पश्चिम बंगाल में अपने डॉक्टर साथी परिबाह मुखोपाध्याय पर किए गए घातक हमले को लेकर न्याय की उम्मीद पाले डॉक्टरों ने हड़ताल की। दो दिन की हड़ताल के बाद न्याय तो दूर, बदले में उन्हें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिली धमकी – 4 घंटे में काम पर लौटो। ऐसे में 7 डॉक्टरों ने एक साथ इस्तीफा दे कर राज्य सरकार को यह संदेश दे दिया है कि उन्हें हल्के में ना लिया जाए। जाहिर सी बात है, वो न्याय की बात कर रहे हैं, जो कि उनका या किसी का भी लोकतांत्रिक हक है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने इनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है।
पश्चिम बंगाल में @MamataOfficial -जूनियर डॉक्टर आमने-सामने, 7 डॉक्टरों का इस्तीफाhttps://t.co/nsOFFegOqX
— Zee News Hindi (@ZeeNewsHindi) June 13, 2019
इससे पहले पश्चिम बंगाल में अपने सहयोगी डॉक्टर पर हमला होने के विरोध में डॉक्टर्स की चल रही हड़ताल पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डॉक्टरों को चार घंटे का अल्टीमेटम जारी किया था। मुख्यमंत्री ने कोलकाता के राजकीय SSKM अस्पताल का दौरा करने के बाद आंदोलनरत जूनियर डॉक्टरों को 4 घंटे के भीतर काम पर लौटने के लिए कहा था। लेकिन, डॉक्टरों ने उनके समक्ष ही ‘हम न्याय चाहते हैं’ के नारे लगा दिए थे।
कोलकाता के नील रतन सरकार (NRS) मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल की वजह से मरीज़ों को दूसरे दिन (बुधवार, जून 12, 2019) भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इससे लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए काफ़ी परेशानियाँ आ रही हैं।
इस समस्या के निदान के लिए कॉन्ग्रेस के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने इस संबंध में पीएम मोदी को पत्र लिखा है। अपने पत्र के माध्यम से उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को कोलकाता में मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों के डॉक्टर्स की हड़ताल मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है।
आपको बता दें कि कोलकाता स्थित नील रतन सरकार मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में सोमवार (10 जून) को एक बुजुर्ग मरीज मोहम्मद शाहिद की मौत के बाद उसके परिजनों ने डॉक्टर परिबाह मुखोपाध्याय पर घातक हमला किया। डॉक्टरों की मानें तो करीब 200 की भीड़ ने मोहम्मद शाहिद की मौत के बाद अस्पताल में जमकर उत्पात मचाया। इस घटना के बाद राज्य के विभिन्न अस्पतालों के डॉक्टर न्याय की माँग करते हुए हड़ताल पर चले गए।