दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा कोरोना की दूसरी लहर के दौरान व्यवस्था के कुप्रबंधन के कारण भारी आलोचना का सामना करना पड़ा। ऐसे में मुख्यमंत्री केजरीवाल की छवि चमकाने के लिए दिल्ली सरकार करदाताओं (Taxpayers) के पैसे से भव्य PR कैंपेन चला रही है और इस पर भारी धनराशि खर्च कर रही है।
राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के प्रबंधन में अपनी विफलता को ढँकने के प्रयास में दिल्ली सरकार ने एक बार फिर अरविंद केजरीवाल की सार्वजनिक छवि को चमकाने के लिए विज्ञापनों पर बहुत सारा पैसा खर्च करने का फैसला किया है।
शुक्रवार (9 जुलाई 2021) को दिल्ली सरकार ने न केवल कई राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्रों में बल्कि बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात आदि के क्षेत्रीय समाचार पत्रों में भी पूरे पेज का विज्ञापन जारी किया गया। इसमें एक नई स्कीम ‘मुख्यमंत्री कोविड-19 परिवार आर्थिक सहायता योजना’ के शुभारंभ के बारे में बताया गया है।
इस योजना के तहत, AAP के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने कोविड-19 से मरने वाले लोगों के परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने का दावा किया है। दिल्ली सरकार मृतक के परिजन को 50,000 रुपए का एकमुश्त मुआवजा देने की बात कही है। साथ ही, यह भी कहा गया है कि उन परिवारों को दिल्ली सरकार 2,500 रुपए मासिक देगी, जिन्होंने अपने घर में कमाने वाले सदस्यों को खो दिया है।
इसके अलावा, दिल्ली सरकार ने दावा किया है कि जिन बच्चों ने अपने माता-पिता को कोविड-19 में खो दिया है, उन्हें 25 साल की उम्र तक 2,500 रुपए का मासिक भत्ता प्रदान किया जाएगा। शुरू हुई यह नई योजना केवल दिल्ली के निवासियों तक ही सीमित है। किसी अन्य राज्य के निवासी इस लाभ के लिए पात्र नहीं हैं।
इसके बावजूद, अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली सरकार ने कई अन्य राज्यों में PR कैंपेन चलाने पर करदाताओं का भारी पैसा खर्च किया है, जहाँ के निवासियों की ‘मुख्यमंत्री कोविड -19 परिवार आर्थिक सहायता योजना’ में कोई हिस्सेदारी नहीं है।
नीचे टाइम्स ऑफ इंडिया टुडे का पहला पेज है, जिसमें अरविंद केजरीवाल की तस्वीर के साथ पूरे पेज का विज्ञापन है।
सिर्फ टाइम्स ऑफ इंडिया में ही नहीं, अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने अमर उजाला, दैनिक भास्कर, आदि जैसे हिंदी दैनिक समाचार पत्रों में भी विज्ञापन प्रकाशित करके पेड प्रोपेगेंडा पर काफी खर्च किया है।
हिंदी दैनिक अमर उजाला के पेज चार पर AAP का एक विज्ञापन प्रकाशित किया गया है:
अरविंद केजरीवाल का फुल पेड PR सिर्फ दिल्ली और इसके पड़ोसी इलाकों तक ही सीमित नहीं है। आम आदमी पार्टी की अगुआई वाली सरकार ने गुजरात में केजरीवाल की छवि को बढ़ावा देने के लिए काफी सार्वजनिक संसाधन खर्च किए हैं।
दिल्ली सरकार गुजरात में विज्ञापन दिया
हैरानी की बात यह है कि दिल्ली सरकार की न तो गुजरात में कोई हिस्सेदारी है और न ही इस योजना को गुजरात के लोगों के लिए खोला गया है। इसके बावजूद दिल्ली सरकार ने सिर्फ एक अखबार में नहीं बल्कि दो अन्य अखबारों में अरविंद केजरीवाल का महिमामंडन करने वाले विज्ञापन चलाए हैं।
ये है आप के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार का गुजराती दैनिक संदेश में विज्ञापन।
इसी तरह, दिल्ली सरकार ने एक अन्य दैनिक गुजरात समाचार में गुजराती में एक पूरे पेज का विज्ञापन प्रकाशित किया है।
नीचे दिव्य भास्कर द्वारा शुक्रवार को प्रकाशित एक गुजराती-विज्ञापन है जिसमें दिल्ली के ‘मुख्यमंत्री कोविड -19 परिवार आर्थिक सहायता योजना’ के बारे में गुजराती लोगों को ‘सूचित’ किया गया है।
महाराष्ट्र:
दिल्ली के नागरिकों के लिए कल्याणकारी योजना के बारे में दिल्ली सरकार के विज्ञापन लोकमत जैसे मराठी-पत्रिकाओं में भी छपे हैं। नीचे लोकमत द्वारा संचालित एक मराठी विज्ञापन है, जिसका पूरा भुगतान दिल्ली सरकार द्वारा किया गया।
मराठी दैनिकों के अलावा, टाइम्स ऑफ इंडिया और इंडियन एक्सप्रेस ने अपने शुक्रवार के प्रिंट संस्करणों में भी दिल्ली सरकार के विज्ञापन प्रकाशित किए हैं।
पंजाब:
दिल्ली के करदाताओं द्वारा भुगतान किए गए विज्ञापनों को पंजाबी अखबारों में भी प्रकाशित किया गया। आम आदमी पार्टी ने अपनी वित्तीय और राजनीतिक पूँजी पंजाब में एक प्रमुख राजनीतिक शक्ति बनने के लिए खर्च की है।
कई सोशल मीडिया यूजर्स के अनुसार, दिल्ली सरकार ने बिहार, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना, केरल, कर्नाटक, गोवा, उत्तर प्रदेश और कई अन्य राज्यों में ‘मुख्यमंत्री कोविड -19 परिवार आर्थिक सहायता योजना’ से संबंधित विज्ञापन प्रकाशित किए हैं।
उचित देसाई नाम के एक सोशल मीडिया यूजर ने कहा है कि केजरीवाल की अगुवाई वाली दिल्ली सरकार ने उनकी छवि को बढ़ावा देने के प्रयास में देश भर के कम से कम 12 राज्यों में महँगे विज्ञापनों के लिए भुगतान किया है।
— Uchit Desai (@uchitdesai) July 9, 2021
एक अन्य सोशल मीडिया ने ट्विटर पर कहा कि दिल्ली सरकार का विज्ञापन छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के अखबारों में भी छपा है।
Arvind Kejriwal Led Delhi Govt Is Giving Advertisement’s In Marathi And Gujarati News-Papers Too.!!
— NewsBox India🚨 (@Newsbox_India) July 9, 2021
3️⃣ Chattisgarh
4️⃣ Telengana pic.twitter.com/G4cRobQe9u
एक अन्य सोशल मीडिया यूजर ने रायपुर संस्करण में अरविंद केजरीवाल के विज्ञापनों की तस्वीर पोस्ट की।
In Raipur edition. pic.twitter.com/I1bxCTBJwd
— Joker.. (@ramansahu2020) July 9, 2021
इसी तरह का एक विज्ञापन शुक्रवार को दैनिक भास्कर के भोपाल संस्करण में भी छपा, जिसके बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने सवाल उठाया कि दिल्ली सरकार ने मध्य प्रदेश में अपनी छवि को बढ़ावा देने के लिए इतनी बड़ी राशि खर्च की है, जो राज्य के लिए प्रासंगिक भी नहीं है।
बिहार में हिंदी दैनिक हिंदुस्तान ने भी दिल्ली के नागरिकों के लिए कोविड-19 राहत योजना शुरू करने के लिए अरविंद केजरीवाल की प्रशंसा करते हुए इसी तरह का विज्ञापन प्रकाशित किया है।
PR प्रोपेगेंडा के लिए अरविंद केजरीवाल और उनकी दिल्ली सरकार का आकर्षण कोई नई घटना नहीं है। जब से अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने हैं, AAP के नेतृत्व वाली सरकार अरविंद केजरीवाल की छवि को बढ़ाने के लिए मीडिया, विशेष रूप से मुख्यधारा की मीडिया में पेड विज्ञापनों पर बहुत सारा पैसा खर्च कर रही है।
यह उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली दिल्ली सरकार ने जनवरी 2021 से मार्च 2021 के बीच केवल तीन महीनों में 150 करोड़ रुपए खर्च किए थे। दिल्ली सरकार ने इन पैसों से राजधानी में कोविड-19 स्वास्थ्य बुनियादी ढाँचे की स्थापना पर खर्च करने के बजाय विज्ञापन और प्रचार पर खर्च किए गए थे। केजरीवाल सरकार ने पिछले दो वर्षों में विज्ञापन पर 800 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए हैं।