सोशल मीडिया पर और फेसबुक पोस्ट के माध्यम से दिन-भर सवर्णों के द्वारा अरबों साल से किए जा रहे जातिगत भेदभाव पर ज्ञान देने वाले प्रोफ़ेसर दिलीप सी मंडल के खिलाफ खुद जातिगत दुर्भावना फ़ैलाने ही नहीं, जातिवादी भेदभाव करने के भी आरोप लग रहे हैं। और आरोप लगाने वाले भी कोई ऐरे-गैर नहीं, देश के चोटी के पत्रकारिता संस्थानों में गिना जाने वाले माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के छात्र हैं। उनके दुर्व्यवहार से त्रस्त छात्र धरने पर बैठने के लिए मजबूर हो गए हैं।
MP: Students of Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism&Communication, in Bhopal protest against 2 visiting professors, Dilip Mandal&Mukesh Kr, alleging that they create caste divide among students. Say “VC has formed committee,we’ve also demanded their suspension” pic.twitter.com/NCtK5Sh11O
— ANI (@ANI) December 13, 2019
भोपाल स्थित माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में दो विज़िटिंग प्रोफ़सरों दिलीप मंडल और मुकेश कुमार के खिलाफ छात्रों का आरोप है कि वे क्लास में जातिगत भेदभाव और विभाजन बढ़ाते हैं। वे क्लास में और सोशल मीडिया पर छात्रों की जाति जानना चाहते हैं, और उसके बाद कथित ‘सवर्णों’ के साथ बदतमीज़ी करते हैं।
हालाँकि, कुलपति ने मामले की जाँच के लिए एक कमेटी भी बना दी है, लेकिन छात्र चाहते हैं कि इन दोनों प्रोफ़ेसरों की सेवाएँ तत्काल प्रभाव से निलंबित की जाएँ। साथ ही छात्रों ने कहा कि उनके विरोध प्रदर्शन के बारे में गलत अफ़वाहें भी उड़ाई जा रहीं हैं।
Protesters: We’d given a memorandum to Vice Chancellor. They ask castes of students on social media&in class& misbehave with those who are of upper castes. It creates caste divide among students. We’ve demanded their suspension. False statements are being made about our protest. https://t.co/rCkI0dhb05 pic.twitter.com/gVbhCOvWvn
— ANI (@ANI) December 13, 2019
छात्रों ने इसके बारे में विश्विद्यालय प्रशासन से लिखित शिकायत भी की थी। लेकिन खबर लिखे जाने तक दिलीप मंडल के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया गया है।
छात्रों का कहना है कि अक्सर जातिगत पोस्ट लिखकर ये सवर्ण जातियों को टारगेट करते हैं। आप खुद भी देख सकते हैं कि अपने कल के पोस्ट में भी मंडल कह रहे हैं, “विद्यार्थी परिषद को शास्त्रार्थ का निमंत्रण। आज भोपाल में माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में ABVP ने फुले-आंबेडकर विचारधारा को लेकर मेरे खिलाफ हंगामा किया और तोड़फोड़ की। मेरा उनसे निवेदन है कि किसी तय तारीख को सांची स्तूप के पास आएं और मुद्दों पर बहस करें। स्वागत है।… आप भी मनुस्मृति और गोडसे तथा गोलवलकर की किताबें लेकर आइए।”
गौरतलब है कि इस साल की काँवड़ यात्रा के दौरान दिलीप मंडल ने काँवड़ियों के बीच भी जातिगत आधार पर विभाजन करने की कोशिश की थी। इसके अलावा ट्विटर के ब्लू टिक में भी जाति ढूँढ़ने की कोशिश के लिए भी उनकी काफी ‘नेकनामी’ हुई थी।
@TwitterIndia, शुक्रिया, बिना मांगे या डॉक्यूमेंट दिए मुझे वेरिफाई किया. मुझे चाहिए नहीं. अगर आपने 7 दिन के अंदर SC-ST-OBC के 500 अराजनीतिक लोगों को वेरिफाई नहीं किया तो मैं अपना ब्लू टिक हटा लूंगा. लाखों सवर्णों को ब्लू टिक बांटा है, 500 इधर भी रखो.
— Prof. Dilip Mandal (@Profdilipmandal) November 4, 2019
#RestoreProfRatanlal
7 दिन की धमकी देने वाले इन ‘महापुरुष’ ने 5 हफ़्तों में भी ब्लू टिक नहीं हटाया है।