Sunday, November 17, 2024
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रवीश के लिए संदेशखाली छोटी बात, इसे बड़ा बनाया BJP और मीडिया ने… ये है ‘पिडी मीडिया’, विपक्ष के सामने दुम हिलाने वाला

रवीश कुमार इस वीडियो में ममता बनर्जी की बातों को दोहराते दिख रहे हैं। कंटेंट और रिसर्च के नाम पर इस वीडियो में कुछ भी नहीं है, सिवाय ममता बनर्जी के आरोपों को दोहराने और बीजेपी-नरेंद्र मोदी से अपनी नफरत-खीझ दिखाने के।

कभी कॉन्ग्रेस के मुखपत्र की तरह रहे एनडीटीवी में बड़े ओहदे पर रहे रवीश कुमार आजकर यूट्यबर बन चुके हैं, लेकिन उनके अंदर बैठा एक खास विचारधारा का कार्यकर्ता यू-ट्यूब पर भी उनसे वही काम करा रहा है, जो वो न्यूज चैनल के पर्दे पर किया करते थे। खुद को ‘निष्पक्ष’ बताकर ‘भौकाल’ टाइट रखने वाले रवीश कुमार ने 30 मई 2024 को एक नया वीडियो अपने यू-ट्यूब चैनल पर पोस्ट किया है, जिसमें वो ममता बनर्जी की रैलियों के बारे में बता रहे हैं। बता तो क्या ही रहे हैं, खुद की जुबान से न सिर्फ ममता बनर्जी की भाषा बोल रहे हैं, बल्कि वो ये साबित करने की कोशिश कर रहे हैं कि दूसरे नेताओं की रैलियों को कवर करने वाले चैनल और पत्रकार गोदी मीडिया के लोग हैं और वो ‘महा पत्रकार’ हैं, जो ‘गरीबों’ यानी जिनको कोई पूछने वाला नहीं, उन्हें दिखा रहे हैं।

रवीश कुमार इस वीडियो में ममता बनर्जी की बातों को दोहराते दिख रहे हैं। कंटेंट और रिसर्च के नाम पर इस वीडियो में कुछ भी नहीं है, सिवाय ममता बनर्जी के आरोपों को दोहराने और बीजेपी-नरेंद्र मोदी से अपनी नफरत-खीझ दिखाने के।

रवीश कुमार संदेशखाली के वीभत्स मुद्दे को बीजेपी की साजिश से जोड़ते हैं और इसके बारे में पूरे देश को जानकारी हुई, तो गलती गोदी मीडिया की हुई। रवीश कुमार ये नहीं बताते कि संदेशखाली मुद्दे को कवर करते हुए कितने पत्रकारों को ममता बनर्जी की सरकार ने अपना शिकार बनाया। कितनी जमीनों को शेख शाहजहाँ और उसके आदमियों ने दशक भर से कब्जा किया था, कितनी कृषि योग्य भूमि को टीएमसी के गुंडों ने तालाब बना दिया था। चूँकि ममता बनर्जी ने कहा कि ये बीजेपी की साजिश थी और इसे गोदी मीडिया ने ही कवर किया, ऐसे में रवीश कुमार ने एकदम पालतू वाली स्टाइल में उन्हीं बातों को दोहरा दिया। उनकी ये बकवास 22.10 मिनट से 22.55 के बीच सुन सकते हैं।

जिन्हें कोई दिखा नहीं रहा, ये कैसा दावा?

रवीश कुमार का ये दावा कि नेशनल मीडिया पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा किसी को नहीं दिखा रहा, ये सरासर झूठ है। बदमाशी है। प्रियंका गाँधी ने इस लोकसभा चुनाव में 100 से ज्यादा बार मीडिया से बातचीत की है। प्रियंका गाँधी का इंटरव्यू लेने राजदीप सरदेसाई (रविश के पुराने साथी) पूरे दल-बल और मालिकान के साथ गए थे, तो अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव जैसे नेताओं का मीडिया इंटरव्यू हर रोज आता है। अरविंद केजरीवाल, राहुल गाँधी की मीडिया कवरेज भी सबके सामने है।

बात करते हैं उनके इस वीडियो की मालकिन ममता बनर्जी की। जाधवपुर में चल रही उनकी पदयात्रा से राजस्थान के चुरु निवासी किसी व्यक्ति या मतदाता को क्या मतलब हो सकता है, जो वो ममता बनर्जी की पदयात्रा को लाइव टीवी पर देखे। उसे देखना ही होगा, तो वो यूट्यूब पर देख लेगा। आजकल सारी राजनीतिक पार्टियाँ यू-ट्यूब का इस्तेमाल कर भी रही हैं। ऐसे में रवीश कुमार का ये कहना, कि वो ममता बनर्जी को दिखा रहे हैं, इसलिए वो गोदी मीडिया नहीं, बल्कि सब गोदी मीडिया है, बेहद मचकानी बात है। खुद सोचिए, चूँकि रवीश ने बताया भी है कि साउथ कोलकाता में ममता बनर्जी ने 35 डिग्री सेल्सियस की गर्मी में 12 किमी की पदयात्रा की, जो बहुत जोरदार रही। ऐसे में मैं ये जानना चाहूँगा कि साउथ कोलकाता में ममता बनर्जी की पदयात्रा का शिमला में बैठे किसी आम आदमी का क्या लेना-देना?

वैसे, विपक्ष की रैली खूब दिखाई जा रही है, सभी के सोशल मीडिया हैंडल पर देखेंगे, तो ये दिखता जाएगा, लेकिन रवीश कुमार को नहीं दिखता, क्योंकि आँखों में एक खास पट्टी बाँध रखी है। रवीश की मानें, तो विपक्ष की रैली दिखानी चाहिए, तभी वो गोदी मीडिया में शामिल नहीं किया जाएगा। लेकिन सिर्फ ममता बनर्जी की रैली और ममता बनर्जी की बातों को दोहराने वाले को ‘तलवा चाटने वाला पत्रकार’ कह सकते हैं कि नहीं, ये रवीश से पूछा जाना चाहिए।

खैर, सर्टिफिकेट आजतक मुफ्त में बँटते हैं, तो रवीश कुमार भी अपनी एक ब्रांच ‘गोदी मीडिया’ और ‘पिडी मीडिया’ की खोलकर बैठ गए हैं। जिसे वो गोदी मीडिया बोल दें, उस पर गोदी मीडिया का ठप्पा लग जाता है और बाकी लोग ‘पिडी मीडिया’ के हिस्से हैं ही।

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श्रवण शुक्ल
श्रवण शुक्ल
Shravan Kumar Shukla (ePatrakaar) is a multimedia journalist with a strong affinity for digital media. With active involvement in journalism since 2010, Shravan Kumar Shukla has worked across various mediums including agencies, news channels, and print publications. Additionally, he also possesses knowledge of social media, which further enhances his ability to navigate the digital landscape. Ground reporting holds a special place in his heart, making it a preferred mode of work.

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