कॉन्ग्रेस में पार्टी के बड़े नेताओं ने अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी को पत्र लिखकर कॉन्ग्रेस में बड़े बदलाव करने की माँग की है। यह माँग कॉन्ग्रेस के 23 बड़े नेताओं ने लिखित पत्र के माध्यम से की है। इनमें 5 पूर्व मुख्यमंत्री, शशि थरूर जैसे सांसद, कॉन्ग्रेस कार्यसमिति के सदस्य और तमाम पूर्व केंद्रीय मंत्री शामिल हैं।
कॉन्ग्रेस के इन तमाम 23 नेताओं ने परोक्ष तौर पर गाँधी परिवार को निशाने पर लिया है। उनके अनुसार पार्टी प्रमुख में बदलाव करके कॉन्ग्रेस पार्टी को हो रहे नुकसान से बचा जा सकता है। बता दें कि सीडब्ल्यूसी की अहम बैठक (CWC Meet) 24 अगस्त की सुबह 11 बजे होनी है। इसके मद्देनजर वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी आलाकमान सोनिया गाँधी को यह पत्र लिखा है।
23 नेताओं में गुलाम नबी आज़ाद, कपिल सिब्बल, भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, विरप्पा मोइली, राज बब्बर, मिलिंद देवड़ा, संदीप दीक्षित, रेणुका चौधरी, मनीष तिवारी और कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हैं।
पत्र में नेताओं ने दावा किया है कि नेतृत्व पर अनिश्चितताओं के कारण पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा है। उन्होंने पत्र में कॉन्ग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर भी वकालत की।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह पत्र बीजेपी की प्रगति की ओर इशारा करता है। यह स्वीकार करते हुए कि युवाओं ने निर्णायक रूप से नरेंद्र मोदी को वोट दिया है। पत्र बताता है कि कॉन्ग्रेस को बुनियादी रूप से समर्थन का घाटा हुआ है। युवाओं का विश्वास खोना गंभीर चिंता का विषय है।
यह पत्र करीब दो हफ्ते पहले भेजा गया था। पत्र के जरिए बड़े नेताओं ने एक ‘पूर्णकालिक और प्रभावी नेतृत्व’ लाने की माँग की है, जो कि धरातल पर दिखे भी और सक्रिय भी रहे। साथ ही पार्टी के पुनरुद्धार के लिए सामूहिक रूप से संस्थागत नेतृत्व तंत्र की तत्काल स्थापना के लिए भी कहा गया है।
पत्र में कहा गया है कि लोकसभा चुनाव में हार के एक साल बाद भी पार्टी ने लगातार गिरावट के कारणों का पता लगाने के लिए कोई आत्मनिरीक्षण नहीं किया है। सीडब्ल्यूसी ने पार्टी सदस्यों के मार्गदर्शन को लेकर भी कोई बात नहीं की है।
वहीं कॉन्ग्रेस की होने वाली बैठक को लेकर यह जानकारी सामने आई ही कि पार्टी के पदों में महत्वपूर्ण फेरबदल हो सकता है। इसके अलावा राजनीतिक मुद्दों, अर्थव्यवस्था की स्थिति और कोरोना वायरस संकट जैसे कई मुद्दों पर भी बात की जा सकती है।
वहीं सूरजेवाला ने इस मुद्दे को लेकर कहा था कि आज व्हाट्सएप में मीडिया-टीवी डिबेट गाइडेंस पर विशेष गलत सूचना समूह ने फेसबुक-बीजेपी लिंक से ध्यान हटाने के लिए कॉन्ग्रेस नेताओं के गैर-मौजूद पत्र की कहानी चलाने का निर्देश दिया गया। अलबत्ता, भाजपा के दिग्गजों ने इस पर कार्रवाई शुरू कर दी है।
कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर ने भी रविवार को पार्टी में निराशा और जुनून की कमी को बताते हुए ट्वीट किया है। उन्होनें पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को भी अपने पोस्ट में मेंशन किया है।
‘Without passion and urge, there is a gradual oozing out of hope and vitality, a settling down on lower levels of existence, a slow merging into non-existence. We have become prisoners of the past and some part of its immobility sticks to us’. ~ Jawaharlal Nehru
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) August 23, 2020