्होंने इस खबर को हिंदू मुस्लिम एंगल दिया।
वे अपने ट्वीट में एएनआई की वीडियो पर बात करते हुए ऑपइंडिया की रिपोर्ट का भी जिक्र करने से नहीं चूकती और लिखती हैं कि जैसे ही एएनआई ने वीडियो डाली, वैसे ही ऑपइंडिया ने इस पर अपनी न्यूज कर ली। अपने ट्वीट में वो ऑपइंडिया को झूठी खबरें फैलाकर नफरत भड़काने वाला बताती हैं।
ऐSo within hours of news break BJP’s trusted mercenary @ANI tries to give it the Hindu Muslim angle. Bravo. This is called efficiency. 👏👏👏
— Sanjukta Basu (@sanjukta) July 22, 2020
ऐसे ही राजदीप सरदेसाई। राजदीप अपने ट्वीट में लिखते हैं कि इस मामले में पूरे 10 लोगों पर एफआईआर हुई है। लेकिन कुछ लोग सिर्फ़ अपना नैरेटिव बढ़ाने के लिए एक-दो लोगों का नाम लेंगे। इसलिए सभी आरोपित पक़ड़े जाने चाहिए और उन्हें सख्त सजा मिलनी चाहिए।
Point to be noted: 10 names in FIR in Vikram Joshi murder.. but be sure that there will be those who will find only one/two names now to build a narrative. Just ensure all the killers are caught and punished. https://t.co/wdFFTrs1X3
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) July 22, 2020
गौरतलब हो कि ये सब केवल कुछ चुनिंदा नाम हैं जो कमालुद्दीन के लड़के शाहनूर मंसूरी का नाम आ जाने के बाद से सक्रिय हैं। इनके अलावा सोशल मीडिया पर कट्टरपंथियों और वामपंथियों को मिलाकर ये सूची बहुत लंबी है, जो केवल एक नाम पर इतना आहत हैं कि वो बाकी 9 आरोपितों का नाम भी लिख-लिख कर बता रहे हैं। तो क्या इसको किसी की मंशा पर शक करना नहीं कहा जाएगा?
ऑपइंडिया ने तो केवल उस बयान पर रिपोर्ट की, जिसे एएनआई ने साझा किया। और एएनआई ने भी वही दर्शाया, जो पत्रकार के भांजे ने कहा। इस केस में किसी ने कमालुद्दीन के बेटे को अपनी मर्जी से आरोपित नहीं बनाया है। उसके ख़िलाफ़ उस लड़के ने गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसकी बहन को उसने रॉड मारी और मामा को सरेआम गोली।
Journalist Vikram Joshi’s nephew says he wants culprits who shot dead his uncle brought to justice. His sister was harassed by some men, Joshi filed a police complaint, later he was accosted by unidentified men, slapped & shot at. https://t.co/RSIfjynBKh
— Smita Prakash (@smitaprakash) July 22, 2020
इस बात से तो कोई इंकार नहीं कर रहा कि इस केस में बाकी आरोपितों का हाथ नहीं था। लेकिन लोग केवल शाहनूर का नाम उजागर कर रहे हैं क्योंकि वो पत्रकार विक्रम जोशी की भाँजी को अपने दोस्त के साथ मिलकर छेड़ता था। विक्रम जोशी ने तो इसका विरोध भी किया था।
हमारी संवेदनाएँ मृत पत्रकार के परिवार से है और हमारे भीतर भी इस बात को लेकर नाराजगी है कि जब शिकायत की गई तब कार्रवाई क्यों नहीं हुई। हमने वो वीडियो देखी है, जिसमे विक्रम की बहन अपने भाई के गम में बेसुध रोए जा रही है। हमें भी मालूम है कि बेटी के सामने पिता की हत्या सीना चीरने वाली घटना है। हम भी चाहते हैं विक्रम जोशी को इंसाफ मिले और सभी आरोपितों को सख्त से सख्त सजा हो। जो बाबू नाम का लड़का नहीं पकड़ा गया है, वो भी पकड़ा जाए और उस पर भी कार्रवाई हो।
लेकिन, इस बीच में इस बात से कैसे इंकार करें कि मृतक के भाँजे ने बाकायदा ये कहा है कि उसके मामा के साथ जो किया गया, वो सब किया धरा कमालुद्दीन के बेटे यानी शाहनूर का था। वीडियो में लड़का कह तो रहा है कि उसके साथ रवि भी था। मगर कमालुद्दीन ने ही उसकी बहन के सिर पर रॉड मारी थी और बाद में उसके मामा को गोली। फिर एएनआई से, ऑपइंडिया से या भाजपा से दिक्कत क्या है। एएनआई ने इसमें क्या और कैसे कम्युनल एंगल निकाला? या ऑपइंडिया ने इस पर रिपोर्ट की तो क्या गलत किया? क्या लड़का नहीं बोलता वीडियो में ‘कमालुद्दीन का बेटा’!
इसलिए, लिबरल भाजपा प्रवक्ता को दोष दें या आम जनता को… इस बात से मना नहीं कर सकते हैं कि लोगों ने जिस मामले को हाईलाइट किया है, वो पीड़ित परिवार की आवाज है। कोई खुद से गढ़ा गया नैरेटिव बिलकुल नहीं। अगर नैरेटिव होता तो इस नैरेटिव में शकीर का नाम भी उछलता। कहीं मिला ढूँढने पर शकीर? वो उसी सूची में है जहाँ रवि, आकाश समेत बाकी अभियुक्तों के नाम हैं।
ANI हो या ऑपइंडिया या कोई अन्य… जिन सबने इस मामले में एक भी जगह पर कमालुद्दीन के बेटे का नाम लिया है और उसे मुख्य आरोपित बताया है तो उसका आधार कहीं घृणा फैलाने का नहीं है, बल्कि घृणा फैलाने वाले का नाम उजागर करना है।
एक बात और… इस मामले में जानकारी रखिए कि उस पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया गया है जिस पर विक्रम जोशी की तहरीर पर सुनवाई न करने का आरोप लगा। इसके वाला ये भी बात जान लीजिए कि पुलिस ने पकड़ा 9 आरोपितों को है। मगर हथियार शाहनूर के पास से बरामद हुए हैं। जिनमें .315 बोर की पिस्टल है, एक जिंदा कारतूस है और एक कारतूस का खोला है।