अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बनने से पहले विपक्षी ये कहकर तंज कसते थे कि ‘मंदिर वहीं बनाएँगे, तारीख नहीं बताएँगे।’ रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हुए, तो विपक्षी दलों ने ये कहकर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का बहिष्कार किया कि ये बीजेपी का मंदिर है। विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने तमाम घृणा भरे बयान दिए, फिर भी बीजेपी के प्रति आम जन का समर्थन बढ़ता ही चला गया।
अब हताशा में आए विपक्षी नेता एक बार फिर से भगवान राम का ही नाम लेकर बीजेपी को निशाना बना रहे हैं। भले ही वो बीजेपी को निशाना बना रहे हों, लेकिन देश का आम जन अब उनके बयानों को अपने विरुद्ध समझने लगा है। इसके बावजूद उनकी आँखें खुलती नहीं दिख रही हैं। इसी कड़ी में विपक्ष की तीन सबसे बड़ी पार्टियों कॉन्ग्रेस, डीएमके और टीएमसी ने एक ही समय में अलग-अलग बयानों के माध्यम से फिर से भगवान राम और भारतीय के प्रति अपनी घृणा का प्रदर्शन किया है। चाहे वो कॉन्ग्रेस के युवराज राहुल गाँधी हों, या डीएमसे के ए राजा… या फिर टीएमसी विधायक रामेंदु सिन्हा रॉय।
टीएमसी विधायक बोला- राम मंदिर अपवित्र, हिंदू न करें पूजा
पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी टीएमसी के विधायक रामेंदु सिन्हा राय ने रामलला के मंदिर को ही अपवित्र बता दिया। राय ने कहा कि हिंदुओं को ऐसे अपवित्र स्थल पर पूजा नहीं करनी चाहिए। रामेंदुर सिन्हा राय हुगली जिले के तारकेश्वर विधानसभा सीट से विधायक हैं। बीजेपी नेता और बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने राय के बयान पर एफआईआर दर्ज कराने की बात कही है। अधिकारी ने कहा कि हिंदुओं पर आक्रमण करते-करते उनकी हिम्मत इतनी बढ़ गई है कि वह अब भगवान श्री राम के भव्य मंदिर को ‘अपवित्र’ बताने की धृष्टता कर रहे हैं।
ए राजा ने तो खुद को बता डाला भगवान राम का दुश्मन
इस लिस्ट में डीएमके नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा का भी नाम है। भगवान राम पर सवाल उठाते हुए ए राजा ने आगे कहा, “अगर आप कहें कि ये आपकी जय श्रीराम है, अगर ये आपकी भारत माता की जय है तो हम उस जय श्रीराम और भारत माता की जय को कभी स्वीकार नहीं करेंगे। तमिलनाडु स्वीकार नहीं करेगा। तुम जाकर बताओ, हम राम के शत्रु हैं।”
कम्ब रामायण का एक अंश सुनाने के बाद उन्होंने कहा, “मुझे रामायण और भगवान राम पर भरोसा नहीं है।” ए राजा ने आगे कहा, “अगर आप कहते हैं कि रामायण के नाम पर मानव सद्भाव है, जहाँ चार सगे भाई के रूप में पैदा होते हैं, एक कुरावर भाई के रूप में, एक शिकारी भाई के रूप में, दूसरा बंदर दूसरा भाई के रूप में, छठा बंदर एक भाई के रूप में पैदा होता है तो आपका जय श्री राम छी! बेवकूफ़!” ए राजा ने भगवान राम को ही नहीं, भारत को देश के रूप में मान्यता देने से इनकार कर दिया।
राहुल गाँधी ने फिर से की ढृष्टता
कॉन्ग्रेस के युवराज राहुल गाँधी ने फिर से भगवान राम के नाम पर ढृष्टता की है। मध्य प्रदेश के शाजापुर में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी हमला बोलने के लिए भगवान राम का नाम लिया। राहुल गाँधी ने कहा कि मोदी चाहते हैं कि आप दिनभर जय श्रीराम बोलो और भूखे मर जाओ। वहीं, राहुल गांधी के लिए उस समय भी असहज स्थिति पैदा हो गई, जब बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उनके सामने मोदी-मोदी और जय श्रीराम के नारे लगाए।
जिसका नाम शत्रुघ्न, अब वो भी खड़े कर रहा राम मंदिर पर सवाल
टीएमसी के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने भी राम मंदिर पर बदजुबानी की है। जिसका खुद का नाम शत्रुघ्न हो और बेटों का नाम लव-कुश, उसने रामलला के मंदिर को बीजेपी का पब्लिसिटी स्टंट बता दिया है। सिन्हा ने कहा, “पहले दिन 5 लाख लोग अयोध्या पहुँचे थे। अब सिर्फ 1 हजार लोग पहुँच रहे हैं। ये तो बीजेपी के प्रचार की हवा ही निकल गई। वो कहते हैं- मंदिर का इतना प्रचार किया, दिनभर मंदिर-मंदिर किया, जब सैलानी गए तो पहले दिन 5 लाख लोग पहुँचे, दूसरे तीसरे दिन 3 लाख संख्या कम हो गई, उसके बाद 2 लाख पर आए। अब सिर्फ हजार, 2 हजार लोग जा रहे हैं वहाँ, क्योंकि लोग समझ गए कि जहाँ शंकराचार्य नहीं पहुंचे, वहाँ सिर्फ इन्होंने पब्लिसिटी की है।”
बता दें कि शत्रुघ्न सिन्हा लंबे समय तक बीजेपी में रहे थे। कई बार सांसद रहने के बाद जब टिकट कटा, तो कॉन्ग्रेस में शामिल हो गए। चुनाव में हार मिली, तो टीएमसी की गोद में जाकर बैठ गए। उप-चुनाव जीतकर वो लोकसभा पहुँच गए और इस बार फिर से माना जा रहा है कि वो आसनसोल से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। उनके परिवार लोगों के नाम अयोध्या पुरी के विख्यात रघु वंशियों के ही नाम पर हैं, इसके बावजूद उनका ये बयान बताता है कि वो राजनीति के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं, भले ही उन्हें इसके लिए अपने अराध्य पर उंगली उठानी पड़े।
खास बात ये है कि किसान आंदोलन की कमान संभाल रहे नेता किसान नेता जगजीत सिंह डंडेवाल भी ये बात मान चुके हैं कि अयोध्या राम मंदिर बनने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता बढ़ चुकी है। कई न्यूज चैनलों और एजेंसियों के सर्वे में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता आसमान पर पहुँच चुकी है। यही वजह है कि लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए बौखलाहट में विपक्षी नेता लगातार बीजेपी को निशाना बना रहे हैं।
हो सकता है कि ये नेता खास ‘वोटर वर्ग’ को ध्यान में रखकर ऐसे बयान दे रहे हों, लेकिन उन्हें ये नहीं भूलना चाहिए कि इस देश में अब वो दिन दूर गए, जब चुनाव के समय लोग जातियों में बंट जाते थे। अयोध्या में रामलला के मंदिर को लेकर जिस तरह का उल्लास पूरे देश में देखा गया, वो बताता है कि राष्ट्रीय मुद्दों पर अब लोग जातियों में बंटने की जगह राष्ट्र हित को वरीयता देने लगे हैं। ऐसे में खास वोटों के दम पर अब चुनाव जीतना इन पार्टियों के लिए संभव भी नहीं रह गया है।
राहुल गाँधी से लेकर ए राजा, शत्रुघ्न सिन्हा हो या रामेंदु सिन्हा राय, उनकी कोशिश यही है कि वो बीजेपी पर हमला बोलें और आम जनता के मन में बीजेपी को लेकर खटास पैदा करें। ये अलग बात है कि ये नेता राम मंदिर के बहाने बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जितना निशाना बनाते हैं, आम जनता उतना ही उनके करीब आती जाती है। चूँकि बीजेपी को निशाना बनाने के चक्कर में ये नेता आम जन के नायक यानी प्रभु राम पर ही निशाना साधने में लगे हैं, ऐसे में ये आम जनता से जुड़ने की जगह दूर ही होते जा रहे हैं। इस बात को ये जितनी जल्दी समझ जाएँ, उतना ही बेहतर।