Monday, November 18, 2024
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मतगणना 2 मई- 5 राज्य: कोरोना वायरस से लड़ाई के बीच आई जनादेश की घड़ी, बंगाल पर टिकी हैं सबकी नजरें

बंगाल को लेकर अधिकांश एग्जिट पोल्स ने कहा कि बंगाल में टीएमसी और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर है। असम और पुडुचेरी में बीजेपी का बोलाबाला बताया गया। वहीं केरल में लेफ्ट की सरकार दोबारा बनती दिखाई गई है और तमिलनाडु में डीएमके को सत्ता में आता दिखाया गया।

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच साल 2021 में 1 माह के भीतर 5 राज्यों में विधानसभा चुनावों के लिए मतदान करवाए गए। इनमें से केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी में 1 चरण में मतदान पूरे हुए, जबकि असम के लिए 3 चरणों में वोट डाले गए और बंगाल में 8 चरणों में मतदान प्रक्रिया संपन्न हुई। अब कल यानी 2 मई को सभी राज्यों के नतीजे आने वाले हैं।

EXIT POLL क्या कहता है?

29 अप्रैल 2021 को बंगाल में आखिरी चरण की वोटिंग के बाद कई मीडिया चैनल्स पर अलग-अलग एग्जिट पोल दिखाए गए। अपने-अपने अनुमान के मुताबिक सबने 5 राज्यों में हुए चुनावों के नतीजों की तस्वीर बताई। बंगाल को लेकर अधिकांश एग्जिट पोल्स ने कहा कि बंगाल में टीएमसी और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर है। असम और पुडुचेरी में बीजेपी का बोलाबाला बताया गया। वहीं केरल में लेफ्ट की सरकार दोबारा बनती दिखाई गई है और तमिलनाडु में डीएमके को सत्ता में आता दिखाया गया।

पश्चिम बंगाल:

बंगाल की 294 विधानसभा सीट पर 8 चरणों में मतदान संपन्न कराए गए। ये चरण क्रमश: 27 मार्च, 1 अप्रैल, 6 अप्रैल, 10 अप्रैल, 17 अप्रैल, 22 अप्रैल, 26 अप्रैल, 29 अप्रैल कराए गए। 

वर्तमान में बंगाल में तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) सत्ता में है। ममता बनर्जी के नेतृत्व में पार्टी 2011 से राज्य की कुर्सी पर है। 2011 में टीएमसी ने कॉन्ग्रेस के साथ चुनाव लड़ा और अकेले 184 सीट पाईं। इसके बाद 2016 में 211 सीटें टीएमसी के खाते में आईं। 

हालाँकि, इस बार बंगाल की बयार अलग है। कुछ एग्जिट पोल्स में ममता सरकार को जीतते दिखा रहे हैं। लेकिन ज्यादातर का कहना यही है कि या तो भाजपा सभी रिकॉर्ड तोड़ सत्ता में आएगी वरना टीएमसी को कड़ी टक्कर देगी।

असम:

असम की 126 विधानसभा सीटों पर 3 चरणों में चुनाव हुए। पहले चरण के लिए मतदान 27 मार्च को हुआ। वहीं दूसरे तीसरे चरण के लिए मतदान 1 अप्रैल और 6 अप्रैल को हुआ।

राज्य में इस समय बीजेपी के गठबंधन वाली एनडीए सरकार है। भाजपा नेता सर्बानंद सोनोवाल के नेतृत्व में यहाँ एनडीए ने 2016 में सरकार बनाई थी। उससे पहले राज्य में लगातार 3 बार विधानसभा चुनाव में जीत के बाद कॉन्ग्रेस नेता तरुण गोगोई सीएम की कुर्सी पर थे।

एग्जिट पोल कहते हैं कि राज्य में लगातार दूसरी बार भाजपा लौटने वाली है। संभव है यहाँ भाजपा अधिकतम 85 सीट भी मिलें। वहीं कॉन्ग्रेस गठबंधन 65 के आसपास सीटें पा सकता है।

तमिलनाडु:

तमिलनाडु में इस बार 234 विधानसभा सीट के लिए 6 अप्रैल 2021 को एक चरण में मतदान हुआ।

यहाँ पिछले एक दशक से लगातार ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) सत्ता में है। वर्तमान में पार्टी के मुख्यमंत्री के पलानिस्वामी हैं।

हालाँकि, एग्जिट पोल कहते हैं कि इस बार राज्य में डीएमके-कॉन्ग्रेस की सरकार आएगी। वहीं AIADMK को इस बार सत्ता से हाथ धोना पड़ेगा। DMK गठबंधन को इंडिया टुडे के एकिसस माय सर्वे में 175-195 सीटें मिलती दिखाई गई हैं। वहीं AIADMK को 38-54 सीट।

केरल:

वामपंथ का गढ़ माने जाने वाले केरल की 140 विधानसभा सीटों पर 6 अप्रैल को 1 चरण में मतदान हुआ था। पिनराई विजयन की अगुवाई में कन्युनिस्ट पार्टी ने यहाँ 2016 में सरकार बनाई थी। उससे पहले कॉन्ग्रेस ने भी यहाँ 2011-2016 का समय बिताया।

एक्जिट पोल बताते हैं कि इस बार केरल में CPI (M) के नेतृत्व वाले लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) की सरकार बनेगी। पोल में एलडीएफ को पूर्ण बहुमत मिलता दर्शाया गया है। वहीं यूडीएफ के 50-60 सीटों पर सिमटने का अनुमान लगाया गया है।

पुडुचेरी:

30 विधानसभा सीटों वाले केंद्र शासित प्रदेश में केरल और तमिलनाडु की तरह 6 अप्रैल को 1 चरण में चुनाव पूरे हुए। 22 फरवरी से पहले वहाँ कॉन्ग्रेस सरकार थी। लेकिन सियासी उथल पुथल में सत्ता कॉन्ग्रेस के हाथ से चली गई। अभी इस समय वहाँ राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है।

कल निर्धारित होगा कि कौन सी सरकार पुडुचेरी में सत्ता पर आएगी। एग्जिट पोल्स में तो यहाँ भाजपा की सरकार बनते दिखाया जा रहा है। रिपब्लिक सीएनएक्स का अनुमान है कि भाजपा यहाँ 19-23 सीटें भी पा सकती है जबकि कॉन्ग्रेस को 6-10 सीट हाथ लग सकती हैं। ये आँकड़े हर पोल पर अलग-अलग हैं।

जीत के बाद नहीं है जुलूस निकालने की अनुमति

गौरतलब है कि कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच कल (2 मई) मतगणना के बाद नतीजे घोषित किए जाएँगे। ऐसे में चुनाव आयोग ने स्थिति को देखते हुए कुछ दिन पहले निर्णय लिया था कि कहीं भी किसी भी प्रकार का कोई जीत का जुलूस नहीं निकाला जाएगा। केवल दो लोग अपनी जीत का सर्टिफिकेट लेने जा पाएँगे।

आयोग के इस फैसले से पहले मद्रास हाईकोर्ट ने कहा था कि यदि आयोग 2 मई को होने वाले मतगणना के दौरान कोरोना के दिशा-निर्देशों का पालन कराने की योजना का खाका नहीं पेश कर पाया तो वह इस पर रोक लगा देंगे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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