हिंदूहृदय सम्राट बाला साहेब ठाकरे ने शिवसेना की नींव हिंदुत्व के आधार पर रखी थी। लेकिन आज कुर्सी के लोभ में कॉन्ग्रेस-एनसीपी से गठबंधन कर न केवल पार्टी और उसके नेता उस बिंदु से भटक गए। बल्कि बालासाहेब का खुद का पोता आदित्य ठाकरे भी राजनीति करते-करते, टुकड़े-टुकड़े गैंग के उमर खालिद जैसे कई सदस्यों के साथ मंच साझा करने के लिए तैयार हो गया है।
दरअसल, सोशल मीडिया पर छात्र भारती विद्यार्थी संगठन द्वारा आय़ोजित किए जाने वाले कार्यक्रम का एक पोस्टर सामने आया है। जिसके ऊपर CAA, NRC विरोधी छात्र परिषद लिखा हुआ है। और नीचे पोस्टर में उमर खालिद, ऋचा सिंह, AMUSU अध्यक्ष सलमान इम्तियाज, जावेद अख्तर, जामिया छात्र नेता हम्मादुररहमान, सादिया शेख जैसे लोगों के साथ शिवसेना से आदित्य ठाकरे का नाम भी शामिल है।
हालाँकि, इस सूची में टुकड़े-टुकड़े गैंग का मुख्य चेहरा रहे उमर खालिद के अलावा AMUSU अध्यक्ष सलमान इम्तियाज, जावेद अख्तर, जामिया छात्र नेता हम्मादुररहमान का नाम हैरानी की बात नहीं है। क्योंकि इनमें जावेद अख्तर जैसे लोग वो चेहरा हैं जो अफजल गुरु की दया याचिका तक पर हस्ताक्षर कर चुके हैं। लेकिन यहाँ पर आदित्य ठाकरे की उपस्थिति किसी अचंभे से कम नहीं है।
आदित्य ठाकरे एक ऐसे शख्स के पोते हैं। जिन्होंने अपना पूरा जीवन हिंदुत्व के नाम पर जिया और हमेशा कट्टर हिंदू के रूप में पहचाने जाते रहे। मगर, अब उनकी गैर-उपस्थिति में उनकी पार्टी, उनका बेटा और उनका पोता सब उनके दिखाए रास्ते से भटक गए हैं। जो खुद को सेकुलर दिखाने के लिए वामपंथियों द्वारा आयोजित मंच को देश विरोधी नारे लगाने वालों के साथ साझा करने को तैयार हैं।
याद दिला दें, अभी बीते अक्टूबर में विधानसभा चुनाव के बाद शिवसेना ने सत्ता पाने के लिए लंबे समय से चले आ रहे गठबंधन को भाजपा के साथ तोड़ लिया था और एनसीपी-कॉन्ग्रेस के साथ गठजोड़ किया था। शिवसेना के इस कदम को मतदाताओं को दिए धोखे के रूप में परखा गया था।
मगर, शिवसेना द्वारा सरकार बनाने के बाद उम्मीद की गई थी कि जिस तरह पार्टी ने भाजपा को धोखा दिया, वे उस तरह हिंदुत्व यानी पार्टी की विचारधारा के साथ बेईमानी न करें। लेकिन अब आदित्य ठाकरे के ऐसे समारोह में शामिल होने की खबर देखकर लग रहा है कि शिवसेना अपनी मूल विचारधारा पर भी पानी फेरने को तैयार है।
बता दें छात्र भारती द्वारा करवाया जा रहा ये कार्यक्रम यशवंत राव चवन सेंटर में 5 जनवरी को मुंबई में आयोजित होगा। जिसमें अलग-अलग संगठन और संस्थान से आए मुस्लिम युवा नेताओं के साथ वामपंथी लोग शामिल होंगे। पोस्टर में प्रकाशित जानकारी के अनुसार इस कार्यक्रम को एसएफआई जैसे वामपंथी संगठनों का सहयोग प्राप्त हैं।