एक तरफ विपक्ष मोदी सरकार पर तानाशाही और आवाज़ दबाने का आरोप लगाता है। दूसरी तरफ जिन राज्यों में विपक्षी दल सत्ता पर काबिज हैं, वहाँ सत्ताधीशों के ख़िलाफ़ फेसबुक पोस्ट हिंसा का कारण बन जाती है। अव्वल तो ये कि इस घटना की निंदा करने की बजाय उसे जायज ठहराया जाता है। विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ता राहुल तिवारी को शिवसैनिकों ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की आलोचना करने वाले पोस्ट के लिए पीटा।
शिवसैनिकों की गुंडई को पार्टी विधायक और उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ने जायज ठहराया है। इतना ही नहीं आदित्य ने पीड़ित के लिए अपशब्दों का प्रयोग भी किया है। दरअसल, मामला ये है कि शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ने जामिया में हुए उपद्रव की तुलना जालियाँवाला बाग़ नरसंहार से की थी, जिससे नाराज़ राहुल तिवारी ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा था कि उद्धव आखिर अपने औकात पर आ ही गए। इसके बाद अचानक से उनके घर के बाहर बड़ी संख्या में शिवसैनिक जमा हो गए और तिवारी की पिटाई की गई। उनका सिर मुंडवा दिया गया। पोस्ट डिलीट करने के बावजूद 25 शिवसैनिकों ने उन्हें मारा-पीटा।
अब आदित्य ठाकरे अपनी पार्टी के गुंडों के बचाव में उत्तर आए हैं। आदित्य ने पीड़ित राहुल तिवारी को ओछा और नीच ट्रोल करार दिया है। आदित्य ने अपने बयान में कहा कि राहुल ने मुख्यमंत्री उद्धव के लिए असभ्य भाषा का प्रयोग किया, जबकि वो सीएए से उपजे असंतोष के बीच राज्य में शांति-व्यवस्था कायम करने में लगे हुए हैं। उन्होंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं की गुंडई को गुस्से में दी गई त्वरित प्रतिक्रिया बताया। आदित्य ने साथ ही बिना नाम लिए कहा कि राहुल जैसे धमकीबाज और गालीबाज लोगों को जवाब देना हमारा काम नहीं होना चाहिए। आदित्य ने कहा:
“मैं शिवसैनिकों की गुस्से में दी गई प्रतिक्रिया को समझ सकता हूँ। जब किसी नेता, संगठन या समुदाय के ख़िलाफ़ इस तरह इस तरह असभ्य भाषा का इस्तेमाल किया जाता है तो गुस्सा स्वाभाविक है। इनलोगों के इस व्यवहार का जवाब देश की जनता ने हालिया चुनावों में लोकतान्त्रिक तरीके से दे दिया है। ये सोशल मीडिया के ‘लिंच मॉब’ हैं, जो देश में कलह और विभाजन का माहौल पैदा करना चाहते हैं। वो परेशान हैं क्योंकि देश ने उनकी तर्कहीन बातों को नकार दिया है। मैं कहता हूँ कि हमारे मुख्यमंत्री का ही अनुसरण कीजिए। वो शांत हैं, उदार हैं, लेकिन जनहित के निर्णयों को लागू करने को लेकर आक्रामक हैं। वो जनसेवा कर रहे हैं।”
This FB post from @AUThackeray ji with regards to the Wadala incident that was reported by media yesterday. pic.twitter.com/ygqwEJj68A
— Priyanka Chaturvedi (@priyankac19) December 24, 2019
आदित्य ठाकरे ने जो बयान जारी किया, उसमें पीड़ित राहुल तिवारी को बार-बार ‘ट्रोल’ कह कर सम्बोधित किया गया है। महाराष्ट्र की पुलिस पर भी इस मामले में पक्षपात का आरोप लगा है। तिवारी ने बताया कि पुलिस ने गुंडे शिवसैनिकों पर एफआईआर दर्ज करने के बदले उन्हें ही समन जारी कर दिया। पुलिस ने उन पर समझौता करने का दबाव बनाया। साथ ही उनके साथ हुई मारपीट का वीडियो भी सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया गया। तिवारी ने आरोप लगाया कि अलोकतांत्रिक माहौल बना कर विरोध में आवाज़ उठाने वालों का दमन किया जा रहा है।